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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. *अनोखा पिच्छिका परिवर्तन समारोह* दिनांक 6 नवंबर 2019 बुधवार दोपहर 1 बजे से *पंचकल्याणक एवं पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम स्थल* श्री हरि विष्णु कामथ स्टेडियम करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) *आशीर्वाद* बाल ब्रह्मचारी संघनायक आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज *सानिध्य* मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि धर्मसागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज *प्रतिष्ठाचार्य / निर्देशन* प्रतिष्ठा सम्राट , प्रतिष्ठा रत्न वाणी भूषण बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा (सम्राट) *मांगलिक महोत्सव कार्यक्रम* *गर्भ कल्याणक उत्तररूप* 6 नवंबर 2019 बुधवार *विशेष आकर्षण* पिच्छिका का आगमन नए तरीके से होगा *विशेष* इस कार्यक्रम में आप सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं। आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है। *आयोजक* पंचायत ट्रस्ट कमेटी , चातुर्मास कमेटी, पंचकल्याणक समिति, सकल दिगंबर जैन समाज करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) *करेली पहुंच मार्ग:* यहाँ रेलवे स्टेशन हैं राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 26 पर स्थित है। नरसिंहपुर 18 किमी,जबलपुर100किमी, सागर120किमी, राजमार्ग 27किमी,गोटेगांव50किमी, लखनादौन82किमी, छपारा107किमी, बीनाबारह तीर्थक्षेत्र50किमी
  2. *विश्व कल्याण की भावना के लिए होता है पंचकल्याणक-मुनि श्री* (पंचकल्याणक महोत्सव की प्रेस कांफ्रेंस हुई) करेली जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश मैं *सर्वश्रेष्ठ साधक पूज्य आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी, के ससंघ सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव की तैयारियों के अंतर्गत प्रेस कॉन्फ्रेंस सुभाष मैदान मैं हुई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के रिपोर्टरो ने मुनि संघ के दर्शन किए और विभिन्न विषयों पर चर्चा की और पंचकल्याणक संबंधी जानकारियां हासिल की इस अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं संबोधित करते हुए *मुनि श्री विमल सागर जी ने बताया कि* यह पंचकल्याणक सभी लोगों के लिए है इसके माध्यम से पूरे नगर में पॉजिटिव एनर्जी आएगी अनुष्ठान विश्व शांति की, विश्व कल्याण की भावना से आयोजित किया जा रहा है। इसमें पाषाण से भगवान बनने की प्रक्रिया बताई जाएगी । *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* पंचकल्याणक के माध्यम से गायों का संरक्षण एवं गौशालाओं के लिए दान भी दिया जाता है। हमारे गुरु आचार्य श्री विद्यासागर जी हमेशा सब जीवो के कल्याण के लिए सोचते रहते हैं और प्रेरणा मार्गदर्शन देते रहते हैं। उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिभास्थली के लिए शिक्षा के लिए आशीर्वाद दिया है जिसमें बालिकाओं को सुरक्षित स्थान पर शिक्षा दी जाती है। गरीब एवं सभी वर्गों के लिए चिकित्सा के लिए भाग्योदय तीर्थ एवं पूर्णायु जैसे विशाल चिकित्सालय के लिए प्रेरणा दी है और शांतिधारा दुग्ध योजना के माध्यम से गायों की रक्षा के लिए मार्गदर्शन दिया है और भी अनेक जनहित योजनाओं को आशीर्वाद दिया है। हथकरघा के माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रेरणा दी है जिससे अहिंसक वस्त्र तैयार हो। पत्रकार बंधुओं का सम्मान समितियों के प्रमुख व्यक्तियों ने किया।
  3. *अनोखा पंचकल्याणक महोत्सव* दिनांक 4 से 10 नवंबर 2019 श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बगीचा करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) *पात्र चयन* दिनांक 20 अक्टूबर 2019 रविवार प्रातः 8 बजे सुभाष मैदान करेली *पंचकल्याणक कार्यक्रम स्थल* श्री हरि विष्णु कामथ स्टेडियम करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) *आशीर्वाद* बाल ब्रह्मचारी संघनायक आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज *सानिध्य* मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि धर्मसागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज *प्रतिष्ठाचार्य* प्रतिष्ठा सम्राट , प्रतिष्ठा रत्न वाणी भूषण बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा (सम्राट) *मांगलिक महोत्सव कार्यक्रम* *घट यात्रा* *ध्वजारोहण* 4 नवंबर 2019 सोमवार *गर्भ कल्याणक पूर्व रूप* 5 नवंबर 2019 मंगलवार *गर्भ कल्याणक उत्तररूप* 6 नवंबर 2019 बुधवार *जन्म कल्याणक* 7 नवंबर 2019 गुरुवार *तप कल्याणक* 8 नवंबर 2019 शुक्रवार *ज्ञान कल्याणक* 9 नवंबर 2019 शनिवार *मोक्ष कल्याणक/गजरथ फेरी* 10 नवंबर 2019 रविवार *विशेष* इस कार्यक्रम में आप सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं। आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है। *आयोजक* पंचायत ट्रस्ट कमेटी , पंचकल्याणक समिति, सकल दिगंबर जैन समाज करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) *करेली पहुंच मार्ग:* यहाँ रेलवे स्टेशन हैं राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 26 पर स्थित है। नरसिंहपुर 18 किमी, जबलपुर100किमी, सागर120किमी, राजमार्ग 27किमी, गोटेगांव50किमी, लखनादौन82किमी, छपारा107किमी, बीनाबारह तीर्थक्षेत्र50किमी संपर्क सूत्र 9424635212 9425169812 9407320603 9425834236 9826529714
