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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

☀️💐भक्ति से ही शक्ति का जागरण होता है☀️💐


Yug dhirawat

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घाटोल 31-08-2023
*प्रभु की रथ यात्रा वैभव के साथ निकालना चाहिए *मुनि श्री*

*भक्ति से ही शक्ति का जागरण होता है*

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
*मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि प्रार्थना का अभिप्राय है - हे भगवन जिस मार्ग पर चलकर आप समस्त दुःखों से मुक्त बने हो, वह मुझे भी प्राप्त हो जाए। प्रार्थना याचना नहीं है क्योंकि याचना का अर्थ है - हे प्रभु! जिस मोह माया को छोड़कर आप भगवान बने हैं वह मुझे मिल जाए। प्रार्थना और याचना में यही सूक्ष्म अंतर हैं कि प्रार्थना करने वाला पुजारी कहलाता है  । प्रार्थना में मन का तार जब तक आस्था के पावर हाउस से नहीं जुड़ जाता तब तक न प्रकाश मिल सकता है न शक्ति । भक्ति से ही शक्ति का जागरण होता है इनसे न कभी संतुष्टि मिलेगी न ही शांति प्राप्त होगी अपितु लालसा बढ़ती ही जाएगी। परमात्मा से तो सिर्फ इतना ही कहना-जैसे आप हैं वैसा मुझे भी बना दीजिए। जो आपने किया है वैसा ही करने की शक्ति मुझे प्रदान कीजिए। ऐसी कृपा कीजिए कि आप जैसी भगवत्ता मुझमें भी प्रकट हो जाए। प्रभु के चारणों में तो उन जैसा दिव्य आचरण ही मांगना । ऐसे ईश्वरीय आचरण में ही अनन्त सुख और अमिट संपदाओं का निवास हुआ करता है।
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने कहा कि सूत्रों का उच्चारण पुण्य बढ़ाने में कारण होता है  
मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि भक्ति की महिमा अपरंपार है 
 मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि प्रभु की रथ यात्रा वैभव के साथ निकालना चाहिए साढ़े बारह करोड़ वाद्य यंत्र बजाए जाते है मंगल गान करते हुए चलते है दीन दुखियो को वस्त्र आदि दान करना चाहिए प्रभु जब निकलते है तो घर को सजाना चाहिए भगवान के सामने प्रतिदिन रंगोली डालना चाहिए

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