Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Sanyog Jagati

Members
  • Posts

    121
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    1

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Sanyog Jagati

  1. *दमोह 11-05-2019* *पूरा देश पूर्णायु को प्राप्त करे- मुनिश्री* (मुनिदीक्षा दिवस पर हुए कार्यक्रम) *(गुरुदेव की कृपा से कैंसर भी कैंसिल हो गया कई लोगो के रोग ठीक हुए)* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में प्रातः काल मुनिश्री विमलसागर जी मुनिश्री अनंतसागर जी मुनिश्री धर्मसागर जी का 21वाँ मुनिदीक्षा दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया गया चित्र अनावरण दीप्रज्वलंन पाद प्रछालन शास्त्र अर्पण आचार्य श्री की महापूजन हुई कुंडलपुर के बड़े बाबा के नए मोमेंटो का विमोचन हुआ। शहपुरा भिटौनी के भक्तों ने छत्र अर्पण किया। मंच संचालन शुभांशु जैन शहपुरा ने किया।प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि ऐसी ताली बजाओ कि रोग मिट जाए ऐसा नमन करो कि आचार्य श्री की छवि दिख जाए आचार्य श्री कुंडलपुर आ जाए। हम लोगों को गुरुदेव ने घर से बुलाया था कुंडलपुर में बड़े बाबा छोटे बाबा के चरणों में हम लोगों की ड्रेस चेंज हुई थी। सिद्ध क्षेत्र नेमावर में पहुंचकर दीक्षा हुई थी। इस शरीर का दिन रात पोषण करते रहो फिर भी रोग उत्पन्न होते रहते हैं।इसको पुष्ट भी करते रहोगे तो भी यह साथ नहीं देगा। हमारा शरीर स्वस्थ तो नहीं रहता था लेकिन जब वास्तविकता जानी तो परिवर्तन आया। आज के दिन 23 मुनिराजो ने दीक्षा ली थी। गुरुदेव महाराज वैद्य है। गुरुदेव का आशीर्वाद आया अस्वस्थ होने पर भी आज मंच पर आ गया। महावीर जयंती और दीक्षा दिवस पर मौसम ठंडा हो गया। आज के दिन गुरुदेव के द्वारा दूसरा जन्म हुआ था। गुरुदेव सब कुछ देने वाले हैं हमारे ऊपर गुरुदेव के बहुत उपकार है। मुनिश्री ने अनेक संस्मरण सुनाए। *गुरुदेव भारतवर्ष की उन्नति में लगे हैं*। गुरुओं के वचन ही औषधि होते है। गुरुदेव तीर्थंकर जैसे महान वैद्यराज मिले। *गुरुदेव के आशीर्वाद से कई लोगों के रोग ठीक हो जाते हैं। गुरुदेव की कृपा से कैंसर भी कैंसिल हो गया। गुरुदेव की भावना है कि पूरा देश पूर्णायु को प्राप्त हो।* कुछ लोग कहते हैं कि आचार्य श्री को सिर्फ धर्म का ही उपदेश देना चाहिए। लेकिन आचार्यो ने चारों पुरुषार्थ का उपदेश देने को कहा है। अर्थपुरुषार्थ का उपदेश सही-सही नहीं दिया जाएगा तो तुम्हारा जीवन व्यर्थ हो जाएगा। *खोटे व्यापारो से बचाने के लिए अर्थ पुरुषार्थ का उपदेश देते है।* गुरुदेव भविष्य के तीर्थंकर के रूप में जरूर जन्म लेंगे। *एक व्यक्ति ने अपने सीने पर वंदे विद्यासागरंम लिखकर रोग ठीक कर लिया।* शाम को धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि मुनि दीक्षा दिवस हमें बड़े उत्साह से मनाना चाहिए। इस कार्यक्रम में दिगंबर जैन पंचायत कमेटी , समस्त मंदिर कमेटी , शाकाहार उपासना परिसंघ , आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय गौशाला , समस्त महिला मंडल , समस्त बालिका मंडल , समस्त पाठशाला परिवार , समस्त युवा मंडल आदि का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।ललितपुर , शहपुरा भिटौनी , गौरझामर , देवरी , खितौला , अभाना ,आदि अनेको स्थानों से आकर सभी ने भक्ति की ।
  2. (संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की) 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ✍🏻✍🏻शुभांशु जैन शहपुरा ज्ञानोदय छंद स्थापना आँगन मन का सूना गुरुवर,मैंने तुम्हें बुलाया है भक्ति भाव से देते निमंत्रण,श्रद्धा चौक पुराया है रागद्वेष का मर्दन करके, कषायें मैंने बुहारी है मन वेदी पर आन विराजो,इतनी अरज हमारी है ऊँ ह्रीं आचार्य श्री विद्यासागर मुनीन्द्र!अत्र अवतर अवतर संवौषट। अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं।अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट सन्निनिधिकरणम जन्म जरा मृत्यु से गुरुवर,हम इतने घबराये है चरणों का प्रक्षालन करने,भक्त नयन भर लाये है विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय जन्मजरा मृत्यु विनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा पाप ताप से तपता चेतन,किंचित सुख ना पाते है दर्श मात्र कर लेने से गुरु,शीतलता पा जाते है विद्यासागर संत विमल है,अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय संसार ताप विनाशनाय चन्दनम निर्वपामीति स्वाहा अक्षय निधि को पाना है पर,मैं निज से अनजान रहा देख आपकी कठिन तपस्या,अविनाशी का ध्यान लहा विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय अक्षयपद प्राप्तये अक्षतान निर्वपामीति स्वाहा विषय वासना की ज्वाला में,जीवन वृथा गंवाया है। जान आपका शील पराक्रम,काम देव शर्माया है। विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय कामबाण विध्वंसनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा क्षुधा तृषा बढ़ती ही जाती,तृप्त नही हो पाती है सुनकर तेरी मीठी वाणी,क्षुधा शांत हो जाती है विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय क्षुधारोग विनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा मोह अंध से अंधा होकर,निज को नहि पहचाना है आज आपसे जाना मैंने,केवलज्ञान ठिकाना है विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय मोहांधकार विनाशनाय दीपं निर्वपामीति स्वाहा कर्म अग्नि की ज्वाला भभके, हमको बहुत जलाती है आप ध्यान करने से मेरी,मोह अग्नि बुझ जाती है विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय अष्टकर्म दहनाय धूपं निर्वपामीति स्वाहा नाम मोक्षफल ज्ञात मुझे है,सिद्ध स्वरूप न जाना है चरण छाँव जो मिली आपकी,उसे शिवालय माना है विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय मोक्षफल प्राप्तये फलं निर्वपामीति स्वाहा कैसे भेंट चढ़ाऊँ तुमको,कुछ भी मेरे पास नही सांसे अर्पित भक्त समर्पित,तुम बिन मेरा कोई नही विद्यासागर संत,विमल है अनंत गुण के धारी है। अचल भाव शुभ धर्म दिवाकर,अतुलनीय सुखकारी हैं। ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय अनर्घ्यपद प्राप्तये अर्घ निर्वपामीति स्वाहा जयमाला दोहा विद्यासागर संत है,संतो के सरताज विमल गुणों से पूर्ण है अनंत धर्म जहाज शिरोमणि जिन सूर्य है,अचल मेरु समजान अतुलनीय चर्या रही,शुद्ध भाव पर ध्यान कर्म मलो से लड़ते गुरु हैं ,सिद्धदशा पा जाने को रागद्वेष का मल धोडाला, शुद्धात्म रस पाने को पग पग पथ पर बढ़ते जाते,वसुविधि कर्म नशाने को करते लाखो प्रणाम गुरुवर,विमल सुगुण अपनाने को शब्द लयो का ज्ञान नही है कैसे तेरे गुण गाँऊं महिमा अंनत रवि के जैसी,दीपक कैसे दिखलाऊँ अनंत गुणधारी तुम भगवन,अनंत सुख अभिलाषी हो यही भावना अनंत है मेरी ,सिद्ध लोक के वासी हो धर्म शिरोमणि तुम हो गुरुवर, धर्मध्वजा फैराते हो धर्म दीप को सतत जलाकर,तामस दूर भगाते हो निज चेतन धर्मों को जाना,उस पर चलकर दिखलाया धर्म दिवाकर बनकर तुमने,सारे जग को चमकाया अचल मेरु सी चर्या है तव कर्म डिगा ना पाते है दृढ संकल्पी गुरु के आगे ,सब बौने हो जाते है ज्ञान ध्यान तप तेज को लखकर,सुर भी शीश झुकाते है अचल मेरु सम दृढतर बनने चरणन दौड़े आते है अतुलनीय चारित्र आपका नही किसी से तुलना हो सारी सृष्टि फीकी पड़ती ,नही किसी से उपमा हो भाव अधिक है ,शब्द भी बौने कैसे तुमको बतलाऊँ सच मे अतुल हो भगवन मेरे हार मान चुप हो जाऊं भाव शुद्ध है विशुद्ध चर्या ,जिन आगम पर चलते हो शांत स्वभावी सौम्य विभासी ,तीर्थंकर सम लगते हो भाव प्रभाव तुम्हारा गुरुवर सारे जग से न्यारा है तुम शुभांशुसे हे गुरु प्रभुवर चमका भाग्य हमारा है ऊँ ह्रीं श्री 108 आचार्य विद्यासागर मुनीन्द्राय अनर्घ्यपद प्राप्तये पूर्णार्घ निर्वपामीति स्वाहा दोहा विद्यासागर सूरी के शिष्य रहे शुभ भाव विमल अनंत व धर्म मुनि अचल अतुल मुनिराय ।।पुष्पांजलि क्षिपेत।।
  3. *दमोह 07-05-2019* *किये गए पाप दान के माध्यम से धुल जाते है - मुनिश्री* (अक्षय तृतीया पर दान की महिमा बताई गई) दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है प्रातः अभिषेक शांतिधारा श्री आदिनाथ जी की पूजन हुई आचार्य श्री की पूजन करवाई गई।राजा श्रेयांश बनने का सौभाग्य श्रेयांश सराफ को मिला राजा सोम गांगरा को प्राप्त हुआ अंकुश जैन ने इक्षुरस वितरण कार्य में सहयोग किया लगभग 2000 लोगो को इक्षुरस वितरण किया गया। प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि श्री आदिनाथ भगवान तो 6 माह तक साधना में लीन हो गए थे।यह वीरों की चर्या है। इस पद के साथ अच्छे कार्य ही अच्छे लगते हैं। 6 माह बाद आहार चर्या को निकलते हैं लेकिन कोई उनकी आहार चर्या करवाने में समर्थ नहीं हुआ था। दान की विधि कोई नहीं जानता था। कोई उपदेश देने वाला भी नहीं था। आदिनाथ भगवान का लाभ अंतराय कर्म का उदय था श्रावको का दान अंतराय कर्म का उदय था। जिन्होंने पूर्व भव में आहार दान दिया था ऐसे राजा श्रेयांश और राजा सोम ने स्वप्न में देखा और प्रातः काल पड़गाहन किया। जो दान आदि नहीं करता है वह अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है। गृहस्थ की रक्षा श्रमण से होती है और श्रमण की रक्षा गृहस्थ से होती है। एक दूसरे के पूरक बनो। *अपने ही धन का दान दिया जाता है* और अपनी ही वस्तु का दान दिया जाता है। जो दान की विधि नहीं जानता है वह पापो को कैसे काटेगा।24 घंटे जीवो की जो विराधना होती है और किए गए पाप दान के माध्यम से धूल जाते है। दान पूजा ऐसा साबुन - जल है जिससे पाप धुल जाते हैं। कंजूस हमेशा बहाना बनाता है दान के समय। जब दूसरे दान देते हैं तो कंजूस व्यक्ति जलता रहता है। कंजूस व्यक्ति जोड़-जोड़ कर धन रख जाता है और सोचता है कि साथ लेकर जाऊं लेकिन धन की चोरी हो जाती है।पूर्व के कंजूसी के संस्कार है तो आप धन को (पुण्य के रूप में) लेकर जाएं। दान देने से धन असंख्यात गुणा वृद्धि को प्राप्त होता है। आहार दान संसार के सर्वश्रेष्ठ सुख देता है। इक्षुरस का दान दिया था। जो दान के लिए पुरुषार्थ करता है वह तप करता है। किसी अतिथि के लिए वह द्रव्य लग जाए ऐसा भाव दाता का होता है।जिस दिन पड़गाहन हो जाता है वह दिन अक्षय हो जाता है इसी कारण *अक्षय तृतीया* प्रसिद्ध हो गई।कमेटी के लोगो ने बताया कि दमोह की सम्स्त पाठशाला के बच्चो की सामूहिक पूजन एवं महावीर जयंती पुरुस्कार वितरण 12 मई रविवार को प्रातः7 बजे नंन्हे जैन मंदिर में होंगे।
  4. *दमोह 06-05-2019* *अक्षयतृतीया मनाई जाएगी* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है आचार्य श्री की पूजन करवाई गई इष्टोपदेश ग्रंथ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि ध्यान करने से विशेष उर्जा मिलती है।मन को बार- बार ले जाने के ही ध्यान की साधना होती है।शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि मंदिर के शिखर यदि साफ़ नहीं होते है तो बहुत सी बाधाएं आती है। इसलिए मंदिर की वेदी , शिखर , आदि स्वच्छ रखे। *मंदिर स्वच्छता अभियान* चलाना चाहिए।कमेटी के लोगो ने बताया कि 7 मई को अक्षय तृतीया पर प्रातः 7 बजे अभिषेक , महाशान्तिधारा , श्री आदिनाथ जी पूजन , मुनिश्री के प्रवचन आहार दान के पश्चात इक्षुरस का नगरवासियो को वितरण सभी कार्यक्रम नन्हे जैन मंदिर में आयोजित होंगे। *अक्षय तृतीया का महत्त्व* इस दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान को छः माह बाद आहार प्राप्त हुआ था।राजा श्रेयांश और राजा सोम ने पड़गाहन करके इक्षुरस का आहार कराया था ।
  5. *दमोह 04-05-2019* *कटे फटे वस्त्र नेगेटिव एनर्जी देते है - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन हुई।इष्टोपदेश ग्रंथ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि हमेशा इच्छाए होती रहती है गाड़ी , दुकान , मकान आदि की अपने जीवन में जब तक व्रतों को अंगीकार नहीं करोगे कल्याण होने वाला नहीं है। शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि आज आधुनिकता की दौड में हम भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे है।ग्रंथो में लिखा है कि कटे फटे वस्त्र अमंगल होते है और नेगेटिव एनर्जी देते है। मंदिर में भड़कीले वस्त्र , काले वस्त्र , आदि पहनकर नहीं आना चाहिए। पुरुषों के लिए धोती पहनकर पूजन करने का विधान है। धोती अखंड वस्त्र होता है मांगलिक कार्यो में धोती पहनते है तो शुभ होता है। कमेटी ने जानकारी दी कि 7 मई मंगलवार को अक्षयतृतीया पर इक्षु रस वितरण किया जायेगा।11 मई शनिवार को मुनिश्री विमलसागर जी मुनिश्री अनंतसागर जी मुनिश्री धर्मसागर जी महाराज का 21 वा मुनिदीक्षा दिवस मनाया जायेगा।प्रातः 8 बजे आचार्य। श्री की महापूजन ( अनूठे तरीके से ) मुनिश्री के प्रवचन सांस्कृतिक कार्यक्रम रात्रि में 8 बजे *गुरुगाथा* राष्टीय ख्याति प्राप्त नाटिका शहपुरा के विशेष कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत की जायेगी।
