Jump to content
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

दया का सहयोग विवेक


संयम स्वर्ण महोत्सव

415 views

दया का सहयोग विवेक

 

हाँ यह बात भी याद रखने योग्य है कि दया के साथ में भी विवेक का पुट अवश्य चाहिए। दया होगी और विवेक न होगा प्रत्युत उसके ही स्थान पर मोह होगा तो वह उस विश्व संजीवनी दया को भी संहारकारिणी बना डालेगा। मान लीजिये कि आपको बच्चे को कफ, खांसी का रोग हो गया, आप उसको आराम कराना चाहते हैं और वैद्य के पास से दवा भी दिला रहे हैं, मगर बच्चे को दही खाने का अभ्यास है, वह दही मांगता है, नहीं देते हैं तो रोता है, छटपटाता है, मानता नहीं है, तो आप उसे दही खाने को दे देंगे? अपितु नहीं देंगे, क्योंकि दही खिला देने से उसका रोग बढेगा यह आप जानते ही हैं। फिर भी आपको उस बच्चे के प्रति कहीं मोह आ गया तो सम्भव है कि आप उसे छटपटाता हुआ देखकर उपर्युक्त बात को भूल जावें तथा उसे दही खाने को देखें तो यह आपकी दया के बदले उस बच्चे के प्रति दुर्दया ही कही जायेगी, जो कि उसके स्वास्थ्य को बिगाड़ने वाली ही होगी।

 

रावण को मार कर श्री रामचन्द्रजी महाराज जब सीता महाराणी को वापिस लाये और घर में रखने लगे तो लोगों ने इस पर आपत्ति की। श्री रामचन्द्रजी यह जानते अवश्य थे कि सीता निर्दोष है इसमें कोई भी शक नहीं, फिर भी वनवास का आदेश दिया ताकि वन के अनेक संकट सहकर भी अन्त में उसे परीक्षोत्तीर्ण होना ही पड़ा। अगर श्री रामचन्द्रजी महाराज ऐसा न करते तो क्या आज लोगों के दिल में सीता महाराणी के लिए यह स्थान हो सकता था? श्री रामचन्द्रजी की गौरव कथा जिस महत्ता से आज गायी जा रही है वह कभी भी संम्भव थी? कि एक साधारण आदमी की आवाज पर श्री रामचन्द्र जी ने अपने प्राणों से प्यारी सीता का परित्याग कर दिया, ओह कितना ऊँचा स्वार्थत्याग है परन्तु बात वहां ऐसी थी, श्री रामचन्द्रजी महापुरुष थे, उनकी निगाह में सभी प्राणी अपने समान थे। बस इसीलिए तो सब लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...