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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

✨💐 पढ़ लिख कर भी सांसारिक मोहमाया से दूर है✨🪷


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घाटोल 21-08-2023
*घाटोल के पुरुषो, महिलाओ बालिकाओ, नवयुवको एवं बच्चो को आना है  - मुनि श्री विमल सागर जी*
*जन सैलाब उमड़ पड़ा*_मुनि श्री 

*पढ़ लिख कर भी सांसारिक मोहमाया से दूर है*

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर  में  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
*मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि  त्याग के समान कोई सुख नहीं है । त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ्य और सुंदरतम् बनाता है। त्याग का संस्कार हमें प्रकृति से ही मिलता है।त्याग एक ऐसा धर्म है जिसके बिना हमारा जीवन कष्टमय हो जाता है। आचार्य श्री की कृपा से हम सभी को मुनि दीक्षा की प्राप्ति हुई थी, गुरु के उपकारों को हम कभी नही चुका सकते है गुरु सिखाते है की परिश्रम से पीछे नहीं हटो दृढ़ निश्चय व श्रद्धा से कर्तव्य करो गुरु के पास अनुभव का वैभव का होता है 
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने कहा कि भक्ति की महिमा अपरंपार है       
मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्यों ने जब भक्ति की तो अतिशय हुए 
 मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि नेमिनाथ भगवान के जन्म,तप कल्याणक के दिन 25 उच्च शिक्षा प्राप्त बाल ब्रह्मचारियो की मुनि दीक्षा हुई थी जन सैलाब उमड़ रहा था 22 अगस्त को उन सभी का मुनि दीक्षा दिवस मनाया जाएगा आपको बड़े उत्साह के साथ मनाना है पूरे घाटोल के पुरुष महिलाए, बालिका, नवयुवक बालको को आना है 23 अगस्त को श्री पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव आनंद और भव्यता के साथ मनाना है,अपने अपने घर से लाडू लाना है और चढ़ाना है, यदि नही हो पाता है तो नारियल का सूखा गोला या श्रीफल लाना है और चढ़ाना है 
दैनिक भास्कर सागर मध्यप्रदेश 3 मई 2009 के संस्करण में आया था।पढ़ लिख कर भी सांसारिक मोह-माया से दूर हैं आचार्यश्री के संघ के सदस्य *ऊंची तालीम लेकर बने सन्यासी* जिन्हें कांच के एसी केबिन में बैठे होना चाहिए वे भरी गर्मी में धूल भरे रास्ते को पैदल नाप रहे हैं। राग-रंग, पैसा-प्रतिष्ठा के करीब पहुँचकर वैराग्य के रास्ते चलने वालों का यह कारवाँ आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के साथ चल रहा है उनके संघ में कई ऐसे संत शामिल हैं जो बड़ी-बड़ी डिग्रियाँ रखे हुए हैं। इनमें कई प्रोफेशनल उपाधियाँ हासिल की हैं। इन ऊँची उपाधियों का अब उन्हें तनिक भी गुमान नहीं है। यद्यपि ये अब उनके काम नहीं आतीं लेकिन अधिकतर का मानना है कि इससे इंसान को एक दृष्टि मिलती है।

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