  6. *दमोह 02-05-2019* *भारत की चिकित्सा विश्व में सर्वश्रेष्ठ है - मुनिश्री विमल सागर जी महाराज दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन हुई।इष्टोपदेश ग्रंथ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि यदि हम सम्मान नहीं करते है विद्या का तो विद्या प्राप्त नहीं होती है।विनय को मोक्ष का द्वार कहा है।आप अपने अंदर का मैल अलग करिये तभी कुछ प्राप्त होगा। *उसे पिंजरे में देख मुझे मेरा कैदखाना याद आ गया* इसका अर्थ है कि मैं अनादि काल से इस देह रूपी पिंजरे में कैद हूँ।अब व्यकुलित हूँ मुक्त होने को।आप जो भी कार्य करते है और बाधाएँ आती है तो अंतराय कर्म के कारण आती है। प्रभु और गुरु को नमस्कार बैठ कर करना चाहिए। सम्मान करवाने से ज्यादा सम्मान करना श्रेष्ठ है। मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि आज चिकित्सा में सबसे ज्यादा गड़बड़िया हो रही है।ध्यान के माध्यम से भी मन की चिकित्सा होती है आज भी भारतीय चिकित्सा पद्धति विश्व में सर्व श्रेष्ठ है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से जबलपुर में आयुर्वेद चिकित्सालय *पूर्णायु* बनने जा रहा है।आचार्य श्री की भावना है कि पूरे विश्व के लोग स्वस्थ रहते हुए पूर्णायु को प्राप्त करे।भारत में आज भी घरेलु नुस्खे बहुत कारगर सिद्ध हो रहे है दुनिया में सर्व प्रथम इंजेक्शन का आविष्कारक भारत ही है ऑपरेशन ब्लेड भी सर्व प्रथम भारत में ही बनाया गया था सबसे ज्यादा ग्रन्थ भारत के ऋषियों ने लिखे और पूरे विश्व के लोग चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग कर रहे है।
  7. *दमोह 29-04-2019* *विश्व में सर्वश्रेष्ठ पॉजिटिव पावर ओम मैं है - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन मंदिर जबलपुर नाका दमोह में प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन हुई संगीतकार शुभम जैन जबलपुर ने संगीतमयी प्रस्तुति दी। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि नव देवताओं की आराधना करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। 5 धर्मात्मा मुनि राजो के रूप में आपको मिले हैं,आज लोग पक्षपाती बनते जा रहे हैं। जबलपुर नाका वाले पुण्य शाली हैं, जो ध्वजारोहण कलशा रोहण कर रहे हैं, मंदिर में विघ्न बाधाएं आती हैं, यदि ध्वज दंड और कलश नहीं होता है शिखर पर। यह चित्त चलायमान है वित्त भी चलायमान है, व्यक्त की कीर्ति स्थिर होती है। भगवान की आराधना करने वाला पुण्य की वृद्धि करता है। और निर्माण को प्राप्त करता है। शाम को मुनिश्री भावसागर जी महाराज ने बताया कि विश्व में सर्वश्रेष्ठ पॉजिटिव पावर ओम में हैं । ओम के ध्यान से शरीर मैं विशेष प्रकार की शक्तियां जागृत होती है। और सुख शांति का अनुभव होता है। आज व्यक्ति टेंशन में रहता है, और व्यस्तता के कारण वह परेशान भी रहता है, इसका सर्वश्रेष्ठ उपाय ओम का ध्यान है। जबलपुर नाका जैन मंदिर में कलशारोहण ध्वजारोहण 29 अप्रैल को हुआ यह कार्यक्रम डॉ पंडित अभिषेक जैन (सगरा)ने संपादित किया। जैन समाज अध्यक्ष सुधीर सिंघई, शैलेंद्र मयूर, सुनील वेजीटेरियन, विमल लहरी आदि ने कार्यक्रम में सहभागिता दिखाई। कलशा रोहण करने का सौभाग्य जैन मंदिर अध्यक्ष डॉ. जे के जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
  8. *दमोह 27-04-2019* *दमोह में मुनि श्री को श्रद्धांजलि दी गई* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में 27 अप्रैल को प्रातः काल श्रद्वाजलि सभा हुई ।* मुनि श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज को सभी ने श्रद्वाजलि दी विमल लहरी ने कहा कि मुनि श्री पुष्पदंत सागर जी कई बार दमोह आये है जो देह साधना करते है उस देह को सभी तरसते है। उन्हें इस युग के महावीर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा दीक्षा लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ सभी की भावना होती है कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षा प्राप्त करे। कुंडलपुर अध्य्क्ष संतोष सिंघई जी ने कहा कि मुनिश्री से मेरा बहुत जुड़ाव रहा जैन समाज दमोह अध्य्क्ष सुधीर सिंघई जी ने मुनिश्री को श्रद्वाजलि अर्पित की। डॉ. पंडित अभिषेक जी ने कहा कि मुनिश्री का शाश्वत भूमि पर अंतिम श्वास लेना विशेष है *मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि* जैन धर्म में समाधी मरण सल्लेखना को वीर मरण कहा है मृत्यु महोत्सव भी कहा गया है मुनि श्री का जन्म 20 अप्रैल और मुनि दीक्षा 22 अप्रैल और समाधी 25 अप्रैल को हुई। वह उपवास अधिक करते थे वह कठिन लगते थे लेकिन सरल थे समाज सुधार के लिए वह कड़क शब्द प्रयोग करते थे उनके चरणों में भावांजलि अर्पित करते है। *मुनिश्री अचलसागर जी ने कहा कि* जीवन में मृत्यु आती है और कुछ संदेश देकर जाती है। लाखो जीव प्रतिदिन मरण कर रहे है लेकिन सल्लेखना पूर्वक मरण करना महत्वपूर्ण है। यदि हमें जल्दी से जल्दी मोक्ष की प्राप्ति करना है तो सल्लेखना पूर्वक मरण करना होगा । जिसने कषाय को कृस कर लिया उसकी सल्लेखना अच्छी होती है। मुनिश्री से हमें अपनत्व मिला था। चारित्र की यूनिवर्सिटी आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज है उनकी चर्या में कोई भी त्रुटि नजर नहीं आती है । हम उनके चरणों में विनयांजलि अर्पित करते हैं। *मुनिश्री अनंतसागर जी ने कहा कि* आचार्यो ने अनेक ग्रंथों में सल्लेखना का वर्णन किया है। भगवती आराधना ग्रंथ में प्रमुखता से सल्लेखना का वर्णन है। चंद मिनटों में कब जीवन समाप्त हो जाए पता नहीं। अचानक कोई भी स्थिति घटित हो सकती है। संक्षेप सल्लेखना भी होती है, जब अचानक कोई घटना घटित होती है। मुनि श्री के साथ अचानक यह घटना घटित हुई। हम लोग ग्रीष्मकालीन में दमोह में रहे थे। 