21 को ललितपुर में होगा आचार्यश्री का मंगल प्रवेश!
- 21 को ललितपुर में होगा आचार्यश्री का मङ्गल प्रवेश!
- बार और बांसी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की अगुवानी के लिए उमड़ा श्रद्धा का जन सैलाव
- लड़वारी के ग्रामवासियों ने बनाई घर-घर रंगोली
- तीन दशक बाद नगर आ रहे हैं आचार्यश्री
- सजाया गया पूरा नगर, बनाई गईं आकर्षक रंगोली, बनाये गए तोरण द्वार
ललितपुर। जिस घड़ी का इंतजार ललितपुर वासियों को तीन दशक से था वह इंतजार अब 21 नवम्बर को पूरा होने जा रहा है। अपराजेय साधक भारतीय संस्कृति के संवाहक आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज अपने विशाल संघ के साथ ललितपुर नगर में प्रवेश करने जा रहे हैं। प्रवेश के दौरान पूरे रास्ते में पड़ने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मालिकों द्वारा अपने द्वार पर स्वयं सजावट और स्वागत की तैयारी की जा रही है। आचार्यश्री के देश-विदेश में लाखों की संख्या में भक्तों को देखते हुए इस भव्य मंगल प्रवेश का जिनवाणी चैनल पर लाइव प्रसारण भी होगा, जिसे देश -विदेश में देखा जा सकेगा।
मंगलवार को प्रातः ग्राम रमपुरा से आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज ससंघ का कस्बा बार के लिए पद विहार हुआ। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले ग्राम लड़वारी में आचार्यश्री के स्वागत के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने अनाज, रंग आदि से अपने दरवाजों पर रंगोली बना रखी थी साथ ही तांबे के मंगल कलश भी रखे गए थे। दीवालों पर भी लिखावट की गई थी। चारों ओर महिलाएं भी खड़ी होकर आचार्य वंदना के मंगल गीत गा रही थी। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उनके आगमन पर नमन कर आशीर्वाद लिया।
जैसे ही आचार्यश्री कस्बा बार पहुंचे तो वहां उपस्थित लगभग तीन हजार की जनता सड़क के दोनों ओर खड़े हो कर अगुवानी करने लगे। सभी को आशीर्वाद देते हुए आचार्य संघ मन्दिर दर्शन के लिए पहुँचा। आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य पंडित दयाचंद्र शास्त्री बार भेलोनी सूबा वालों को प्राप्त हुआ। विहार के दौरान उमड़ा हजारों का जनसैलाव देखने योग्य था। बार में आहारचर्या सम्पन्न हुई । सामायिक के बाद ग्राम बांसी के लिए उनका पद विहार हुआ। रास्ते में पड़ने वाले पुलवारा, बस्तगुवा, गड़िया के सैकड़ों ग्रामीण सड़क किनारे खड़े होकर नमन कर रहे थे। जैसे ही आचार्य संघ और उनके साथ हजारों की संख्या में चल रहे श्रद्धालु शाम 4 .30 बजे बांसी पहुँचे यहां उनका पलक -पावड़े बिछाकर स्वागत किया। पूरे गांव को सजाया गया था। लोग अपने घर दुकान के बाहर पानी और फल श्रद्धालुओं के लिए प्रदान कर प्रसन्न हो रहे थे। जगह जगह रंगोली बनाई गई थी। आशीर्वाद ग्रहण करने अपार जनसैलाव उमड़ पड़ा। यहाँ पर स्वागत द्वार, रंगोली बनाकर अपने गुरुवर का श्रद्धा के साथ वंदन किया। बांसी वाले कह रहे थे अपने जीवन में इतना जनसैलाव किसी संत के आगमन पर पहली बार देख रहे हैं। रात्रि विश्राम आचार्यश्री का बांसी रहेगा। बुधवार को प्रातः यहाँ से विहार कर आदिनाथ कॉलेज महर्रा में आहार होंगे। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 नवम्बर 2018 की शाम ललितपुर नगर में प्रवेश होगा।