  4. 22/09/2019 *हिंसा को मिटाने के लिए अहिंसा का प्रचार आवश्यक है-मुनि श्री विमल सागर जी करेली जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक *सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान मे प्रतिदिन विभिन्न आयोजन चल रहे हैं। धर्म सभा को संबोधित करते हुए। *मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि* धार्मिक क्रियाएं हमारा मनोबल बढ़ाती हैं। *मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि* शरीर, संपदा, संबंधी के कारण हम अपने अच्छे उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। आपके जीवन में धन के कारण शांति नहीं आ पा रही है। जो वस्तु दुर्लभता से प्राप्त हुई है उसकी कीमत हमने समझी नहीं है।पाप से आया धन, पुण्य का पैसा भी ले जाता है। जीवन ओस की बूंद की तरह है। आज का व्यक्ति शांति चाहता है तो अशांति के कार्य छोड़ दे ।आज पिता का पुत्र के ऊपर और भाई का भाई के ऊपर विश्वास नहीं है। प्रसन्नता नहीं है तो धन किस काम का। जोड़ने के पीछे भाग रहे हैं इसलिए वेजोड़ नहीं बन पा रहे हैं। पैसा कमाना आपकी मजबूरी है इसलिए ध्यान रखें। *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* विश्व अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाएगा। हम सभी को तन, मन, धन, से सहयोग करना है। *हिंसा को मिटाने के लिए अहिंसा का प्रचार आवश्यक है।* सिर्फ नारे नहीं लगाना है कुछ अच्छे कार्य करना है। मांस निर्यात बंद हो गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। हथकरघा वस्त्रों को प्रोत्साहन मिले, नशा मुक्ति अभियान को गति मिले। इन सभी उद्देश्यों के लिए के आयोजन किया जा रहा है। देश, प्रदेश के शासन, प्रशासन के अतिथि आ रहे हैं। कुछ विशेष अतिथियों का उद्बोधन होगा, प्रवचन होंगे ।सिर्फ बैठक मे बातें नहीं होना चाहिए। हम सभी को मिलकर कार्य करना है। नेगेटिव सोच जीवन खराब कर देती है। इसलिए आज से ही पॉजिटिव सोचना प्रारंभ कर दें ।खानपान, जीवन पॉजिटिव रखें ।गुटका, तंबाकू, शराब आदि नशा नेगेटिव एनर्जी देते हैं और इनको छोड़ने से पॉजिटिव एनर्जी आएगी। लाखों गायों का बध क़त्ल खानों में हो रहा है ।हमें मौन को तोड़ना है कुछ को तुम जगाओ कुछ को हम जगायेंगे। अहिंसक भी हिंसक बनते जा रहे हैं । *प्रसिद्धि और विवाद एक दूसरे के पूरक हैं* जिसको प्रसिद्धि मिलती है तो विवाद भी होता है। हम एक दूसरे की टांग नहीं खींचे सहयोग करें जिससे यह अहिंसा का अनुष्ठान एवं अहिंसा का महायज्ञ सफल हो।
  5. करेली 7/09 /2019 *हंसते-हंसते कर्म बाँधते हैं फिर रोते हैं* (विश्व स्तरीय दस लक्षण महापर्व उत्तम सत्य धर्म) करेली जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश मे *राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान मैं पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म पर विभिन्न आयोजन हुए । प्रातः काल मुनि श्री विमल सागर जी ने शिविरार्थीओ को ध्यान करवाया फिर आचार्य भक्ति हुई फिर अभिषेक, शांतिधारा, विशेष पूजन ,छहढाला की कक्षा मुनि श्री विमल सागर जी द्वारा फिर इष्टोपदेश ग्रंथ की कक्षा मुनि श्री अनंत सागर जी के द्वारा ली गई, तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ, मुनि श्री के प्रवचन 10 धर्मों पर, रात्रि में आरती, शास्त्र प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता आदि हुई । यह कार्यक्रम ब्रह्मचारी रजनीश भैया जी रहली के निर्देशन में चल रहे हैं एवं प्रसिद्ध बाल कलाकार प्रथम जैन दमोह के द्वारा संगीतमयी विशेष प्रस्तुति दी जा रही है। इन कार्यक्रमों में विशेष योगदान मिल रहा है पंचायत ट्रस्ट कमेटी मंदिर निर्माण कमेटी चातुर्मास कमेटी नवयुवक मंडल महिला मंडल बालिका मंडल पाठशाला परिवार का इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए । *मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि* मिलावट पर मिलावट करते जा रहे हैं पुरानी मिलावट दूर नहीं कर पा रहे हैं ।24 घंटे पाप के कार्य हो रहे हैं और 1 घंटे पुण्य करेगा व्यक्ति तो स्वाद किसका ज्यादा आएगा। पाप का फल दिखाई देता है इसी से कर्म समझ में आते हैं। पूर्व के पुण्य से आपत्ति दूर होती है। हम हंसते-हंसते कर्मों को बांधते रहते हैं फिर भोगने में कष्ट होता है।" कुछ पल का मजा कई वर्षों की सजा" बहुत आरंभ बहुत परिग्रह की लालसा नरक जाने का कारण है ।दूसरों को नहीं कोसे कर्मों को कोसें। अकृतपुण्य की कथा में आया है कि व्रत, नियम, संयम से कल्याण हो जाता है ।इच्छाओं का निरोध करना तप होता है। श्रावक संस्कार शिविर में प्रातः काल 4 बजे उठना ,उपवास करना कठिन कार्य है फिर भी जो साधना कर रहे हैं साधुवाद के पात्र हैं। अच्छा भविष्य उन्हीं का बनता है जो सूर्योदय के पूर्व उठ जाते हैं ।शुगर जैसे रोग भी कंट्रोल हो गए हैं शिविर में भाग लेने से। *मुनि श्री अनंत सागर जी ने बताया कि* 10 धर्मों को जो जीवन में अंगीकार कर लेता है महान बन जाता है । *मुनि श्री अचल सागर जी ने बताया कि* उत्तम शौच धर्म हमारे जीवन में आ जाए तो हमारा जीवन ही बदल जाए अनेक उदाहरण देकर उन्होंने धर्म की व्याख्या की। *मुनि श्री भाव सागर जी ने बताया कि* धार्मिक मान्यताएं जो स्थिति परिस्थिति अनुसार परिवर्तित होती रहती हैंकमेटी ने बताया कि 8सितंबर को उत्तम सयंम धर्म के अवसर पर कवि सम्मेलन रात्रि 9 बजे होगा प्रतिदिन के कार्यक्रम भी होंगे। 10 सितंबर मंगलवार को उत्तम त्याग धर्म के दिन प्रातः 6 बजे महा शांति धारा होगी जिसमें पूरे नगर के जैन बंधु शांतिधारा करेंगे यह इतिहास में प्रथम बार होगा। पर्यूषण पर्व में कई लोग पांच उपवास निर्जल एवं कई लोग कुछ पेय पदार्थ आदि लेकर कर रहे हैं।
  6. विश्व का अद्वितीय जैसलमेर पाषाण से निर्मित होने वाला श्री महावीर पाषाण जिनालय ,करेली जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश..........