20 वर्ष का मुनि जीवन व्यतीत किया। ऐसा सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेद शिखरजी जो शाश्वत भूमि है वहां उनका मरण हुआ है, निश्चित रूप से कल्याणकारी है। हम उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। *मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि पुष्पदंत सागर जी की वाणी में कठिनता थी, उससे ज्यादा चर्या में कठिनता थी। धर्म रूपी खुशबू को यत्र तत्र बिखेरते रहे। हम उनको प्रिंस ऑफ बुढ़ार* कहते थे।* उन्होंने मुनियों की भी बहुत सेवा की, हमारा संघ शाहपुर में मुनि श्री पुष्पदंत सागर जी का हो गया था। हमारा हृदय उनसे मिलता था। उनकी खबर आई थी कि श्री सम्मेद शिखर जी जा रहे हैं आप भी चलो। मेरी भी भावना है कि संयम के साथ पैदल चलकर जाये। जिस प्रकार मेंढक पहले समोसरण में पहुंच गया था वैसे ही उनकी भी यात्रा पूर्ण हो गई। जब संघ के साधु का समाधि मरण होता है, तो उपवास करना होता है, तो हमने सोचा कर ही लो क्योंकि जीवन का भरोसा नहीं है। संयम के साथ मरण हो गया मुनि श्री का। हमें संयम ग्रहण करने में शीघ्रता करना चाहिए।
  9. *दमोह 24-04-2019* *मतदान मजबूरी नहीं जरूरी है - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ मंदिर, विजय नगर दमोह में कलशारोहण हुआ।* धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि मंदिर के कलश की महिमा अपरंपार है मुनिश्री ने अनेक दृष्टांत देकर कलशा रोहण की महिमा बताई । शाम को धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर महाराज जी कहा कि आज सलाह देने वाले तो बहुत आते है सहयोग देने वाले कम होते है इसलिए *सलाह के साथ सहयोग दे* कहे नहीं करे आज पद प्राप्त करने के लिए सभी आगे रहते है काम करने वाले विरले लोग ही होते है *मतदान करना भी मजबूरी नहीं जरूरी है* " मतदान है महान करे सारा जहान " क्योंकि यदि गलत व्यक्ति चुन कर आता है तो हमें भी उसका दोष लगता है इस ग्रीष्मकालीन तपन में जल जरूर बचाये परिंदो को जल जरूर रखे पानी की टंकी भरने के बाद जल ओवरफ्लो होता रहता है यह बहुत नुकसान दायक है जल है तो जीवन सफल है जल की सोचे कल की सोचे। स्नान करने में विशेष कार्य करने में जल के उपयोग का ध्यान रखे प्रातः काल 24 अप्रैल को मुनि श्री ससंघ विजय नगर जैन मंदिर पहुंचें वहां प्रातः काल अभिषेक, शांतिधारा के पश्चात मुनि श्री के प्रवचन और कलशा रोहण और ध्वजा स्थापित हुए। ....
  10. दमोह 14-04-2019 मुनिसंघ की हुई भव्य आगवानी दमोह ( मध्यप्रदेश) में सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ का पद विहार कुंडलपुर से 12 अप्रैल को शाम को हुआ था।13अप्रैल को आहार चर्या हिंडोरिया मे हुई थी।रात्रि विश्राम करैया फाटक में होने के बाद 14अप्रैल दिन रविवार को बाइपास दमोह मे मुनिसंघ की आगवानी हुई। जगह जगह मुनि श्री का पाद प्रछालन किया गया,जगह जगह रंगोली सजाई गई थी, आरती उतारी गई, पूजा हुई, मुनि श्री के प्रवचन हुए। ज्ञात हो कि मुनि संघ के सानिध्य के लिए जबलपुर मे विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आशीर्वाद लेने हेतू दमोह की कमेटी गई थी आचार्य श्री ने मुनिश्री विमलसागर जी ससंघ के लिये आशीर्वाद प्रदान किया है। महावीर जयंती मे मुनि संघ का सानिध्य प्राप्त होगा।
  11. *ग्रीष्म प्रवास कुंडलपुर सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ* महावीर जयंती 17 अप्रैल तक मुनिश्री के कुंडलपुर में रुकने की संभावना है। कुंडलपुर में बड़ेबाबा के दर्शनार्थ अवश्य पधारे । *प्रवास स्थल* श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर जिला दमोह (म प्र) *संपर्क *सूत्र* 8827373341 9893597641 9993392901 7024092007 *विशेष निवेदन* यह संदेश विश्व के सभी दिगंबर जैनो तक अवश्य पहुंचाएं
  12. *कुंडलपुर 01-04-2019* *मुनि श्री का मंगल प्रवेश हुआ* कुंडलपुर जिला दमोह ( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ* की अगवानी 01 अप्रैल को प्रातः काल में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर (दमोह) में मंगल अगवानी हुई ज्ञात हो की। 26 मार्च को मुनि श्री ससंघ का विहार खितौला से हुआ था मुनि श्री का विहार तपती धूप में चल रहा था मुनि श्री के पैरों में छाले है फिर भी कष्टों को सहन करते हुए विहार कर रहे थे।। कुंडलपुर में बड़ेबाबा के दर्शन कर के मुनि श्री आनंदित हुए । अभिषेक, शांतिधारा, बड़ेबाबा विधान , आरती आदि सम्पन हुए । महावीर जयंती 17 अप्रैल तक मुनिश्री के रुकने की संभावना है। *ग्रीष्म प्रवास कुंडलपुर* *■ सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य कुंडलपुर में बिराज मान है बड़ेबाबा के दर्शनार्थ अवश्य पधारे । *प्रवास स्थल* श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर जिला दमोह (म प्र) *संपर्क *सूत्र* 7898666686 9425096556 9340384204
  13. *बाकल 29-03-2019* आदिनाथ जयंती मनाई गई बाकल जिला कटनी ( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ* के सानिध्य मे 29 मार्च को प्रातः काल में श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बाकल में श्री आदिनाथ जयंती मनाई गई इससे पूर्व मुनि संघ की भव्य आगवानी हुई लोगो ने अपने अपने घरों में पाद प्रक्षालन किया श्री आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ शांति धारा हुई आरती पूजन हुई छत्र चमर अर्पण किये गये संचालन कवि अजय जैन "अहिंसा"बाकल ने कियाl धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि यहां सुंदर मंदिर और वेदी बने ऐसी हमारी भावना है। हमारे प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जी भगवान की जन्म जयंती आज हम बना रहे हैं।