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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

श्रमदान, हथकरघा प्रकल्प का नया रूप


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हथकरघा का नया रूप श्रमदान  (1).jpegदो वर्ष पूर्व गुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की सूक्ष्म दृष्टि ने पूरे देश को असमानता, गरीबी से निजात पाने के लिए एक समाधान दिया, स्वालम्बन के साथ रोजगार और इससे शुरू हुयी बदलाव की एक दास्ताँ... यह प्रकल्प है हथकरघा। कुछ उच्च शिक्षित ब्रहमचारी भाईयों के एक समूह के माध्यम से प्रारंभ हुआ यह प्रकल्प म.प्र. के लोकप्रिय तीर्थ बीना बारह एवं कुण्डलपुर में मुख्य रुप से स्थित हैं। गुरुदेव ने इन पवित्र विचारों को नाम दिया है श्रमदान। प्रस्तुत है हथकरघा अपने नए और आशावान रूप मे "श्रमदान" के नाम।

 

7 फरवरी 2018 को भट्टारक श्री चारूकीर्ति जी ने राष्ट्रपति महोदय को श्रमदान का प्रशस्ति पत्र देकर जहाँ श्रमदान का आग़ाज किया वहीं श्री अशोक जी पाटनी के मुख्य आतिथ्य में श्रमदान के प्रथम उत्पाद प्रदर्शनी का उद्घाटन कल 17 फरवरी 2018 की प्रातः वेला में हुआ। बहुत ही जल्दी ये उत्पाद www.shramdaan.in पर उपलब्ध होंगे। कृप्या www.shramdaan.in पर अपने आप को रजिस्टर करें।
आप श्रम दान से निम्न लिंक से जुड़ सकते है :

http://www.shramdaan.in/
https://www.instagram.com/shramdaann/
https://twitter.com/hathkargha
https://www.facebook.com/Shramdaann
https://www.youtube.com/c/shramdaan

 

 

चारूकीर्ति जी राट्रपति राम नाथ कोविन्द जी को श्रम दान प्रशस्ति पत्र भेट करते हुए  

 

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श्रवण बेलगोला में लगी श्रम दान प्रदर्शनी के चित्र          

 

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