??*स्वर्णिम दिक्षा महोत्सव*
*"भाव - पुष्पांजली"*
28 June 2017
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*सौ.सुखदाअजितकुमार*
*कोठारी.गुलबर्गा ,कर्नाटक*
"नाम है तुम्हारा विद्यासागर,"
आया स्वर्णिम स्वर्ण दिक्षाजयंती अवसर,
कब तेरा दर्शन होगा !!
जिनकी चर्या इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा--2!!
हो ?हो ?
ज्ञान गुरुवर के ये लाडले,
दिक्षा देके वो भी हर्षे,
निग्रंथ दिगँबरता कि ये सुरत
संयम,त्याग,तपस्या की ये मुरत,
जैनागम के ये वटवृक्ष है,
संग इनके सारा संघ है!!
जिनकी शाखाये इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा!!
नाम है तेरा विद्यासागर--
हो हो ?हो हो--
चतुर्थकालसा आचरण इनका,
सदा सर्वदा खिलता चेहरा,
सूरज भी इनके सामने लगे है फिका,
झुका मस्तक,आशिश का हस्त
जिनका आशिश इतना फलता,
वो कितना फलदायी होगा-2
नाम है तुम्हारा विद्यासागर--
हो हो ?हो हो ?
ना ये मंत्र देते है,ना ही तंत्र विद्या सिखाते,
बस अपनेमे ही लीन है रहते,
सबको मोक्षमार्ग दिखलाते!!
जिसको अपना है कल्याण करना,
वो इनका दिवाना होगा-2
नाम है तुम्हारा विद्यासागर---
हो हो ?हो हो?
इस पंचम कालमे,आशावादी संसारमे,
जैनेश्वरी दिक्षा लेकर,
निर्दोषता से 50 वर्षोंसे पालन करके,चाहते बस इतना ही ये,
खुद के साथसाथ औरोंका भी कल्याण हो जाये ,
जिनका चिंतन इतना सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा!!
नाम है आपका विद्यासागर--
हो हो ?हो हो ?
केवल जैनी ही नही अजैन बंधू भी मानते इन्हे प्रभूवर है,
जो भी इनकी छत्रछाया मे रहता, वो खुद को सौभाग्यशाली समझता !!
बस!!एक नजर ही पड जाये गुरुकी,
धन्य धन्य जीवन होगा--2
नाम है तुम्हारा विद्यासागर---
हो हो ?हो हो ?
इस स्वर्णिम दिक्षा महोत्सव के अवसर पर,
मेरा ये सौभाग्य होगा,
रहे आप सदा मेरे हृदय में,
तभी ये मानव जीवन सार्थक होगा!!
कोटी कोटी नमन है गुरुदेव को,
सदा आपकी जयजयकार गुंजती रहे,
आपके जैसा आदर्श गुरु पाकर,
जैनधर्म की ध्वजा सदा लहराती रहे!!
संयम पथ पर चलनेकी शक्ती आपसे मांग रही,
वीतरागी बनू मै एक दिन,
सिध्दशिला आवास रहे-2
देखके आपकी कठीण साधना,
जैन धर्म को गर्व होगा,
जिनवाणी माता को भी ,
आज इस सुपुत्र से नाज होगा!!
सोचती हुँ आज मै गुरुवर,
जिनका लाल है इतना सुंदर,
वो मां जिनवाणी कितनी सुंदर होगी!!-2
नाम है तुम्हारा विद्यागुरुवर--
हो हो ?हो हो ?
Mrs.Sukhada Kothari.
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