  7. 02/09/2019 *मंत्र के ध्यान से अमृतदायिनी प्राण शक्ति मिलती है - मुनिश्री* करेली' जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान मैं प्रतिदिन विभिन्न आयोजन चल रहे हैं । इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि जहां विवेक नहीं रहता है वहां सारे गुण फेल हो जाते हैं । साधु के सानिध्य में जीवन में परिवर्तन होता है । श्रावक संस्कार शिविर में साधु के साथ साधना करने एवं कुछ सीखने का अवसर प्राप्त होगा। मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा संसारी प्राणी संसार को चाहता है । जहां दस प्रकार के लक्षण होते हैं वह दसलक्षण धर्म होते है, अगर एक लक्षण भी निकल जाए तो धर्म नहीं रहता है । जो हमारी दस दिन की जिन्दगी रहती है वहीं 365 दिन हो जाए तो सार्थकता रहेगी । परोपकारी बनो जियो और जीने दो । कर्तव्य की बात करें अधिकार की नहीं । देश, समाज , राष्ट्र के कर्तव्य को ध्यान रखें । हम लोकिक प्रयोजन को सिद्ध करते है लेकिन आत्म प्रयोजन को सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं । मुनि श्री भाव सागर जी ने बताया ध्वनि जब भावना से मिलकर शब्द रूप बनती है तो उसमें एक मैगनेटिक करेंट ( चुंबकीय लहर ) उत्पन्न होती है । मंत्र के माध्यम से ध्यान करने से अमृत दायनी प्राण शक्ति मिलती है । इन मुद्राओं से स्मरण शक्ति का विकास होता है, स्फूर्ति का अनुभव होता है, मानसिक शांति मिलती है, आत्मिक योग्यताओं का विकास होता है । प्रमाद दूर होता है, एकाग्रता बढ़ती है, स्वतंत्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है ।
  8. 28/08 /2019 *विद्या, औषधि, मंत्र, जल, हवन आदि भी कार्य करते हैं*-मुनि श्री करेली' जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर सुभाष मैदान मैं प्रतिदिन विभिन्न आयोजन चल रहे हैं । इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और उदाहरण देकर समझाया कि कैसे हम अपना आचरण सुधारें। मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि शांति भक्ति में आचार्य पूज्यपाद स्वामी जी ने लिखा है की विद्या, औषधि ,मंत्र, जल ,हवन आदि अपना अपना कार्य करते हैं। मंदिर के लिए प्रभु के लिए जो भी अर्पण किया जाता है। वह भी पूजा के अंतर्गत आता है। भक्ति में तन्मयता के लिए हम प्रभु को सर्वश्रेष्ठ सामग्री अर्पण करते हैं। वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है चावल नेगेटिव एनर्जी को खींचता है। मंदिर सुख ,शांति, समृद्धि, प्रदान करने वाले होते हैं। भगवान को छत्र, चमर, भामंडल, प्रतिमा विराजमान करवाना वेदी का निर्माण ,शिखर का निर्माण, मंदिर के लिए भूमि आदि का दान भी पूजन के अंतर्गत आता है ।इसलिए मंदिर के लिए हमेशा सर्वश्रेष्ठ सामग्री का दान करते रहना चाहिए। जिससे जीवन में पाप कम होता है और पुण्य की वृद्धि होती है। और हमेशा इष्ट पदार्थों की प्राप्ति होती रहती है ।और आगामी भवो में भी इसका फल मिलता है।
  9. श्रावक संस्कार शिविर पर्यूषण पर्व 2019 करेली जिला नरसिंहपुर(म.प्र) *आनलाईन फार्म* नाम उम्र पिता श्री पता मोवाइल नं सम्पर्क सूत्र *प्रचार सहयोगी*- जिनवाणी चैनल वेबसाईट : www.vidyasagar.guru www.jindharma.com फेसबुक : jindharma ट्वीटर : jindharma वाट्स एप्प: jindharma.com एप्प: acharya shri vidyasagar यू ट्यूब: jindharma मो :9425467816 9406671066 7354705860 8435925178 9981906011
  10. करेली 20/08 /2019 *समाधि को मृत्यु महोत्सव वीर मरण कहते हैं - मुनि श्री* सुधार की प्रेरणा देने वाली सुधार मति माताजी को दी गयी श्रद्धांजलि करेली जिला - नरसिंहपुर मध्यप्रदेश में राष्ट्रहित चिंतक व सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी,मुनि श्री अनन्तसागर जी,मुनि श्री धर्मसागर जी,मुनि श्री अचलसागर जी व मुनि श्री भाव सागर जी के ससंघ सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सुभाष मैदान में श्रद्धांजली सभा हुई । जिस दौरान माता जी से जुड़े संस्मरणों को याद किया गया । इस अवसर पर धर्म सभा का संबोधन महाराज श्री के मुखारबिंद से हुआ जिसमें संघ नायक मुनि श्री विमल सागर जी ने जैन साधुओं की सल्लेखना की महिमा बताते हुए कुछ ही दिनों पूर्व करेली में ग्रीष्म कालीन वाचना करने वाली आर्यिका सुधारमति माताजी की साधना के बारे में बताया... वही मुनि श्री भाव सागर जी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि समाधि मरण व सल्लेखना को शास्त्रों में मृत्यु महोत्सव व वीरमरण कहा गया है । जन्म का महोत्सव जग मनाता है पर मृत्यु का महोत्सव बिरले लोग ही मनाते हैं । आयु का क्षय मरण कहा गया है । मृत्यु को शरीर धारियों की प्रकृति कहा गया है पर जो समाधि मरण करता है वह भव्य आत्मा कम से कम 2-3 भवों के लिए व अधिक से अधिक सात से आठ भव में मुक्ति प्राप्त करने वाला जीव बन जाता है । कषाय और शरीर को कृष करना सल्लेखना कहलाता है । शरीर में जब कोई रोग हो जाता है या कोई संकट आदि आ जाता है और जीने की कोई राह नजर नही आती तो शरीर से ममत्व का त्याग कर साधक,सल्लेखना धारण करता है । जिस प्रकार कोई शरीर को डोनेट करता है इसी प्रकार अपनी आत्मा के कल्याण के लिए शरीर के द्वारा सल्लेखना धारण की जाती है । जिस प्रकार चोर, संपत्ति चुरा लेता है तो पुण्य का अर्जन नहीं होता है लेकिन दान या त्याग करने पर पुण्य का अर्जन होता है,इसी प्रकार सल्लेखना में होता है शरीर तो छूटना ही है लेकिन आत्मा को सुरक्षित करने के लिए