यह नगरी भी विश्व में प्रसिद्ध हो जाए ऐसी हमारी भावना हैl अभी श्री आदिनाथ जयंती से शुरुआत हुई है और आगे श्री महावीर जयंती भी आप मनाएlप्रथम और अंतिम तीर्थंकर में सभी 24 तीर्थंकर गर्भित हो जाते हैं। छोटी-छोटी समाज भी बड़े-बड़े काम करती हैंl मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आपका पुण्य है कि श्री आदिनाथ भगवान की जयंती आप मना रहे हैंl *सर्वश्रेष्ठ मंत्र है तो विश्वास है* भगवान की वाणी पर विश्वास होना जरूरी है।युग के आदि में भगवान का आज के दिन जन्म हुआ था।उत्तम पात्रों से शांतिधारा करना चाहिएlजैसी भावना होती है वैसे होने लगता है।परिग्रह का त्याग कर देते हैं तो मुक्ति का कारण बन जाता है।भगवान ने कहा था कि *कृषि करो या ऋषि बनो* दान देने से धन अनन्त गुना हो जाता है।वैराग्य की ओर विरले लोग ही बढ़ते हैं। और वह महापुरुष बनते हैं। आदिनाथ जी ने जन्म लेकर वन की ओर गमन किया। 26 मार्च को मुनि श्री ससंघ का विहार खितौला से हुआ था मुनि श्री का विहार तपती धूप में चल रहा है अप्रैल माह में कुण्डलपुर पहुँचने की संभावना है सलैया, रैपुरा,कुम्हारी,हिनोती होते हुए कुण्डलपुर पहुचेंगे मुनि श्री के पैरों में छाले है फिर भी कष्टों को सहन करते हुए विहार कर रहे है ।
  14. *☀खितौला से कुण्डलपुर पद विहार समाचार☀* *29/03/2019* *■ सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य वात्सल्य मूर्ति पूज्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज( ससंघ)* का मंगल विहार 26 मार्च से *धर्म नगरी खितौला से चल रहा है 29 मार्च को बाकल मे आहारचर्या संम्पन्न हुई* दोपहर में 4 बजे के बाद बाकल से सलैया की ओर विहार हुआ *● रात्रिविश्राम- 29मार्च* *बाकल से 13 km सलैया या आस पास (सम्भावित)* *आहार चर्या 30 मार्च रैपुरा(सम्भावित)* ◆दिशा- *सबके आराध्य विश्व पूज्य कुण्डलपुर के बड़े बाबा की ओर (1अप्रैल को कुण्डलपुर पहुँचने की पूर्ण संभावना)* *संभावित मार्ग :-सलैया,रैपुरा ,कुम्हारी,हिनोती,कुण्डलपुर* *नोट*- बिहार में स्थिति परिस्थिति अनुसार परिबर्तन हो सकता है। *संपर्क सूत्र* 9174656976 7089835477 8517822419 7898666686 9425096556 9340384204 7024092007
  15. *☀खितौला पद विहार समाचार☀* *27/03/2019* *■ सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य वात्सल्य मूर्ति पूज्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज( ससंघ)* का मंगल विहार 26 मार्च से *धर्म नगरी खितौला से चल रहा है 27 मार्च को अतिशय क्षेत्र बहोरीबंद मे प्रातः मंगल प्रवेश हुआ और आहारचर्या हुई* अभी बहोरीबंद तीर्थ में मुनिश्री बिराजमान है *● रात्रिविश्राम- *27 मार्च* *बहोरीबंद तीर्थ* *आहार चर्या* *28 मार्च बहोरीबंद तीर्थ * ◆दिशा*- *सबके आराध्य विश्व पूज्य की ओर* संभावित मार्ग :-बाकल ,सागौनी, कुम्हारी,हिनोती या,बाकल, सलैया,रैपुरा ,कुम्हारी,हिनोती *नोट*- बिहार में स्थिति परिस्थिति अनुसार परिबर्तन हो सकता है।
  16. ■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆ *खितौला* *22-03-2019* सभी के कष्ट दूर हो ऐसी भावना भाये:-मुनि श्री खितौला सिहोरा जबलपुर ( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ* के सानिध्य मे 21 मार्च को दोपहर में श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला में सम्मान समारोह में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि मंदिर बहुत सुंदर है और प्रतिमा भी अष्टधातु की विशाल प्रतिमा है।पंचकल्याणक भी अद्वितीय हुआ है।छोटी समाज होकर भी यह बड़ा कार्य किया है।आप प्रशंसा के पात्र हैं। सभी ने तन मन धन से सहयोग किया है। यह मंदिर गरीब और अमीर सभी का है। इसलिए पंचायती मंदिर बनाए जाते हैं। प्रतिमा विराजमान करवाने वाले वेदी आदि बनवाने वाले एवं मंदिर को वस्तु दान करने वाले अपना स्वामित्व नहीं रखें। दान देने के बाद यदि समय के अंदर नहीं देते हैं तो निर्माल्य का दोष लगता है और बहुत सी बीमारियां होती हैऔर बहुत सी परेशानियां आती हैं।आगे की पीढ़ी पूजन अभिषेक करेंगी तो आपको भी उसका पुण्यार्जन होगा अच्छे कार्यों में विघ्न तो आते है। णमोकार मंत्र विश्व का शक्तिशाली मंत्र है जिनेवा में 1997 मे विश्व शांति मंत्र की उपाधि मिली है। इसके प्रभाव से कैंसर जैसे रोग भी ठीक हो गए भक्तामर स्त्रोत के प्रभाव से भी विभिन्न परेशानियां दूर हो गई मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि गुणवान व्यक्ति वही होता है जो विवेक बान होता है आप लोगों ने बहुत अच्छी शुरुआत की है। आज होली का दिन है आप लोग मंदिर में होली मना रहे हैं। मंदिर धार्मिक अनुष्ठानों से सुशोभित होते हैं। भक्ति आराधना करने से अतिशय घटित होते हैं। भक्तों की भक्ति में अतिशय होते हैं। जीवन का कोई भरोसा नहीं है कब क्या हो जाए और हमारे अरमान रह जाए होली को विवेक पूर्वक मनाएं।दौड़ना है तो सिंह की दौड़ में दौड़ो। हे भगवन आपकी श्रद्धा के बिना मुझे बहुत ही संपदा भी मिल जाए तो वह व्यर्थ है।जो भगवान के करीब होता है वह गरीब नहीं होता है।जीवन भर के लिए जो ब्रह्मचर्य व्रत धारण करता है ऐसी भावना करता है वह अतुल बलशाली होता है। मैंने पूर्व में जीवो का सम्मान नहीं किया होगा इसलिए आज सम्मान नहीं मिल रहा है। सभी के कष्ट दूर हो ऐसी भावना करना चाहिए जैसे भाव होते हैं वैसा पूण्य का अर्जन होता है। श्रद्धा के केसर से होली खेले बिना शांति के धार्मिक अनुष्ठानों का आनंद नहीं आता है।पंचकल्याणक में पात्र बनने वालों का सम्मान किया गया चित्र अनावरण अजित कुमार जैन (मझौली वालों)सिहोरा विनोद कुमार जैन सौधर्म इंद्र के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया संचालन राहुल सिंघई ने किया सम्मान मंदिर कमेटी पंचकल्याणक कमेटी ने किया।
