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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

☀️💐व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहिचान उसकी वाणी और क्रियाकलापों से होती है ☀️💐


Yug dhirawat

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घाटोल 10-09-2023


*जब गाय अदालत पहुंची*


*व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहिचान उसकी वाणी और क्रियाकलापों से होती है*

*राष्ट्रीय स्तर के हो रहे आयोजन की तैयारिया जोरो पर*

*भारत के कई नगरों से होंगे लोग शामिल* 

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि समय का घोड़ा तेज गति से भागता है। समय का पीछा आज तक कोई नहीं कर सका । कम्प्यूटर, मोबाइल के युग में तीव्र गति से समय का परिवर्तन हो रहा है । धर्म यह मानकर करना चाहिए कि काल मेरे पीछे पड़ा है और धन यह सोचकर कमाना चाहिए कि मुझे अभी सौ वर्ष और जीना है । भूतकाल सपना है, भविष्यकाल कल्पना है और वर्तमान सिर्फ अपना है भूत काल के सपनों में खोया रहने वाला कभी कुछ कर नहीं सकता । भविष्य काल की कल्पना करते हुए यदि वर्तमान में पुरूषार्थ नहीं करते तो भी कुछ सफलता प्राप्त कर नहीं सकते बीते हुए समय को भूलकर वर्तमान में पुरूषार्थ करने वाले का भविष्य उज्ज्वल होता है समय का पाबन्द व्यक्ति विश्वसनीय होता है आलसी व्यक्ति वर्तमान में करने योग्य कार्य को भविष्य के लिए छोड़ देता है  व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहिचान उसकी वाणी और क्रियाकलापों से होती है मोह के समान कोई शत्रु नहीं, क्रोध के समान कोई अग्नि नहीं, और क्षमा के समान कोई सुख नही।
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने कहा कि  तत्वार्थसूत्र पढ़ने से विशेष उपवास का फल मिलता है 
मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि स्तुति के माध्यम से कर्म ढीले पड़ जाते है 
मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने एक कहानी के माध्यम से बताया जब गाय अदालत पहुंची

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