सल्लेखना ली जाती है । दीक्षा सल्लेखना की साधना के लिए ली जाती है । क्रमशः अन्न-जल का त्याग,निर्जल उपवास की साधना की जाती है । आर्यिका श्री सुधार मति माताजी ने भी समाधि पूर्वक मरण को प्राप्त किया है । वह सहज, सरल थी और हमारी यही भावना है कि सभी पिच्छीधारी साधुओं का समाधि मरण अनुकूलता पूर्वक हो जिससे मृत्यु पर विजय प्राप्त हो । जिस प्रकार देश की सुरक्षा करते हुए जवान शहीद हो जाते हैं उसी प्रकार साधक साधना करते हुए.... पंच नमस्कार मंत्र का स्मरण करते हुए.... भगवान की भक्ति करते हुए.... अंतिम श्वास लेता है । गौरतलब है कि आर्यिका श्री सुधार मति माता जी का वर्तमान चातुर्मास खजुराहो में आर्यिका श्री अनन्तमती माता जी के साथ जारी था । माता श्री सुधार मति जी का पिछले 17 अगस्त को शाम करीब 6 बजे खजुराहो में समाधि मरण हुआ था । उनका पिछले तीन-चार दिन से स्वास्थ्य अनुकूल नहीं था । उनका जन्म 4 जनवरी 1964 को अशोकनगर मध्यप्रदेश में हुआ था,उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से ब्रह्मचारी व्रत 16 जनवरी 1991 को मुक्तागिरी तीर्थ क्षेत्र में धारण किया था और 6 जून 1997 नेमावर सिद्ध क्षेत्र देवास मध्यप्रदेश में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज से दीक्षा ग्रहण की थी । ज्ञात हो कि इसी साल करेली में 19 मार्च से 20 जून तक ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान लगभग 3 माह तक माता जी करेली में रहकर श्रद्धलुओं को धर्म का मर्म बताती रहीं । खजुराहो में 19 अगस्त को प्रातः काल अंतिम संस्कार किया गया । इसी क्रम में पंचायत कमेटी, चातुर्मास कमेटी, मंदिर निर्माण कमेटी, महिला मंडल, नवयुवक मंडल, बालिका मंडल, पाठशाला परिवार करेली के द्वारा श्रद्धांजलि दी गई साथ ही मुकेश जैन ने बताया कि माताजी ने हमें कुछ कविताएं लिख कर दी थी जो हमारे पास आज भी हैं। विजय जैन ने बताया कि माताजी का हमें विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। रोशनी जैन ने कहा कि हमारे लिए माताजी ने बहुत कुछ सिखाया है उनके उपकारों को हम भूल नहीं सकते। ब्रह्मचारिणी मोना दीदी ने कहा कि सुधार मति माताजी के अनंत उपकार थे। माताजी हमेशा हमें समझाती रहती थी। वह सरल स्वभावी थी और अश्रुपूरित नेत्रों से सभी जन की आराध्य माता श्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए ।
  11. 14/08 /2019 *मंदिर, प्रतिमा, पूजा, भक्ति, मंत्र, जाप, आदि धार्मिक क्रियाएं इलेक्ट्रोडायनेमिक फील्ड बदलने में सशक्त माध्यम है- मुनि श्री* करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विभिन्न आयोजन चल रहे हैं* 14 अगस्त को अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, रक्षाबंधन विधान का तृतीय भाग संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम ब्रह्मचारी मनोज भैया जी जबलपुर के निर्देशन में चल रहे है। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए। *मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि*. पूजन भक्ति सर्वश्रेष्ठ माध्यम है कर्मों को क्षय करने का। *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* मंदिर प्रतिमा पूजन भक्ति एवं मंत्र जाप आदि धार्मिक क्रिया ही चारों ओर के वातावरण आभामंडल (इलेक्ट्रोडायनेमिक फील्ड) और अपने विचारों को बदलने का सशक्त माध्यम है इन क्रियाओं से सीधे पाप कर्म नष्ट नहीं होते बल्कि आसपास का माहौल बदलता है उससे विचार बदलते हैं विचारों की परिवर्तन से कर्म नष्ट होते हैं भगवान के ऊपर प्रथम छत्र का आकार इतना बड़ा होना चाहिए की प्रतिमा के दोनों कान, नाक, का अग्रभाग एवं सिर पूर्णतः ढक जाए परंतु सिर से थोड़ा ऊपर छत्र इस ढंग से लगाना चाहिए जिससे कि प्रतिमा पूर्णता दृष्टिगोचर हो और अभिषेक आदि कर सके। छत्र दान करने से एक छत्र राज्य करता है छत्र देने वाला और चमर दान करने से उसके ऊपर चमर ढुरते हैं। श्रीफल की महिमा अपरंपार है। श्री यानी मोक्ष का फल देने वाला होता है श्रीफल। कमेटी ने बताया कि15 अगस्त को प्रातकाल अभिषेक, शांति धारा, पूजन, श्री श्रेयांश नाथ भगवान का निर्वाण कल्याणक का निर्वाण लाडू अर्पण किया जाएगा इसके पश्चात मुनि राजो की पिच्छिका में राखी बांधी जाएगी इसके पश्चात मुनि श्री की दिव्य देशना का लाभ मिलेगा। इस कार्यक्रम में पूरे देश के विभिन्न नगरों से श्रद्धालु आएंगे।
  12. 12/08 /2019 देश के शहीद बड़े महान हैं वे देश की शान है- मुनि श्री भाव सागर जी करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज (ससंघ) *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विराजमान है* 12 अगस्त को अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, रक्षाबंधन विधान का प्रथम भाग संपन्न हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए *मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि* स्वतंत्रता दिवस सिर्फ नारे लगाकर नहीं मनाना है कुछ करना भी है। *इंडिया नहीं भारत लिखें* और जनजागृती लाएं । *हिंदी* *भाषा को महत्व दें* भारत ने पूरे विश्व को ऑपरेशन की तकनीक दी है। पहले गांव गांव में गुरुकुल थे। हमें अंग्रेजों ने अपनी अंग्रेजी सभ्यता से गुलाम बना दिया है इन सब से आजाद होना है। यह शरीर राष्ट्रीय संपत्ति है। राष्ट्रहित में हमेशा कार्य करना चाहिए। भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखना है।राष्ट्र की रक्षा ,व्यक्ति, परिवार ,धर्म, समाज और संस्कृति की सुरक्षा है ।