  17. ■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆ *खितौला* *16-03-2019* *तप की महिमा अपरंपार है:- मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज खितौला सिहोरा जबलपुर ( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी ससंघ के सानिध्य मे पंचकल्याणक के अंतर्गत तप कल्याणक की क्रियाएं सपन्न हुई। प्रातः काल श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला से मुनि श्री बारी बहू स्टेडियम पहुचे लोगो ने भक्ति नृत्य करके खुशीयाँ मनाकर आनंद लिया और आरती की गई और अभिषेक शांतिधारा पूजन की गई आचार्य श्री की पूजन हुई मुनि श्री भाव सागर जी के द्वारा पूजन करवाई गई। शहपुरा (भिटोनी),सिहोरा जैन समाज के द्वारा पूजन की द्रव्य लाई गई मुनि श्री विमल सागर महाराज ने आष्टनिकापर्व में 13-14 मार्च को 2 उपवास किये है पारणा के बाद 16 -17 मार्च को बेला यानी 2 उपवास धारण किए हैं ज्ञात हो कि छपारा में लगातार छह उपवास किए थे ।गौरझामर में चार उपवास लगातार किए थे ।और गौरझामर में एक उपवास एक आहार की साधना की थी। दिल्ली के कलाकारों द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी गई उदयपुर राजस्थान के बैंड की शानदार प्रस्तुति हुई। 17मार्च, 2019 रविवार को केवलज्ञान कल्याणक,18मार्च 2019 सोमवार को मोक्ष कल्याणक एवम गजरथ फेरी होगी एंव 19 मार्च 2019 सोमवार को श्री जी नवीन वेदी पर विराजमान होगें एंव कलशारोहण ध्वज दंड स्थापित होगा यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रहमचारी विनय भैया बंडा के निर्देशन में हुआ। धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री अंनतसागर जी ने कहा कि तप कल्याणक का दिन है आज तप विभिन्न रूप से किए जाते हैं। रस त्याग आदि करके भी किए जाते हैं । भगवान ने कठिन साधना की तब जाकर वह महान बने तीर्थंकरों ने बहुत सारा वैभव त्यागकर मुनि पद धारण किया ।तप के द्वारा व्यक्ति ख्याति चाहता है हमारे कर्मों का क्षय हो इसलिए तप किए जाते हैं आचार्य श्री विद्यासागर महाराज गुरुदेव बड़े-बड़े तप एवं साधना करते हैं लेकिन किसी भी ख्याति आदि की इच्छा नहीं रखते हैं। आचार्य श्री जी ने कहा था मुक्तागिरी में कि हमारे जब तक आवश्यक पल रहे है निर्दोष चर्या हो रही थी तब तक 9 उपवास किए मुझे रिकॉर्ड नहीं बनाना है । लिखा रहता है , *नकल हमेशा होती है बराबरी कभी नहीं होती* गुरुदेव की मुक्तागिरी में 9 उपवास के बाद पारणा हुई ,आचार्य श्री कठिन तप करते रहते हैं धर्म-कर्म की बात आती है तो कहीं कमर में दर्द होता है तथा अन्य शारीरिक परेशानियां आ जाती है लौकिक कार्यों में सब दर्द ठीक हो जाते हैं।पूज्य मुनि श्री विमल सागर जी ने तप का महत्व बताते हुए कहा कि तप के साथ मरण करके जीव का 7 या 8 भव में उद्धार हो जाता है ।चारो गतियो के दुख सहे है सब कुछ अनुकूल नही मिलता यह संसारी प्राणी अकेला जन्मता है और अकेले मरता है कोई साथ नही जाता है यह अकेला कर्म करता है और अकेला ही भोगता है,जो धर्म करते है वो संसार से खाली नही जाते लबालब भरे जाते है।काया रोग की माया है दिन रात पोषण के बाद भी हमारा साथ नही देती ।कमेटी के लोगों ने जानकारी दी कि 4 वर्ष में यह मंदिर तैयार हुआ है मंदिर 3 मंजिल है अष्टधातु की मूलनायक पारसनाथ भगवान की प्रतिमा है जो जबलपुर जिले की प्रथम प्रतिमा है जैसलमेर 5 फ़ीट की चंद्रप्रभु भगवान की प्रतिमा है चार वेंदी बन चुकी है राजस्थान के कारीगरों द्वारा यह कार्य किया गया है प्रसिद्ध वास्तु विद, इंजीनियर के मार्गदर्शन में यह कार्य हुआ है शहपुरा भिटौनी से आये शुभाशुं जैन ने समाज की ओर से भावना व्यक्त की ।। पिच्छीका देने का सौभाग्य शचि इंद्राणी मरूदेवी एवं ब्रह्मचारिणी दीदी को मिला एवं कमंडल देने का सौभाग्य ब्रह्मचारी भाइयों सौधर्म इंद्र एवं नाभिराय को प्राप्त हुआ ।सौधर्म इंद्र ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। ■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆■■◆◆◆
  18. ■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆■◆◆◆ *खितौला* *15-03-2019* *रंगोली से वास्तु दोष दूर होते है :-मुनि श्री विमल सागर जी महाराज* खितौला सिहोरा जबलपुर ( मध्यप्रदेश) मे सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी ससंघ के सानिध्य मे पंचकल्याणक के अंतर्गत जन्म कल्याणक की क्रियाएं सपन्न हुई। प्रातः काल श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला से मुनि श्री बारी बहू स्टेडियम पहुचे लोगो ने भक्ति नृत्य करके भगवान के जन्म की खुशीयाँ मानाकर आनद लिया और आरती की गई और अभिषेक शांतिधारा पूजन आरती की गई आचार्य श्री की पूजन हुई मुनि श्री भाव सागर जी के द्वारा पूजन करवाई गई। भगवान आदि कुमार का पांडुक शिला पर 1008 कलशों से जन्माभिषेक किया गया पूरे नगर में मिष्ठान वितरण किया गया। दिल्ली के कलाकारों द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी गई उदयपुर राजस्थान के बैंड की शानदार प्रस्तुति हुई। 16 मार्च शनिवार को तपकल्याणक की क्रियाए संपन्न होंगी। यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रहमचारी विनय भैया बंडा के निर्देशन में हुआ। धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आज अत्यंत प्रसन्नता का दिन है मुनि श्री विमल सागर महाराज जी ने कहा कि आज अत्यंत प्रसन्नता का दिन है आज लुटा दो जो कुछ लुटाना है जिन्होंने तीन लोक के कल्याण की भावना भायी थी उसी के परिणाम स्वरुप यह पद प्राप्त हुआ है आज भी कलिकाल में पंचकल्याणक करने से भी विशेष पुण्य का अर्जन होता है। *सीना तो तानों पसीना तो बहाओ धर्म कार्य में* जिसके अंदर दया का स्थान करुणा होती है और जियो और जीने दो की भावना से कार्य करते हैं वह तीर्थंकर बनते हैं ।आज पशुपालन बंद हो गया है क़त्ल खानों में गायों को निर्दयता पूर्वक काटा जा रहा है आपके बेल्ट पर्स आदि बनते हैं। गाय की रक्षा करने के लिए आपको आगे आना चाहिए गायों के भोजन की व्यवस्था करना चाहिए। भगवान का सुंदर रूप होता है भगवान की भक्ति करने से सुंदर रूप मिलता है ऐसी भक्ति करो कि अगले भव में भगवान बन जाओ। समय निकालकर भगवान की पूजन करें और प्रवचन सुने। भगवान के 1008 नामों से स्तुति करें । सौधर्म इन्द्र एरावत हाथी पर बैठकर बालक को सुमेरु पर्वत में ले जाता है और 1008कलशों से अभिषेक करता है। लोग बदलते जा रहे हैं ऐसे पात्रों का उपयोग कर रहे हैं पूजन अभिषेक किया और अलग कर देते आप लेकिन उपदेश दिया अच्छे पात्रों से अभिषेक करें तो लोगो ने परिवर्तित किए ।