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गाय के घी से ह्रदयरोग से मुक्ति


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मुझे ढाई साल से हृदय के स्नायुओंकी पीडा सतत रहा करती थी। मैं ठीक से सो भी नहीं सकता था। अत: अहमदाबादकी अस्पताल में इको टेस्ट द्वारा जाँच करने से पता चला की हृदय की मुख्य तीन नालियाँ ७० प्रतिशत बंध थी तथा कोलेस्टोरल की मात्रा भी अधिक थी। उसके बाद मनसुखभाई सुवागीया की सलाह से मैंने हमेशा सुबह में देशी गाय के दूध की एक कप चाय में एक चम्मच देशी गाय का घी डालकर पीना शुरू कर दिया। नौ महिनें मे बिना किसी दवाई हृदय का दर्द बंद हो गया। उसके उपरांत उसी अस्पताल में जाँच करवाई तो डॉ. वी. पी. पटेलने बताया कि अभी हृदय की तीन नांप्लिया खुल गई है। और सामान्य बन गई है और कोलेस्टोरल का प्रमाण भी सामान्य

है।

 

मूल हृदयरोग से मुक्ति मिल गयी है इस बातका प्रमाण तब मिला जब १-११-२००८ के दिन जलक्रांति ट्रस्ट द्वारा आयोजित पाँचवी जल एवं गोरक्षा के लिये गिरनार परिक्रमा में किसी भी तकलीफ बिना १० घंटे में तीन ऊँचे पर्वतो को पार कर मैंने २७ किलोमीटर की परिक्रमा संपन्न की।

 

देशी गाय के घी से ब्लडप्रेशर (बी.पी.) वाले अन्य तीन रोगीयों ने भी हमारे साथ आसानी से इस परिक्रमा को साकार किया। इस से सिद्ध होता है कि देशी गाय के दूध-घी से किसी भी प्रकार के हृदयरोग को मिटाकर नई जीवन-शक्ति प्रदान की जा सकती है। देश के लिए, गाय के दूध-घी के गुणों का एवं परिणामोका अभ्यास करनेकी एवं इनको सामान्य जन तक पहुँचाने की कडी आवश्यकता है।

- अतुलभाई डी. पटेल - BAPS साळंगपुर, मो -०९४२९०६५१३४

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