Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    108
  • comments
    3
  • views
    23,562

Contributors to this blog

अनुकम्पा - संस्मरण क्रमांक 23


संयम स्वर्ण महोत्सव

412 views

     ☀☀ संस्मरण क्रमांक 23☀☀
           ? अनुकम्पा ?

       सागर से विहार करके आचार्य महाराज संघ-सहित नैनागिरि आ गए।वर्षाकाल निकट था,पर अभी बारिश आई नहीं थी।पानी के अभाव में गाँव के लोग दुखी थे।एक दिन सुबह-सुबह जैसे ही आचार्य महाराज शौच-क्रिया के लिए मन्दिर से बाहर आए,हमने देखा कि गाँव के सरपंच ने आकर अत्यंत श्रद्धा के साथ उनके चरणों में अपना माथा रख दिया और विनत भाव से बुन्देलखण्डी भाषा में कहा कि "हजूर ! आप खों चार मईना इतई रेने हैं और पानू ई साल अब लों नई बरसों,सो किरपा करो,पानू जरूर चानें है।"
    आचार्य महाराज ने मुस्कराकर उसे आशीष दिया,आगे बढ़ गए।बात आई-गई हो गई, लेकिन उसी दिन शाम होते-होते आकाश में बादल छाने लगे।दूसरे दिन सुबह से बारिश होने लगी।पहली बारिश थी।तीन दिन लगातार पानी बरसता रहा।सब भीग गया।जल मन्दिर वाला तालाब भी खूब भर गया।
    चौथे दिन सरपंच ने फिर आकर आचार्य महाराज के चरणों में माथा टेक दिया और गद् गद् कंठ से बोला कि "हजूर ! इतनो नोई कई ती,भोत हो गओ,खूब किरपा करी।"
    आचार्य महाराज ने सहज भाव से उसे आशीष दिया और अपने आत्म-चिंतन में लीन हो गए।मैं सोचता रहा कि,इसे मात्र संयोग मानूँ या आचार्य महाराज की अनुकम्पा का फल मानूँ।जो भी हुआ,वह मन को प्रभावित करता है।
                            
                  नैनागिरि(1982)
साभार-आत्मान्वेषी

? आत्मान्वेषी-मुनिश्री क्षमासागर जी?

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...