पहली रक्षा राष्ट्र की बाद में परिवार की क्योंकि राष्ट्र बड़ा होता है परिवार नहीं। राष्ट्र हमारा घर है राष्ट्र हमारा परिवार है राष्ट्र हमारा समाज है। हम अपने राष्ट्र की रक्षा का संकल्प करें। हम अपने राष्ट्र के पहरेदार बने। हमारी सभ्यता दुनिया से निराली है। देश एक मंदिर है हम उसके पुजारी हैं। देश की रक्षा करने वाले सीमा पर तैनात सेना के जवानों की ड्यूटी किसी संत की तपस्या से कम नहीं है। जो ठंडी, गर्मी बरसात और आंधी तूफानों की बाधाओं को सहते हुए 24 घंटे देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। देश की रक्षा में मीडिया का बहुत योगदान हो सकता है यदि वह राष्ट्रीय विचारधारा ,शहीदों की गाथा ओं बलिदानों की कहानियों राष्ट्रीय लोक सेवा, सामाजिक लोक सेवा, परोपकार बलिदान देश प्रेम, आदि विषयों को फोकस करें । *रोको इस नुकसान को वीरो बहादुरों से भर दो हिंदुस्तान को* हमारे *देश के शहीद बड़े महान है* *क्योंकि वे देश की शान है* उनके बिना घर ही नहीं मंदिर भी सुनसान है। हमारी पूजा प्रार्थना में सबसे पहले राष्ट्र का नाम आता है। राष्ट्र की मंगल कामना के बिना हमारी हर पूजा प्रार्थना अधूरी है ।भारत के इतिहास में नया परिवर्तन हुआ था। सदियों से राज्य करने वाली सत्ता का अंत हुआ था ।और अपने भारतीय शासन का पुनः निर्माण हुआ था। भारत के अनेक सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इस स्वतंत्रता का चिराग जलाया है। हमें स्वतंत्रता को कायम रखना है। *मुनि श्री अनंत सागर जी* ने कहा कि संसार में ऐसे भी लोग होते हैं जो देने के नाम पर देते नहीं हैं लेने को तैयार रहते हैं ।दान लेने वालों की अनुमोदना करना चाहिए। गृहस्थ के पास कोड़ी नहीं है तो वह कोड़ी का नहीं है साधु के पास कोड़ी है तो वह भी दो कौड़ी का नहीं होता है। परिग्रह छोड़ते छोड़ते भी रख लेते हैं। कमेटी ने बताया कि ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के निर्देशन में प्रतिदिन कार्यक्रम चल रहे हैं। पंचायत कमेटी चातुर्मास कमेटी दिगंबर जैन समाज के प्रमुख सदस्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मार्गदर्शन प्राप्त करने नेमावर गए थे वहां आचार्यश्री से चर्चा हुई और आशीर्वाद प्राप्त किया ।
  13. 11/08 /2019 *मंदिर बनवाना प्रतिमा विराजमान करना मंदिर को अचल संपत्ति दान करना पूजा के अंतर्गत आता है- मुनि श्री* करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के आज्ञानुवर्ती शिष्य *मुनि श्री विमलसागर जी महाराज (ससंघ) *श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विराजमान है* 11 अगस्त को 108 कलश से श्री आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक महाशांतिधारा, पूजन, पंचपरमेष्ठी विधान संपन्न हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए *मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि* दुःख में प्रभु और सुख में मेहमान याद आते हैं । कष्ट सहने वाले बनो तभी हमारी क्षमता का विकास होता चला जाता है । साल में एक बार तो बुखार आदि आते रहना चाहिए... क्योंकि उस बुखार के समय का अनुभव ही सल्लेखना के समय होता है। भगवान की आराधना देखा सीखी नही करना चाहिए बल्कि कर्तव्य बुद्धि के साथ करना चाहिए... भगवान का मंदिर बनाने का सामर्थ व्यक्ति का नही बल्कि भगवान स्वयं मंदिर बना लेते है । तरक्की का एक मार्ग कभी सन्तुष्ट न होना है। धर्म के क्षेत्र में सन्तुष्ट न हो तभी बड़ा काम हो सकता है। भावना भवनाशिनी होती है।भावना भवो का नाश करती है। उत्साह पूर्वक दान करना चाहिए,तभी दान का फल मिलता है । टूटे फूटे भाग को प्रभु देते हैं जोड़ प्रभु उसका क्या करें जो मुख लेते हैं मोड़ ।सुख में व्यक्ति मुख मोड़ लेता है । सुख में भगवान का सुमिरन करने से विशुद्धि बढ़ती चली जाती है । *मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि* मंदिर बनवाना प्रतिमाओं को विराजमान करना, मकान, भूमि ,खेत,के आदि का दान करना यह भी पूजा के अंतर्गत आता है पूजन धीमी स्वर में करना चाहिए । कमेटी ने बताया कि ब्रह्मचारी ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा एवं ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के निर्देशन में प्रतिदिन कार्यक्रम चल रहे हैं। ज्ञात हो कि बड़े जैन मंदिर करेली का जीर्णोद्धार होकर उसके स्थान पर पाषाण का 3 मंजिल भव्य मंदिर बनाने की योजना चल रही है जिसमें विशाल महावीर भगवान मूलनायक की पाषाण की प्रतिमा विराजमान होगी। और श्री शांति नाथ जी श्री कुंथुनाथ जी श्रीअरहनाथजी की खंडगासन प्रतिमा विराजमान होगी। खडगा सन अष्ट धातु की चौबीसी विराजमान होंगी ।यह विश्व में अनूठा, अद्वितीय, अद्भुत मंदिर होगा। आगे चार दिवसीय भारत रक्षा महोत्सव संपन्न होगा यह 12 से 15 अगस्त तक चलेगा जिसमें यह मांगलिक कार्यक्रम संपन्न होंगे 12 अगस्त 2019 दिन सोमवार से 14 अगस्त दिन बुधवार तक प्रतिदिन रक्षाबंधन विधान 700 श्रीफल के साथ होगा 15 अगस्त 2019 दिन गुरुवार को भारत रक्षा महोत्सव मनाया जाएगा जिसमें , श्री श्रेयांश नाथ जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा निर्वाण लाडू अर्पण होगा श्रावको के द्वारा मुनिराजो की पिच्छिका में राखी बांधी जाएगी