जन्मदिन मनाएं तो केक नहीं काटे मिठाई बांटे मोमबत्ती नहीं बुझाए दीपक से आरती करें अभिषेक करवाएं विधान करवाएं और जितने वर्ष के हो गए हो तो उतने श्री फल चड़ाए उतने दीपक से आरती करें मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि आज भगवान का जन्म हुआ है इस भारत में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है यह देश पहले विश्व गुरु था हमारे पास बहुत से गुरुकुल थे दुनिया में यदि कोई संपदा है तो वह गाय है हमारा देश नशा मुक्त हो युवाओं को नशे से बचाना है हमारे युवा अभिषेक करें पूजन करें क्योंकि बाद में बड़े शहरों में पहुंचने के बाद पूजन नहीं करते हैं । भारत को भारत ही बनाना है इंडिया नहीं। हिंदी भाषा को महत्व दें चुनाव आने वाला है हम अपनी मांगें ऐसे लोगों तक पहुंचाए हमारी तीन संताने होना चाहिए एक देश के लिए एक समाज के लिए एक अपने लिए। जिस प्रकार अभिनंदन जैन ने दूसरे देश में जाकर वीरता का कार्य किया ऐसे ही हमारे युवाओं को ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे देश समाज और परिवार का गौरव बड़े ऐसी संतान को जन्म दे जो कुछ अच्छा कार्य करें। प्रतिष्ठा चार्य जी ने बतायाअपने घर के आगे रंगोली डालने स वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। इंद्रदेव ने भी किया अभिषेक पूजन। गौशाला के लिए लोगों ने दान दिया और मंदिर के लिए अभिषेक शांतिधारा और पूजन के बर्तन दिए।
  19. *खितौला* 14-03-2019 *आज की संतान माता माता पिता के उपकार को भूल जाती है*- मुनि श्री खितौला सिहोरा जबलपुर ( मध् यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि धर्मसागर जी मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी ससंघ* के सानिध्य मे पंचकल्याणक के अंतर्गत गर्भ कल्याणक उतार रूप की क्रियाएं सपन्न हुई। प्रातः काल श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर *खितौला *से मुनि श्री बारी बहू स्टेडियम पहुचे लोगो ने भक्ति नृत्य करके आनद लिया और आरती की गई और मंत्रो के द्वारा मंदिर की शुद्धि की गई । अभिषेक शांतिधारा पूजन आरती की गई आचार्य श्री की पूजन हुई मुनि श्री भाव सागर जी के द्वारा पूजन करवाई गई। भगवान की माता की गोद भराई का कार्यक्रम हुआ । दिल्ली के कलाकारों द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी गई उदयपुर राजस्थान के बैंड की शानदार प्रस्तुति हुई। 15 मार्च शुक्रवार को जन्मकल्याणक की क्रियाए संपन्न होंगी। 1008कलशों से भगवान का जन्मअभिषेक होगा। यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रहमचारी विनय भैया बंडा के निर्देशन में हुआ। धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि भाग्य का अतिशय होता है तब पंचकल्याणक होते हैं जिसके अंदर विश्व कल्याण की भावना आ जाती है तो तीर्थंकर बनते हैं। आस्था कहती है कि रात के अंधेरे में भी में बेधड़क चलती हूं। आस्था मजबूत होती है तो कहीं कोई शंका नहीं होती। महावीर जयंती के दिन विवाह आदि कार्य नहीं करें ,एक दिन वर्ष में मिलता है और अवकाश रहता है तो धर्म की प्रभावना करें विश्व को संदेश देने के लिए कि अहिंसा के उपासक की जन्म जयंती है। जो प्रतिमाओं को विराजमान करता है वह धन्य है और पूजन एवं भक्ति अभिषेक करता है उसका पुण्य पड़ता है और वह मुक्ति को प्राप्त करता है।भगवान की जो अच्छे अच्छे द्रव्यो से पूजा करता है उसकी महिमा का वर्णन कौन कर सकता हैं।दूध निकालने वाले व्यक्ति पशुओं को इंजेक्शन लगाते हैं जिससे पशुओं को कष्ट होता है और दूध नुकसानदायक होता है। फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। ऐसी संतान को जन्म दू जो तीनों लोको का कल्याण करने वाला हो।सिहोरा से एक ऐसी संतान निकाली जो मुनि श्री और प्रसाद सागर जीमहाराज जी बने। दोपहर में मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि प्रत्येक जीव मात्र के कल्याण की भावना भाने वाला तीर्थंकर बनता हैं। आज की संतान माता पिता के उपकार को भूल जाती है। खूंखार व्यक्ति की संगत से व्यक्ति खूंखार हो जाता है। मनोरंजन के साधन आज अधोपतन के साधन बनते जा रहे हैं, एक गेम है पपजी वह खतरनाक साबित हो रहा है। फ्री फायर भी एक हिंसक गेम है देश के सैनिक यदि बलिदान नहीं देते तो हमारे देश की स्थिति खराब हो जाती। घर परिवार में माहौल खराब होता जा रहा हैं,तलाक जदा हो रहे है। फैशन के तरीके बदल रहे है, पहले इतनी बीमारियां नहीं होती थी किन्तु आज बहुत बीमारियां होने लगी है, मानसिक तनाव ज्यादा हो रही है अंदर अंदर घुटन हो रही है। कुंडलपुर दमोह के बड़े बाबा का ओरा आश्चर्यचकित करने वाला रहा शांति धारा के बाद ओरा और बढ़ गया आप भी विश्व शांति महायज्ञ करने जा रहे हैं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आभामंडल भी आश्चर्यचकित करने वाला रहा।
  20. *खितौला* 13-03-2019 *धर्म के बिना जीवन शून्य होता है*- मुनि श्री खितौला सिहोरा जबलपुर ( मध्यप्रदेश) मे सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि धर्मसागर जी मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी ससंघ* के सानिध्य मे पंचकल्याणक के अंतर्गत ध्वजारोहण हुआ। प्रातः काल श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर खतौला से मुनि श्री बारी बहू स्टेडियम पहुचे लोगो ने भक्ति नृत्य करके आनद लिया और आरती की गई और मंत्रो के द्वारा पात्रों की सकली करण के द्वारा की शुद्धि की गई । अभिषेक शांतिधारा पूजन आरती की गई। दिल्ली के कलाकारों द्वारा नाटिका की प्रस्तुति दी गई उदयपुर राजस्थान के बैंड की शानदार प्रस्तुति हुई। 14 मार्च गुरुवार को गर्भकल्याणक की क्रियाए संपन्न होंगी। यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रहमचारी विनय भैया बंडा के निर्देशन में हुआ। * अजित कुमार जैन अभिषेक कुमार जैन (मंझोली वाले)सिहोरा ने विशेष सहयोग दिया। *ध्वजारोहण करने का सौभाग्य* निर्मलचंद,विमलचंद,दिनेश ,राजेश, सतेंद्र,नीरज,विकाश (विशु),विनीत, निक्की, मोंटी शास्त्र अर्पण करने का सौभाग्य *इंजीनियर अर्जित जैन* जबलपुर ने प्राप्त किया।मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि ध्वजारोहण के बिना मांगलिक कार्य अधूरे होते हैं। ध्वजा धर्म देवता का प्रतीक है। धर्म से सर्वश्रेष्ठ सुख की प्राप्ति होती है। धर्म के बिना जीवन शून्य होता है । जो नव देवता को नमस्कार करता है उसके अंदर धर्म का प्रवेश होता है। जल गालन की प्रक्रिया पंचम काल के अंत तक चलेगी। दान और पूजा श्रावक के प्रमुख कर्तव्य है। पंचकल्याणक में ऐसा पुण्य संचय कर लेना कि हमारा कल्याण हो जाए। धर्म की ध्वजा की रक्षा करने में ही राजा का मरण होता है। धर्म की रक्षा के लिए शरीर का भी त्याग करना पड़े तो भी कोई परेशानी नहीं। दोपहर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहां कि अनुष्ठान के द्वारा सिर्फ मनोरंजन नहीं करना है किंतु हमें आत्म कल्याण करना है। जो कार्य महापुरुषों ने किए हैं वही हम करेंगे तो भगवान जैसे बनेंगे। आचार्य श्री ने कहा था कि उन महापुरुषों का चरित्र पढ़ो जिन्होंने मुड़कर नहीं देखा । गर्भ कल्याणक का प्रसंग है आज ।आधुनिक यंत्र बहुत खतरनाक साबित हो रहे हैं। गर्भ में आने वाली संतान को गर्भपात के माध्यम से मार देते हैं लोग। हो सकता वही संतान कोई विशेष व्यक्तित्व बने। कर्म लोन की तरह है।जो चुकाना ही पड़ेगा । *एक मिनट का मजा और जिंदगी भर की सजा* कर्म किसी को भी नहीं छोड़ते हैं विद्याधर को भी मल्लप्पा जी और श्रीमंती है कैसे संस्कार दिए कि पूरा परिवार ही संयममय हो गया और इस पूरे विश्व को अनोखे आचार्य श्री विद्यासागर जी जैसे संत मिले। ऐसी संतान हो जो माता पिता का नाम रोशन करे। संस्कार का योगदान महत्वपूर्ण होता है। जीवन को आनंदमय बनाएं। कार्यक्रम में नगर के आसपास के विशेष व्यक्तित्व आ रहे हैं । पनागर जैन समाज के द्वारा पूजन की द्रव्य अर्पण की गई .....................................................................
  21. 🌷 *पद विहार की जानकारी* 🌷 03/03/2019 *भारत के गौरव राष्ट्र हित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य* *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज( ससंघ)का बिहार मालथौन से खितौला के लिए चल रहा है *रात्रि विश्राम 3/03/2019*:- जबेरा (सभाबित) 03/03/2019 की आहरचार्य नोहटा मैं होगी *4/03/2019 की आहार चर्या* सिग्रामपुर (संभावित) *संभावित बिहार मार्ग* नोहटा से जबेरा 17k.m सिग्रामपुर 13 k.m गुबरा 4 k.m मझोली 10 k.m सिहोरा खितौला 20 k.m 05/03/2019 को मझोली मैं आहरचार्य होने की संभावना है *6/03/2019 को खितौला मैं दोपहर मैं प्रबेश होने की संभावना है* *संपर्क सूत्र* 7089095448 9926257007 9630986952 7024092007
  22. *अद्वितीयपंचकल्याणक महोत्सव* 12 से 18 मार्च 2019 *स्थान* श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला (सीहोरा) जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश) *कार्यक्रम स्थल* बारी बहु स्टेडियम खितौला *आशीर्वाद*:- बाल ब्रह्मचारी संघनायक आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज *संभावित सानिध्य* मुनि श्री 108 अभय सागर जी महाराज ससंघ *सानिध्य* मुनि श्री 108 विमल सागर जी मुनि श्री 108 अनंत सागर जी मुनि श्री 108 धर्म सागर जी मुनि श्री 108 अचल सागर जी मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज ससंघ *मांगलिक महोत्सव कार्यक्रम* 11 मार्च 2019-सोमवार पात्र चयन दोपहर 1 बजे 12 मार्च 2019 मंगलवार घट यात्रा 13 मार्च 2019 बुधवार ध्वजारोहण गर्भ कल्याणक पूर्व रूप 14 मार्च2019 गुरुवार गर्भ कल्याणक उत्तररूप 15 मार्च 2019 शुक्रवार जन्म कल्याणक 16 मार्च2019 शनिवार तप कल्याणक 17 मार्च2019 रविवार ज्ञान कल्याणक 18 मार्च 2018 सोमवार मोक्ष कल्याणक/गजरथ फेरी *प्रतिष्ठाचार्य* प्रतिष्ठा सम्राट प्रतिष्ठा रत्न बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा *आयोजक* सकल दिगंबर जैन समाज खितौला (सिहोरा )जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)कार्यक्रम का प्रसारण जिनवाणी चैनल पर होगा *खितौला पहुंच मार्ग* बहोरीबंद तीर्थ क्षेत्र 25 किमी, पनागर तीर्थ क्षेत्र- 20 गोसलपुर तीर्थ क्षेत्र-15 जबलपुर -39 कटनी- 52 जबलपुर कटनी मार्ग पर खितौला स्टेशन है। *संपर्क सूत्र* 9926357007 9329246533
  23. 🌷बिहार अपडेट🌷🌷 24/02/2019 सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी* *मुनि श्री अनंत सागर जी* *मुनि श्री धर्म सागर जी* *मुनि श्री अचल सागर जी* *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज* का बिहार मालथौन से बंडा के लिए हो गया है *रात्रि विश्राम*:- मढैया *25/02/2019 की आहार चर्या* मढ़ैया में होगी मढ़ैया में आहार चर्या उपरांत मुनि श्री( ससंघ) का बिहार रजवास के लिए होगा *बिहार दिशा*:- बंडा संपर्क सूत्र +918109524921
  24. मालथौन 21 फरवरी 2019 *मूक माटी अनोखी कृति -है मुनि श्री* मालथौन जिला सागर (मध्य प्रदेश) मे सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी मुनि श्री सुब्रत सागर जी मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ससंघ श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर मालथौन में विराजमान है धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि हमारे जीवन में संस्कारों का बड़ा महत्व है हम फास्ट फूड ले रहे हैं लेकिन यह भी देखें कि इसमें हिंसक पदार्थ डल रहे हैं फास्ट फूड फास्ट लाइफ फास्ट डेथ यह आज हो रहा है खाने को मना नहीं है लेकिन शुद्ध बनाकर खाएं! मुनि श्री विमल सागर जी ने मूक माटी की व्याख्या करते हुए कहा कि मूक माटी अनोखी कृति है इसमें आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने सब कुछ लिख दिया है प्रातःकाल आचार्य श्री की पूजन हुई एवं धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री अंनत सागर जी महाराज ने कहा कि धर्म हमारे जीवन में बहुत कुछ सहायता करता है
  25. 🌷🌷*विहार अपडेट*🌷🌷 17/02/2019 सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी* *मुनि श्री अनंत सागर जी* *मुनि श्री धर्म सागर जी* *मुनि श्री अचल सागर जी* *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज* का बिहार श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर बरोदिया से अभी-अभी हो गया है *बिहार दिशा* मालथौन (बरोदिया से मालथौन 12 कि.मी.) " आज शाम 5:00 बजे मालथौन में नगर प्रवेश होगा" *संपर्क सूत्र* 9644756213 7024092007
×
×
  • Create New...