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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

☀️सूर्य की किरणें विशेष स्वास्थ्यवर्धक होतीं हैं☀️


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घाटोल 10/10/23

*सूर्य की किरणें विशेष स्वास्थ्यवर्धक होतीं हैं*
*डूँगरपुर की समाज ने श्रीफल अर्पण कर के मुनि संघ को आमंत्रण दिया*


*आचार्य श्री विद्यासागर जी का अवतरण दिवस पूरे विश्व सहित मनाया जाएगा*
श्री वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर मे परम पूज्य सर्वश्रेष्ठ साधक
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 
शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में सर्वश्रेष्ठ साधक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अवतरण दिवस पूरे विश्व सहित घाटोल में 28 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा   इसके अंतर्गत आचार्य श्री की महापूजन,पाद प्रक्षालन,शास्त्रअर्पण, सांस्कृतिक कार्यक्रम,मुनि राजों के प्रवचन के साथ मनाया जाएगा वृक्षारोपण, गरीबों को भोजन,औषधि,वस्त्रदान, मिष्ठान वितरण,भी किया जाएगा डूँगरपुर की समाज ने श्रीफल अर्पण कर के मुनि संघ को आमंत्रण दिया
इस अवसर पर  मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि  प्रभु के सामने बालक बनकर अपनी आलोचना करना 
  मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने इष्टोंपदेश ग्रंथ की व्याख्या करते हुए अनेक धार्मिक क्रियाओं के बारे में बताया 
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने संस्कारों के बारे में बताया 
 मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि सूर्य ताप, प्रकाश एवं ऊर्जा का सबसे बडा प्राकृतिक स्रोत है। हम सूर्य की ऊर्जा का लाभ लेना नहीं जानते । घर एवं व्यवसायिक स्थलों पर दरवाजे बंद कर पर्दे लगाए जाते हैं और बिजली की रोशनी में कार्य करने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप वहाँ रहने एवं कार्य करने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता  क्षीण होती जा रही है। यदि सौर ऊर्जा का नियमित विधिवत् आवश्यकतानुसार प्रयोग कर मस्तिष्क को सौर ऊर्जा से उत्प्रेरित कर दिया जाये तो मानव जीवन की अधिकांश समस्याओं का समाधान सहज हो सकता है और हमारे जीवन में सकारात्मक सोच, आत्म विश्वास में वृद्धि, तनाव एवं भय से मुक्ति हो जाती है। भूख एवं अन्य कामनाओं पर सरलता से विजय प्राप्त की जा सकती है । सूर्योदय के समय वायुमण्डल में अदृश्य परा बैंगनी किरणों का विशेष प्रभाव होता है, जो विटामिन डी का श्रोत होतीं हैं। ये किरणें रक्त में लाल और श्वेत रक्त कणिकाओं की वृद्धि करती हैं। श्वेत कणिकाएँ बढ़ने से शरीर में रोग प्रतिकारात्मक शक्ति बढने लगती है। सीमित परा बैंगनी किरणें तपेदिक, हिस्टेरिया,  मधुमेह,  सम्बन्धी रोगों में लाभकारी होती हैं। ये शरीर में विकारनाशक शक्ति पैदा करती है। तथा रक्त में कैल्सियम की मात्रा भी बढ़ाती हैं जिससे शरीर में हड्डियाँ मजबूत होती हैं। आंतों में अम्ल, क्षार का संतुलन एवं शरीर में फॉस्फोरस, कैल्सियम का संतुलन बना रहता है। सूर्य किरणें गन्दगी और दुर्गन्धता दूर करतीं हैं, वास्तव में सूर्य के अभाव में स्वस्थ जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रातः कालीन सूर्योदय की किरणें विशेष स्वास्थ्यवर्धक होतीं हैं। जिस घर में उन किरणों का बाहुल्य होता है, वहां संक्रामक रोग होने की संभावना कम हो जाती है। प्रातः कालीन सूर्योदय के सामने चन्द मिनटों तक देखने से नेत्र ज्योति बढ़ती है, परन्तु सूर्योदय के 40-45 मिनिट पश्चात् सूर्य को खुले नेत्रों से देखना हानिप्रद हो सकता है। उदित होते हुए सूर्य को देखने से शरीर के सभी आवश्यक तत्त्वों का पोषण होता है। हृदय रोग, मस्तिष्क विकार, आँखों का विकार, आदि अन्य व्याधियाँ दूर होती हैं। प्रातः कालीन हल्की धूप में सूर्य की तरफ मुख कर तथा आँखें बंद कर शरीर को दाएँ-बाएँ, आगे-पीछे, धीरे-धीरे चारों तरफ घुमाने से गर्दन के रोग दूर होते हैं। मस्तिष्क में रक्त का संचार सुव्यवस्थित होता है तथा तनाव दूर होता है। सूर्य किरणें जीवनी शक्ति बढ़ाती है, स्नायु दुर्बलता कम करती हैं। पाचन  की क्रियाओं को बल देती हैं, पेट की जठराग्नि प्रदीप्त करतीं है। रक्त परिसंचरण संतुलित रखतीं है, अन्त:स्रावी ग्रन्थियों का स्राव बनाने में सहयोग करती है। इससे प्राणवायु की मात्रा बढ़ जाती है। जो कार्य क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है। इससे पाचन शक्ति सुधरती है। सूर्य की रोशनी में अनेक सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति नहीं हो सकती जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होते हैं।  सात रंगों से बनी सूर्य की किरणें मानव के लिये आरोग्यप्रद होती है। तथा रंग चिकित्सा के सिद्धान्तानुसार सूर्य की किरणों से बहुत से असाध्य रोग पूर्णतया ठीक हो सकते हैं। सौर ऊर्जा ही एक ऐसा माध्यम है। जिसकी किरणों के विधिवत् नियमित सेवन से मस्तिष्क रूपी सुपर कम्प्यूटर को अधिक व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जा सकता है।
 गुनगुनी धूप जब आपकी त्वचा पर पड़ती है तो इससे सूजन, हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती है और दिल के दौरे तथा स्टोक का खतरा भी नहीं रहता, कोलेस्टॉल भी कम होता है। सूर्य हमेशा हमें जीवनदायिनी ऊर्जा देता आया है। अगर आप नियमित रूप से धूप स्नान करते हैं तो इससे न केवल दांत मजबूत रहेंगे बल्कि बालों की ग्रोथ भी बरकरार रहेगी, तनाव भी नहीं रहेगा।

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