  14. करेली 07/08 /2019 *मुनि दीक्षा दिवस एवं मोक्ष कल्याणक महोत्सव ऐतिहासिक रूप से मनाया गया* करेली जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश मैं राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी ससंघ सानिध्य में 6 एवं 7 अगस्त को दो दिवसीय महोत्सव संपन्न हुआ। 6 अगस्त को मुनि श्री अचल सागर जी व मुनि श्री भाव सागर जी का 16वां दीक्षा दिवस मनाया गया । संघ नायक मुनि श्री विमल सागर जी महाराज पंच ऋषिराज सहित करेली के श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में विराजमान हैं । चातुर्मास में प्रतिदिन मुनि श्री विमल सागर सहित मुनि श्री अनन्तसागर जी ,मुनि श्री धर्मसागर जी,मुनि श्री अचलसागर जी व मुनि श्री भाव सागर जी के मुखारबिंद से भक्तो को धर्म का मर्म समझने मिल रहा है । इस दौरान धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि विरले लोग होते हैं जो वैराग्य के रंग में रंग जाते हैं। राग से मोड़कर बैराग्य की ओर कदम बढ़ा लेते हैं। हमारे गुरुदेव ने अतिशय दिखा दिया पूरा का पूरा संघ बाल ब्रह्मचारी है। आचार्य श्री ने असंभव को भी संभव करके दिखा दिया। जब मैं धर्म से जुड़ा,धर्मात्माओं से जुड़ा तब ऐसी भावना थी कि मुझे भी दीक्षा देखने का अवसर मिले लेकिन मुनि दीक्षा देखने को नही मिल रही थी,तभी भाव बनाये कि मुझे ही अब मुनि बनना होगा। इस राग में फंसना ठीक नही और जीवन का कोई भरोसा नही है इस कलिकाल में भोगों की प्रधानता है अगर वहां पर दिगम्बर मुद्राएं देखने को मिल जाएं तो क्या कहना.? ये अतिशय आचार्य श्री की वजह से हमें देखने मिल रहा है । आचार्य श्री ने तीन जीवंत चौबीसी मुनि दीक्षा देकर तैयार की है।जहां चारो ओर भोगो की प्रधानता है शरीर अन्न का कीड़ा बना हुआ है फिर भी मुनिराज दिख रहे हैं.... वैराग्य उत्तम वस्तु है । भोगों में रोगों का भय रहता है, जिसके जीवन में वैराग्य उमड़ आता है उसे कोई भय नहीं रहता है । हमारा सौभाग्य है कि आचार्य श्री विद्यासागर जी जैसे महान संत मिले हैं । ऊपर से बारिश हो रही थी और नीचे से भक्तों की वर्षा हो रही थी... शरीर को मृत्यु का भय बना रहता है, बल में शत्रु का भय बना रहता है । अनेक भयों से ये जीवन ग्रसित है पर वैराग्य की शरण मे ही अभय बना रहता है । संसार मे जो भी हैं वो सार्थक हो जाये अगर वैराग्य हो जाये.. मुनि श्री अनन्त सागर जी कहा कि दीक्षा के एक दिन पूर्व रात्रि में ब्रम्हचारी भैया घास की तरह अपने बालों को उखाड़ रहे थे । ये केशलौंच शरीर से ममत्व को बताता है आज भी इस काल में वैराग्य के पथ पर बढ़ रहे हैं यह महत्वपूर्ण है । आज विषयों की चकाचौंध है एक बार भोजन करना बड़ी बात है । आज शारीरिक शक्ति नहीं है कि साधु जंगल में रह सकें । आज भी निर्दोष चर्या का पालन करके चतुर्थ काल जैसी निर्जरा कर सकते हैं । वैराग्य के क्षण महत्वपूर्ण होते हैं । आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जब दीक्षा देते हैं तो संख्या निश्चित नहीं रहती है, कम ज्यादा भी हो जाती है । मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि मोक्ष मार्ग में मन को ठंडे बस्ते में रखा जाता है । आचार्यश्री ने कहा था कि अरबों रुपये लेने के बाद भी कोई दीक्षा नहीं ले सकता है । दुनिया की जानकारी होने के बाद अपने आप को गुरु चरणों में समर्पित करना कठिन कार्य है । करोड़ों भवों का पुण्य संचय होता है तभी समीचीन गुरु मिलते हैं । संसार की यात्रा संसार की ओर होती है । जिसने संसार के स्वरूप को समझ लिया सब को समझ लिया । गुरुजी बात बात में अध्यात्म पिलाते थे । हमारा बैराग्य वर्तमान में कैसा है ? जिसने यह ध्यान रख लिया उसका दीक्षा दिवस सार्थक हो जाता है । आचार्य श्री ने कहा था कि हमेशा यह देखो कि हमारा वैराग्य कैसा है । आचार्य श्री का एक एक वाक्य सूत्र जैसा है । आज के दिन हमको गुरु मिले थे । आत्म कल्याण के लिए ही दीक्षा ली जाती है । मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि हमारी भावना है कि आज के दिन दीक्षित मुनिराज हमेशा रत्नत्रय का पालन करते रहें,उनका स्वास्थ्य हमेशा ठीक बना रहे । वह हमेशा जिन शासन की प्रभावना करते रहें । हमारी भावना है कि सभी ब्रह्मचारी भाइयो एवम ब्रह्मचारिणी बहनों की दीक्षा हो जाए । हमने गुरुजी से भावना रखी थी कि हमारे द्वारा जिन शासन की अप्रभावना ना हो। हमने सोचा था कि हम जैसे युवा यदि इस मार्ग में नही आएंगे तो हमारा जिनशासन कैसे आगे तक चलेगा । दीक्षा दिवस पर ऐसी भावना है कि अंतिम श्वांस गुरु चरणों मे लें । कार्यक्रम में मंगलाचरण सामूहिक सांस्कृतिक समिति व महिला मंडल ने किया । पाठशाला के बच्चों ने दीक्षा महोत्सव पर दीक्षा के गीतों पर प्रस्तुति दी ।आचार्य श्री के चित्र का अनावरण मुनिराजों के गृहस्थ के परिवारजनों ने किया । दीप प्रज्वलन विशेष अतिथियों ने किया । पाद प्रक्षालन और शास्त्र अर्पण व आचार्य श्री की पूजन की गयी । दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति *मुनि दीक्षा की महिमा* की मेगा स्क्रीन पर प्रसारण किया गया जिसमें लोग मंत्रमुग्ध होकर एक टक होकर देखते रहे और कई बार लोगों ने कई दृश्यों पर जमकर ताली बजाकर दीक्षा की अनुमोदना की । 