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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

☀️गरीबो को दान दो और कीर्ति कमाओ☀️


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घाटोल 26-09-2023

*आपके दान की चर्चा पूरे विश्व में हो।*

*अनीति पूर्वक आया धन 11वें वर्ष में नष्ट हो जाता है।*

*गौशाला के लिए दान देने वाले का अकाल मरण नही होता है*

*गरीबो को दान दो और कीर्ति कमाओ ।*


*मुनि श्री*

(आठवां दिन दश लक्षण महापर्व उत्तम त्याग धर्म)  श्री वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान मे
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 
शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया जी रहली के निर्देशन में दशलक्षण महापर्व उत्तम त्याग धर्म के अंतर्गत मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुई ।
मूल उपनयन संस्कार के ड्रा का परिणाम घोषित हुआ दीपक मुंगानिया की ओर से पुरूस्कार प्रदान किये गए।मुनि श्री धर्म सागरजी का दूसरा उपवास था।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि तप तो कर रहे है पर दान नही कर रहे है तो यह ठीक नही है ,जो दान प्रिय वचनों के साथ दिया जाता है वज महत्वपूर्ण होता है, अवसर पर दिया गया दान अमूल्य हो जाता है , 700 वर्ष बाद सौभाग्य जागा है तब आपने रजत वेदी और गर्भगृह बनाया है, करोड़ो में एक होता है दानी , दान देने से अनंत गुना फल मिलता है , आपके दान की चर्चा पूरे विश्व में हो।मुनि श्री अनंत सागरजी महाराज ने सामायिक पाठ की व्याख्या की।
  मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि त्याग धर्म है दान पुण्य है , त्याग से ही इस जगत में यश का लाभ होता है , त्याग का मतलब दान होता है , दान अंश का होता है त्याग सर्वस्व का होता है , हमारे देश में त्यागी की पूजा होती है और दानी की प्रशंसा होती है, जो धन सम्पन्नता के साथ उदारता अपनाता है दुनिया उसे हृदय में विराजती है, तुम्हारे द्वारा जोड़े गए धन से समाज का कल्याण हो, धर्म की प्रभावना हो ,संस्कृति की रक्षा हो, मानवता की सेवा हो, त्याग ही जीवन मे सम्मान करता है, जीव को ऊपर उठाता है ,शांति का सोपान है ,मुक्ति का मार्ग है, जीवन का सौंदर्य है, दान जीवन को संवारता है , त्याग बुराइयों का होता है, दान अच्छी चीजों का, गरीबो को दान दो और कीर्ति कमाओ ,अनीति पूर्वक आया धन 11वें वर्ष में नष्ट हो जाता है ,चोरी का धन तीन पीढ़ी से ज्यादा नही रहता है ,गौशाला के लिए दान देने वाले का अकाल मरण नही होता है|

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