Yug dhirawat Posted September 15, 2023 Report Share Posted September 15, 2023 घाटोल 14-09-2023 *दान देने के बाद आज तक कोई गरीब नहीं हुआ* श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि दान की महिमा अपरंपार है धन की तीन गति होती है दान, भोग और नाश। 25%, 17%, 10% अपनी आमदनी का इतना दान करना चाहिए, धन को गाड़कर रखने की अपेक्षा दान देकर धन को गाढ़ा बनाओ। गौशाला की सुरक्षा में भावना के साथ-साथ धन भी लगाइये। आप दान दे रहे हैं लगा नहीं रहे हैं। कंजूस धन का दान नहीं करता है वह छोड़ जाता है तो दूसरे उसका उपयोग करते हैं। धन त्याग से शोभित होता है। दान देने वाले का हृदय विशाल होता है, मनुष्य कमाता दो हाथ से और खाता एक हाथ से, पुण्य से धन कमाओ और पुण्य कार्य मे लगाओ, गौशाला निर्माण करने वाला भी ऊपर उठता हुआ है करोड़ों व्यक्तियों में एक दाता होता है। दान देते समय विशुद्धि है तो भगवान बनता है। जो देगा उसे और मिलेगा जो बाँटेगा वह और पाने का हकदार हो जाता है। जो रोक लेता है वह सड़ जाता है, कुआँ रोज-रोज लुटाता है और जब लुटाता है तो नए स्रोत आते जाते हैं। दान देने से जीवन व धन दोनों सफल होते हैं। अपने साधनों के अनुरूप दान करो, अन्यथा ईश्वर तुम्हारे दान के अनुरूप तुम्हारे साधन बना देगा। जो मनुष्य अपनी बढ़ती हुई लक्ष्मी को सर्वदा परोपकार के कार्यों में देता है, उसकी लक्ष्मी सदा सफल है। हमारे देश में त्यागी की पूजा होती है और दानी की प्रशंसा त्याग ही जीवन में सम्मान कराता है, त्याग ही जीवन के सौन्दर्य को निखारता है। है। दान देने के बाद नृत्य करके आनंद मनाना चाहिये। दान देने के बाद आज तक कोई गरीब नहीं हुआ जिन्होंने भी दान दिया, दान देने के बाद जमीन, मकान बेचने का सोचा था लेकिन वह बेचना नहीं पड़ा और दान की राशि चुक गई। दानी और प्रिय बोलने वाले लाखों में भी दुर्लभ है। तुम्हारे द्वारा जोड़े गये धन से समाज, देश, समूह का कल्याण हो, धर्म की प्रभावना हो, संस्कृति की रक्षा हो, राष्ट्र का उत्थान हो और मानवता की सेवा हो । है। बिना मांगे देने पर लाख गुना पुण्य होता है ।। गुप्त दान देने से करोड़ गुना पुण्य होता। दान देने वाला ऊपर उठता जाता है। गृहस्थाश्रम में सिवाय दान के दूसरा कोई कल्याण करने वाला नहीं है। जो विभूति का उपयोग गौशालाओं में गाय की रक्षा में करता है भाग्यशाली होता है। । , दान का सीधा मतलब है अपने तन, मन और धन से औरो की सहायता करना। दान विघ्नों का नाश करने वाला है शत्रुओं का बैर दूर करने वाला है। दान से इंसान का नसीब खुलता है दान देने से पूरी दुनिया में यश कीर्ति फैलती है। लोगों में चर्चा होती है। दान दिये बिना सोना नहीं और दान देकर रोना नहीं। दाता करोड़ों में एक मिलता है। मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने लाईफ मेनेजमेंट के सूत्र बताये। मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि जीवन में धार्मिक क्रियाए करनी चाहिए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि प्रसन्नता से बात करने से अच्छा प्रभाव पड़ता है ,अपने को ऊंचा दूसरे को नीचा दिखाने वाला कार्य नहीं करना चाहिए Link to comment Share on other sites More sharing options...
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