7 अगस्त को श्यामवर्णी श्री पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक बड़ी धूमधाम से करेली के इतिहास में प्रथम बार मनाया गया । प्रातःकाल श्री पारसनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक भव्य शांतिधारा हुई और महा पूजन भी हुई इसके बाद घर घर से द्रव्यों द्वारा तैयार किये गए खूबसूरत और मन को मोहने वाले कई निर्वाण लाडू अर्पण किये गये और यह कार्यक्रम प्रतिष्ठा सम्राट बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा एवं ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के निर्देशन में संपन्न हुए । लिटिल मास्टर संगीतकार प्रथम जैन दमोह ने शानदार प्रस्तुति दी । मंदिर के लिए एक छोटी बालिका यशवी जैन ने गुल्लक के धन का दान किया । इस अवसर पर मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि पारसनाथ जी का मोक्ष कल्याणक बड़े उत्साह से मनाना चाहिए । जब महिमा ज्ञात होती है तो समझ में आ जाता है । भगवान के अभिषेक,शांतिधारा, पूजन उत्तम धातु के पात्रों से करना चाहिए । पुण्य को बढ़ाने वाला समझदार माना जाता है । स्वर्ण गिर जाए तो अशुभ होता है,भगवान के कार्यों में लग जाए तो पुण्य की वृद्धि करता है । अगले भव में स्वर्णो के महल मिलते हैं । आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की कृपा से सब फल फूल रहे हैं । भगवान के लिए कोई दान देता है और व्यवस्थापक रख लेते हैं और वह कार्य नहीं करते हैं तो अंतराय कर्म का बंध होता है ।मूलनायक भगवान की शांति धारा अभिषेक स्वर्ण झारी से होना चाहिए । आज का दिन मोक्ष सप्तमी का दिन है इस दिन आप अच्छे संकल्प करने जा रहे हैं । आप बहुत बड़ा कार्य करने जा रहे हैं । भगवान पारसनाथ जिस प्रकार स्वर्णभद्र कूट से मोक्ष पधारे हैं ऐसे ही स्वर्ण के समान मंदिर बने । दान देने के बाद उत्साह होना चाहिए । प्रतिमा विराजमान करने वाले को धूमधाम से कार्यक्रम करना चाहिए ।
  15. 05/08 /2019 *दुनिया में प्रसिद्धि मिलती है प्रभु भक्ति करने से -:मुनि श्री विमल सागर जी* करेली जिला नरसिंहपुर (म.प्र.) मे राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के परम प्रभावक शिष्य *मुनि श्री विमलसागर जी महाराज ससंघ * श्री महावीर दिगंबर जैन बडा मंदिर करेली मैं विराजमान है* मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि कर्मों की बड़ी विचित्रता है। यह मनुष्य जीवन एक खेत के समान है। भगवान की पूजन करने से 24 घंटे में जो पाप होते हैं धुल जाते हैं। पुण्य से अग्नि जल बन जाती है। तलवार माला बन जाती है। पुण्य से अतिशय हो जाते हैं। नियम के प्रभाव से पुण्य की प्राप्ति होती है। धर्म की महिमा अपरंपार है। छोटे-छोटे नियम भी ऊंचाइयों पर पहुंचा देते हैं। मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि पानी जहां जाता है वैसे रूप में हो जाता है। नीम में जाता है तो कड़वा हो जाता है। जैसी संगति होती है वैसा परिवर्तित हो जाता है। सज्जन पुरुषों की संगति करेंगे तो वैसे हम होंगे। सज्जन की संगति में रहोगे तो सज्जन बनोगे। माता पिता का बड़ा महत्त्व होता है बच्चों को संस्कारित करने में। आप बच्चों को चॉकलेट खिला कर मांसाहार के संस्कार दे रहे हैं। आने वाली पीढ़ी के भविष्य को आपने नहीं संभाला तो आगे क्या होगा। संत समागम से जीवन महक जाता है। *आचार्य श्री विद्यासागर जी ने मूकमाटी में लिखा है कि संत समागम की यही तो सार्थकता है कि संसार का अंत दिखता है* 84 लाख योनियों से बचने का उपाय संत समागम है। गुरु महाराज के दर्शन परेशानियों से दूर हो जाते हैं। मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि भगवान के गुणों का कीर्तन भक्ति, पूजा, आदि करने से विघ्न नाश को प्राप्त होते हैं। कभी भी भय नहीं होता है। बाहरी शक्ति आक्रमण नहीं करती है। और निरंतर यथेष्ट पदार्थों की प्राप्ति होती रहती है। भक्ति अमीर गरीब सभी करते हैं। आज युवाओं को बालकों को हमने अच्छे धार्मिक संस्कार नहीं दिए तो युवा अपराध और नशे में लिप्त हो जाएंगे। इतिहास गवाह है कि जब जब भी पतन के के क्षण उपस्थित हुए हैं तब तब उत्थान की अमर गाथाऐ भी लिखी गई हैं। दिन बा दिन सामाजिक एवं धार्मिक संकटों औरअवरोधो और हम अपनी खुली आंखों से देख रहे हैं। दुनिया में अहिंसा का शंखनाद करना है। बच्चों को पूजन अभिषेक आहार दान आदि सिखाना चाहिए पाठशाला भी भेजना चाहिए तभी बच्चे युवा संस्कारित होंगे। दुनिया में प्रसिद्धि मिलती है प्रभु भक्ति करने से इसलिए हमेशा भक्ति करते रहें।
  16. *दमोह 07-06-2019* *ग्रन्थो को सुनने से भी कई गुना लाभ होता है - मुनि श्री विमल सागर जी* *(श्रुतपंचमी पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया गया )* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञा अनुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में 7 जून दिन शुक्रवार को *श्रुतपंचमी ज्ञान महामहोत्सव* संपन्न हुआ। जिसमें 2000 वर्ष प्राचीन शास्त्रों की महापूजा हुई। प्रातः देव , शास्त्र , गुरु की शोभायात्रा निकाली गई फिर श्री जी का अभिषेक हुआ श्रुतस्कन्ध का अभिषेक दमोह नगर के इतिहास में प्रथम बार हुआ। बहुत सारी महिलाएं सिर पर शास्त्र रखकर शोभायात्रा मे चल रही थी और बाद में शास्त्र अर्पण भी किया पुरुषो ने भी शास्त्र अर्पण किया षटखंडागम , जयधवला , धवला , महाबंध आदि ग्रंथो की महापूजन हुई शास्त्र लकी ड्रा योजना का ड्रा निकाला गया जिसमे प्रथम , द्वितीय , तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार का चयन हुआ पीतल की धातु में 24×36 साइज में श्रुतस्कन्ध एव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र का विमोचन सुधीर सिंघई , मनीष मलैया , श्रेयांश सराफ , अंकुश बनवार आशीष गांगरा ,सुनील वेजीटेरियन , संजीव शाकाहारी , प्रवीण (महावीर ट्रांसपोर्ट) , रोहन कौशल आदि ने किया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी ने कहा कि यह श्रुत की परंपरा श्री आदिनाथ जी के समय से ज्ञान की धारा के रूप में निरंतर चल रही है।