आचार्य श्रीजी वहाँ पर दो घंटे रुके, कारीगर को बुलाया और भगवान आदिनाथ के कंधे पर आ रहे बालों को हटाया।
शहर में पहली बार दिगंबर जैन समाज के 14 मंदिरों के पंचकल्याणक की तैयारियां चमेलीदेवी पार्क गोयल नगर में की जा रही हैं। इन्हें देखने आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज बुधवार दोपहर अचानक पंचकल्याणक स्थल पर पहुंचे। वहां निरीक्षण के बाद विदुर नगर से आई सवा ग्यारह फीट की प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की पद्मासन पाषाण प्रतिमा में त्रुटि को ठीक कराया।
आचार्य श्री जी ने कुछ देर प्रतिमा को निहारा, फिर साथ चल रहे संघ को कारीगर बुलाने के लिए कहा। संघ से चर्चा कर कुछ दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद कारीगर को बुलाया गया और उसे प्रतिमा की त्रुटियां दूर करने के लिए बताया। इससे पहले उसे श्रीफल दिया। इसके बाद कानों के पास से कंधे तक आ रहे बालों को हटवाया। इस दौरान वे प्रतिमा के सामने ही संघ के साथ बैठे रहे। यह प्रतिमा मंगलवार रात ही पंचकल्याणक स्थल पर विदुरनगर से लाई गई थी।
पंचकल्याणक में शामिल होंगी 300 से अधिक मूर्तियां, 150 से अधिक आईं
ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि पहली बार एक साथ 14 मंदिर का पंचकल्याण होने जा रहा है। पंचकल्याणक 26 जनवरी से 1 फरवरी तक होगा। इसमें 300 पाषाण और धातुओं में ढली मूर्तियां भगवान बनेंगी। पंचकल्याणक में अजमेर से 25 और सागर से 7 और पुणे से भी तीन मूर्तियां आई हैं। होशंगाबाद से भी ढाई फीट की अष्टधातु की एक मूर्ति लाई गई है। इसके अलावा पंचबलयति मंदिर स्कीम नंबर 78, वैभव नगर, कनाड़िया, शिखरजी ड्रीम, निर्वाण विहार, छावनी, खातीवाला टैंक आदि मंदिरों का पंचकल्याणक होगा।
- Read more...
- 0 comments
- 1,377 views