पश्चिम से पूर्व की और ध्वजा का जाना एक शुभ संकेत हैं: आचार्य श्री विद्यासागरजी
पश्चिम से पूर्व की और ध्वजा का जाना एक शुभ संकेत हैं: आचार्य श्री विद्यासागरजी मांगलिक कार्यों के शुभारंभ में ध्वजारोहण का यह अवसर अपूर्व हैं अपूर्व का अर्थ हैं जो पहले कभी न हुआ हो उपरोक्त उदगार आचार्य भगवन् श्री विद्यासागरजी महाराज ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर रायपुर लाभान्डी में प्रातः कालीन प्रवचन सभा में व्यक्त किये! उन्होंने कहा कि समवशरण की रचना के पूर्व ध्वजारोहण होंना और वह पश्चिम दिशा से पूर्व की ओर जाना एक शुभ संकेत हैं का यह अवसर अपूर्व हें! मांगलिक कार्यों के प्रारंभ में ध्वजारोहण करते हें हमारेजीवन में कव यह अपूर्व अवसर कब आएगा जब हम भी सिद्ध अवस्था को प्राप्त हों! आचार्य श्री ने कहा कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के रूप में जो लोग उपस्थित हैं! जिसका आनंद आप लोगों के लिये भी अपूर्व अवसर हें! मुक्ति अवस्था को हम मति ज्ञान और श्रुति ज्ञान के माध्यम से आनंद का अनुभव करेंगे! आचार्य श्री ने कहा कि इस अवसर पर कषायों को कम करिये! एक दम समाप्त नहीं कर सकते तो धीरे धीरे कम करिये ! दयोदय महासंघ के प्रवक्ता अविनाश जैन विदिशा वालों ने वताया प्रातः काल की शुभ मंगलवेला में श्री जी की शोभायात्रा निकाली गई एवं आचार्य श्री के संघ सानिध्य में मुख्य पांनडाल के द्वार पर मंत्रोचारण के साथ प्रतिष्ठाचार्य श्री जय कुमार शास्त्री भोपाल एवं सहप्रतिप्ठाचार्य राजैश जैन भोपाल वाल व़ श्री सुनील भैया जी अनंतपुरा आदि ने मंगल क्रियाओं के माध्यम से ध्वजारोहण कार्यक्रम संपन्न कराया ! तत्पश्चात श्री जी का अभिषेक एवं शांतीधारा उपरांत पंचकल्याणक समिती के प्रमुख पात्रों ने मुख्य वेदी पर विराजमान किया! तत्पश्चात आचार्य श्री की मंगल पूजन के उपरांत आहार चर्या संपन्न हुई आज का यह शुभ अवसर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के पात्र धन कुवेर श्री रतनलाल जी संजय कुमार जी वड़जात्या परिवार को मिला समिती की ओर से उनके पुण्य की सराहना कर अनुमोदना की गई! आज के इस शुभ अवसर पर वडी़ संख्या में वाहर से अतिथीगण पधारे!
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