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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. आयुर्वेद के ग्रंथ, विज्ञान और मानव समाज द्वारा किये गये अभ्यासों के आधार पर गायका दूध वात-पित्त आदिको दूर करनेवाला है। और गाय के दूध-घी पाचन प्रक्रिया में सरल, माता के गर्भ से लेकर जीवनभर सबके लिए अमृत समान पोषक है, शक्ति, आरोग्य एवं जीवनदाता है। शरीर में कोलेस्ट्रोल के समतोलन का निर्माता है। इस दूध से मेद में वृद्धि नही होता। यह हृदय को बल देनेवाला है। गाय को खूब पसीना आता है जिससे गाय के दूध मे अशुद्धि हानिकारक तत्व नही रहते।
  2. गाय के दूध-घी में रोग प्रतिकारक शक्ति, बुद्धि शक्ति, ओजस एवं तेजस्विता में वृद्धि करनेवाला सुवर्णक्षार रहता है। अत: गाय के दूध-घी से तन्दुरस्त मनुष्य को कफ नहीं होता है।
  3. गाय के दूध-घी में आँखों के तेज की वृद्धि करनेवाला या अंधापन को दूर करनेवाला केरोटिन एवं विटामिन-ए अधिक मात्रा में होता है।
  4. गोमूत्र पृथ्वी पर की श्रेष्ठ संजीवनी (औषध) है। अनेक रोगों में एक दवाई अर्थात्-गोमूत्र है।
  5. गाय के दूध, घी, छाछ, गोमूत्र एवं गोबर में १०० से भी ज्यादा गुण रहते है। और १५० से भी बढ़कर रोगों को मिटाते है।
  6. गाय की छाछ अंतडी की शक्ति को बढ़ाकर संग्रहणी के रोग को मिटाकर अमृत समान सिद्ध होती है तथा अत्यंत स्वादिष्ट होती है।
  7. गाय का दूध-घी शरीर के भीतर होनेवाले रोग जैसे की हृदय-रोग, डायबिटीस, अशक्ति, वृद्धत्व, श्वास, वात, ऑखों की निर्बलता, जातीय निर्बलता, मानसिक रोगों को मिटानेवाले है।
  8. पानी, घास आदिकी कमी, अकाल आदि का सामना करने की कुदरती शक्ति गाय में ज्यादा है। बहुत कम या सूखा खोराक खाने पर भी दूध देती है।
  9. गीर, शाहिवाल, थरपाकर, राठी, कांकरेज, ऑगोल गाय बीयात का २००० से ६००० लीटर दूध देती है।
  10. भारतीय देशी गाय आखिर तक दोनों समय दूध देती है।
  11. प्रेमपूर्ण स्वभाव की वजह से अपने बच्चे को देखने पर या अपने पालक के हाथका स्पर्श होते ही उसके थन दूध से भर जाते है। इसी कारण गायको दोहने के लिए पूरे देश में कोई दवाई, इन्जेक्शन आदि का उपयोग नहीं करना पडता। १० मिनट में गोदोहन की क्रिया हो जाती है।
  12. औसत दूध नहीं देने के दिवस ६० से लेकर ९० है।
  13. दो दिन के भूखें पेट होने पर भी सब देशी गाय प्रेम से खडी रह कर दूध देती है।
  14. कृषि के लिए बैल देती है।
  15. देशी गाय अपने पालक को अनन्य प्रेम, मैत्री, करूणा एवं प्रसन्नता देती है।
  16. अपने पालक की सब आज्ञाओंका पालन करती है।
  17. गायों की दूध देने की नैसर्गिक प्रवृति या प्रक्रिया बारहों महीना जारी रहती है।
  18. देशी गाय के दूध में औसन् ४.५ % से लेकर ५ % प्रतिशत घी होता है। गाय का घी सुपाच्य एवं जीवनदाता है।

 

सोचो समझो भारत मां के मुंह में आज मुस्कान नहीं,

पशु मांस निर्यात करें यह अपना हिन्दुस्तान नहीं।

आचार्य विद्यासागरजी

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