Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Padma raj Padma raj

Members
  • Posts

    234
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    4

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Padma raj Padma raj

  1. त्याग की परिपूर्ण उदाहरण है हमारे संत सिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी को कोटी कोटी नमोस्तू गुरुदेव ।
  2. हम भारत वासी हमारे राष्ट्रभाषा हिंदी और अपनी-अपनी मातृभाषा को अपनाना चाहिए । विदेशी भाषाओ को कदापि नही पढ़ना है।
  3. सत्य धर्म को अपनाने से किसी तप जप करने की जरूरत नही है ।
  4. उत्तम क्षमा ही आत्मा की लक्षण है ।
  5. जो स्वयं को जानने की रास्ता पकड़ता है वो भगवान बनेगा । जैसे हमारे गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने पकड़े हैं।
  6. सबसे उत्तम दान अभय दान ही है । यही दान तो सभी जीव को कर सकते हैं। जो हमारे आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी गो रक्षा पर जोर दे रहे हैं।
  7. मेरे छोटे बाबाजी नमोस्तू गुरुदेव । आप तो संसार के सार हैं। कोटी कोटी नमोस्तू भगवान । जगत के रत्न दीप हैं।
  8. अनर्थ दण्ड वह है जो अपनी अवश्य से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। चाहे वह जो भी हो ।
  9. जैन धर्म तो जीने की कला है । जैसे कमल के पत्ते पानी मे रहकर भी उससे अलग रहती है । जैसे हमारे गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी जी रहे हैं। संसार मे रहते हुए भी अलग रहते हैं।
  10. मोक्षमार्ग का पहला सीटी है ब्रम्हचर्य पालन करना
  11. सन्त सिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज जी के चरणों मे कोटी कोटी नमोस्तू।
  12. संयम स्वर्ण महोत्सव के दौरान तमिलनाडु मे मेरी ओर से अभी तक 52 लोगों को हमारी पत्राचार पाठ्यक्रम मे भर्ती करके हमारे छोटे बाबाजी की आशीर्वाद से पढा रहा हूूॅ । इसके अलावा आचार्य श्री विद्यासागर महाराज कीी जीवन गाथा तमिल मे "छोटे बाबा" शीर्षक मे श्री् श्रुतकेवली मासिि धर्म पत्रिका मे लिख रहा हूॅ । मेरे विचार मे "संयम स्वर्ण महोत्सव " विश्व पर ऐसा मनाना चाहिए कि दुनिया पर ऐसा महोत्सव त्रिकाल मे कभी इतनी धूम धाम से नही मनाना चाहिए ।
×
×
  • Create New...