इस दौरान जैन पंचायत समिति, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव समिति ललितपुर तथा हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाव उपस्थित रहा। सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए पुलिस अधिकारी और सिपाही बड़े ही आनंद के साथ आचार्यश्री के आगे और पीछे दौड़ते भागते चल रहे हैं। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए थे। उमड़े भारी जनसैलाब को व्यवस्थित तरीके से चालने में पुलिस प्रशासन जुटा रहा। श्री योगेंद्र बहादुर सिंह अपर जिलाधिकारी ने भी पहुँचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और आचार्यश्री से आशीर्वाद ग्रहण किया।
इस दौरान ललितपुर के साथ ही बार, बांसी, लड़वारी, कैलगुवा, गदयाना, महरौनी, मड़ावरा, पाली, तालबेहट, बबीना,जखौरा, बिरधा, टीकमगढ़ आदि समीपवर्ती स्थानों के बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
गल्ला मंडी से मसौरा तक बन रही है आकर्षक रंगोली :
आचार्यश्री के भव्य स्वागत के लिए गल्ला मंडी से लेकर पंचकल्याणक महोत्सव स्थल मसौरा तक भव्य, मनोरम रंगोली बनाई जा रही है। जो राहगीरों के लिए आकर्षण बन रही है।
सड़क के ऊपर किनारों में झिलमिल चमकनी तो नीचे बनी रंगोली को देखकर तो राहगीर भी आने वाले संत के दर्शनों को बेताब हो उठे हैं। गल्ला मंडी, इलाइट , राजघाट रोड, सदन शाह चौराहा, बस स्टेण्ड, घंटाघर, सावरकर चौक, तलाबपुरा, मवेशी बाजार, स्टेशन रोड, देवगढ़ रोड, नई बस्ती, गांधीनगर आदि नगर के सभी स्थानों की सजावट की गई है। साथ ही पचरंगा झंडे भी लगाए गए हैं। आयोजन स्थल गौशाला परिसर एवं बाहर हाइवे को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है। नगर की सजावट की जिम्मेदारी वीर क्लब को सौंपी गई है।
क्षेत्रपाल जैन मंदिर की हुई मनोरम सजावट :
स्टेशन रोड स्थित क्षेत्रपाल जैन मन्दिर में आचार्यश्री के आने को लेकर तैयारियां बहुत ही जोरों पर चल रही हैं एक ओर मन्दिर जी की साफ सफाई तो दूसरी ओर धर्म शालाओं में रंग रोगन ,डोम पांडाल में जहाँ पत्थरों को तराशने का काम चल रहा था खाली करा कर उसमें एक सुंदर सी मंच बनाने का काम भी प्रारंभ हो चुका है जो अंतिम चरण में है। रात्रि में क्षेत्रपाल मंदिर की सजावट देखते ही बनती है। आचार्यश्री के क्षेत्रपाल में मङ्गल पदार्पण की संभावना को देखते हुए पूरे प्रांगण को भव्य रूप में सजाया गया है।
स्वागत के लिये लगे सैकड़ों होर्डिंग :
सारे शहर के गणमान्य नागरिकों के बैनर पोस्टर सड़क के दोनों ओर लगते ही जा रहे हैं जिसे भी जहां जगह मिलती है वह अपने बैनर को सुंदर से सुंदर बनवा कर लगाने का प्रयास करते ही जा रहे हैं, कहीं- कहीं तो देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि बनाने वाले ने अपनी सारी भावनाओ को ही उसमें उड़ेल दिया है । लगाए गए होर्डिंग्स में आचार्यश्री के अनेक संदेशों को लिखा गया है, जो पठनीय और प्रेरित करने वाले हैं।
बने अनेक स्वागत द्वार : पूरे नगर में अनेक स्वागत द्वार बनाये गए हैं। अनेक श्रद्धालुओं ने भी अपने द्वार पर स्वागत के लिए द्वार बनाये हैं तथा घर के बाहर घर की महिलाएं रंगोली बनाने में जुटी हैं ।
-श्रीश सिंघई डॉ. सुनील संचय
ललितपुर
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