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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

भारतीय किसान प्राचीन विज्ञान


संयम स्वर्ण महोत्सव

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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि भारतीय किसान प्राचीन विज्ञान के हिसाब से खेती करता आया है। खेती का तरीका बदल गया परंतु किसान वही है। किसान कई तरह के बीजारोपण करता है पांच जगह एक बार बीज जाता है यंत्र के माध्यम से। यंत्र में ऊपर ढक्कन लगा रहता है। किसान फिर भी चौकस निगाह रखता है खेत में फसल के साथ खरपतवार भी पैदा हो जाती है। जिसे किसान उखाड़ कर फेंकता जाता है साथ में कुछ अनुपयोगी और कमजोर पौधों को फेंकता जाता है। खरपतवार और फसल एक जैंसी दिखती है तो सावधानी से हटाना पड़ता है। इसी प्रकार आप कर्मों को करते हो तो अच्छे कर्म के साथ बुरे कर्म भी करते हो,आप भी किसान के इस विज्ञान को समझकर गुण, धर्म को सुरक्षित रखने का पराक्रम करो। पूर्व के जो भाव थे उनको आपने लोप कर दिया। संस्कार भी लुप्त हो रहे हैं, खरपतवार को भी गेंहू समझकर ले रहे हो। भारतीय संस्कृति के सभी मूलभूत मापदंडों को ध्वस्त कर दिया है आपने। पुराने पदचिन्हों को मिटाकर नए कदम रखना प्रारम्भ कर दिया है। आप भी गेंहू की फसल की तरह बनो खरपतवार मत बनो।

 

उन्होंने कहा कि आज तीर्थों पर भी प्राचीनता की जगह आधुनिक पद्धति अपनाई जा रही है। भाषा और संस्कृति को लोप कर दोगे तो भाव जाग्रत कहाँ से करोगे। आपने आधुनिकता के रंग में अपना घर बना दिया है उसे घर कैंसे कहेंगे। अपने सहज परिणामों तक पहुँचने के लिए, अपने वास्तविक स्वरुप को पहचानने के लिए जीवन से खरपतवार को हटाना होगा। आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना प्रारम्भ करो। आज की आहार व्यवस्था दूषित हो रही है बच्चे का सही पोषण हो नहीं पा रहा है क्योंकि आप सजग नहीं हो खान पान के प्रति। आप मुझसे मार्ग पूछते हो मैं बताता हूँ पर आप चलते नहीं हो,जब तक दया धर्म जाग्रत नहीं होगा आपको चिंता नहीं होगी। हानिकारक और दूषित भोजन से अपनी भावी पीढ़ी को बचा लो।

 

उन्होंने कहा कि आप कृषि में नए प्रयोगों से मूल कृषि को लुप्त किया जा रहा है।आज गंगा तो वह रही है परंतु आपने विकास के नाम पर उसे काली गंगा बना दिया है। इसी प्रकार आपकी आत्मा तो गंगा की तरह शुद्ध है परंतु आधुनिकता के नाम पर उसे दूषित आप बना रहे हो। आधुनिकता का लबादा उतारकर अपने प्राचीन मूल स्वरुप को पहचानो। जो वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं सबसे पहले उनसे दूरी बनाना प्रारम्भ करो,अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य चाहते हो तो उस पर ध्यान देना प्रारम्भ करो। उसे मोबाइल मैन नहीं बनाओ उसे अच्छा मैन बनाओ।

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