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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

anuyog jain

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  1. नमोस्तु आचार्य श्री...🙂 शीर्षक - तरण नहींं वितरण के बिना।
  2. नमोस्तु आचार्य श्री...🙂 शीर्षक - 1. मोह से मोक्ष तक। 2. मारक भी तारक हो सकता है। 3. मोह का ट्रीटमेंट। 4. दृव्य, क्षेत्र, काल, भाव के परिवर्तन से हानिकारक भी लाभप्रद हो सकता है।
  3. नमोस्तु आचार्य श्री...😊 शीर्षक - 1. स्वाभाविक आलोक किसी से आहत/मन्द नहीं होता। 2. अपने उपयोग को समता में रखने का प्रयास करें। 3. वर्तमान के ज्ञान को श्रद्धान के साथ रखने से वह वरदान सिद्ध होता है। 4. जो मिला है उसका सदुपयोग करें। इस प्रकार गुरु जी ने दीपक को रत्न दीप की ओर ले जाने के लिए मार्मिक उद्बोधन दिया... जो सभी के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो, इसी भावना के साथ गुरूदेव के चरणों में बारम्बार नमोस्तु...
  4. शीर्षक - कर्म निर्जरा करने की विधि नमोस्तु आचार्य श्री 😊
  5. जय जिनेन्द्र शीर्षक - आत्म तत्त्व को देह से पृथक करने की प्रक्रिया
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