आचार्यो ने सोचा यदि ग्रंथों को लिपिबद्ध नहीं कराएंगे तो यह ज्ञान समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा था श्रुत देवता जयवंत हो। उन्होंने षटखंडागम ग्रंथ का अध्ययन करवाया था। जब ग्रंथों की लेखन की पूर्णता हुई तो उन मुनिराजों और श्रुत की पूजा की गई। हमें भी सौभाग्य प्राप्त हुआ कि गुरुदेव के द्वारा दीक्षा मिली और उसके बाद गुरुदेव के द्वारा षटखंडागम की सातवी पुस्तक को पढ़ने और सुनने का सौभाग्य मिला गुरुजी ने कहा था कि यह महान ग्रन्थ है इसको सुनने से भी असंख्यात गुनी कर्मो की निर्जरा में कारण है। हाथ जोड़कर विनय के साथ सुनते जाओ। कालांतर में सब कुछ आ जाता है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी णमोकार मंत्र पढ़ते हैं। यह षटखंडागम ग्रंथ में मंगलाचरण के रूप में है णमोकार मंत्र। यह मंगलाचरण अधूरा नहीं है पूर्ण है। ओंमकार ध्वनि में 11अंग 14 पूर्व द्वादशांग गर्भित होता है। धवला ग्रन्थ में आया है कि दुनिया में यदि कोई संपदा है तो वह है गाय और दूसरा अर्थ है इस दुनिया में यदि कोई अद्वितीय संपदा है तो वह है जिनवाणी। चारो अनुयोगों को मेरा नमस्कार हो। जो इनका पान करता है उसकी सम्यक बुद्धि चलती है। जिसको जन्म के समय णमोकार मंत्र सुनने मिल जाए उसका जीवन सफल हो जाता है। जिसको अंत समय णमोकार मंत्र सुनने मिल जाए उसके कई भव सफल हो जाते हैं। इस जिनवाणी की पूजा भक्ति , विनय देव और गुरु की तरह करना चाहिए। देव शास्त्र गुरु की विनय से तप होता है। जिनवाणी की सुरक्षा का दायित्व आपके और हमारे ऊपर है। घर में एक स्थान जिनवाणी के लिए होना चाहिए आप चाहे तो रजत , स्वर्ण ,ताम्रपत्र , पीतल आदि धातु पर भी जिनवाणी को उत्क्रीण करवा सकते है। यह ताम्रपत्र ग्रन्थ मंदिर में विराजमान करवाएं जिससे हजारों वर्ष तक सुरक्षित रह सकें। यह ताम्रपत्र पंचम काल के अंत तक सुरक्षित रहेंगे। प्रत्येक मंदिर में ग्रंथालय होना चाहिए। जिनको सुनाई भी नहीं देता है लेकिन शास्त्र सभा में बैठते हैं तो वह कहते हैं कानो में कुछ गुंजयमान होता है। उससे मुझे संतोष प्राप्त होता है। कार्यक्रम का संचालन पंडित डॉ. अभिषेक आशीष शास्त्री सगरा ने किया और कमेटी ने उनका सम्मान किया। यह कार्यक्रम शाकाहार उपासना परिसंघ ने आयोजित किया था।पंचायत कमेटी और सकल दिगम्बर जैन समाज का सहयोग रहा। द्रव्य अर्पण करने का सौभाग्य महिला मंडल पलंदी जैन मंदिर को प्राप्त हुआ।
  17. *दमोह 05-06-2019* *शरीर की अपेक्षा आत्मा की चिंता करे - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर में विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि पूजन करते समय ध्यान रखें उत्साह पूर्वक करें। जो कार्य आत्मा के उपकार के लिए वह शरीर का अपकार करने वाला है। तथा जो शरीर के उपकार के लिए है वह आत्मा का अपकार करने वाला है। जिन जिन कार्यों से आत्मा का उपकार होता है वह करें। खाने-पीने और मौज करने से शरीर को आनंद आता है लेकिन साधना करने से आत्मा को आनंद आता है।चर्चा के दौरान मुनिश्री भावसागर जी ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी को वृक्ष लगाना चाहिए। एक वृक्ष 100 संतान के बराबर होता है। यदि वृक्ष नहीं लगाएंगे तो आगामी समय में तापमान बढ़ता जाएगा। इससे हम सभी को हानि होगी इसलिए विशेष अवसरों पर वृक्ष अवश्य लगाएं। वृक्ष लगाने से फायदा अधिक है। *वृक्ष देते ज्यादा है , लेते कम है।* आज सीमेंट के वृक्ष गार्डनों में लगाये जा रहे है , जो शोपीस ही रहते है उनसे कुछ प्राप्त नहीं होने वाला है इसलिए पर्यावरण को यदि सुरक्षित रखना है तो वृक्ष जरूर लगाएं। शाकाहार उपासना परिसंघ ने बताया कि श्रुतपंचमी महापर्व की तैयारियां जोरों से चल रही है। 7 जून शुक्रवार को बड़े धूम धाम से यह पर्व मनाया जाएगा।
  18. *दमोह 22-05-2019* *तिलक लगाने से होते है फायदे- मुनिश्री विमलसागर जी महाराज दमोह ( मध्यप्रदेश) इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि पचास वर्ष के बाद हमें सतर्क रहना चाहिए धार्मिक कार्यो में लगे रहना चाहिए।जितनी आयु है उसका दो तिहाई निकल गया तो सावधान रहना चाहिए। अभी नहीं समझे तो कब समझोगे। प्रारंभ में संताप देने वाले प्राप्त हो जाने पर तृष्णा को बढ़ाने वाले तथा अंत में बहुत कठिनाई से छूटने योग्य विषय भोगो को कौन बुद्धिमान पुरुष बड़ी रुचि से सेवन करता है भाग्य और पुरुषार्थ से सिद्धि होती है। भाग्य के भरोसे बैठने से भी सिद्धि नही होती है ।शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि तिलक लगाने के कई फायदे है।भौहों के मध्य में आज्ञा चक्र रहता है। मस्तिष्क की क्रियाशीलता और अंतर्मन की संवेदनशीलता में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो जाती है। तिलक लगाने से मस्तिष्क में शांति और शीतलता का अनुभव होता है तथा बीटाएंडोरफिन और सेराटोनिन नामक रसायनों का स्राव संतुलित मात्रा में होने लगता है। विभिन्न द्रव्यों से बने तिलक की उपयोगिता का और महत्व है। चंदन का तिलक मस्तिष्क में विशेष शीतलता प्रदान करता है। ललाट को वैज्ञानिक पेनियालगलैंड्स कहते हैं। आज्ञा चक्र का मन के साथ तथा ज्ञान के साथ गहरा संबंध है। आज्ञाचक्र के उतेजित होते ही हमें अंतःदर्शन , विवेक , स्मरणशक्ति की बृद्धि और आध्यत्मिकता जागरूकता आदि सहज ही उपलब्ध हो जाते हैं।कमेटी ने बताया कि 24 मई से 7 जून के बीच कार्यक्रम की तैयारियां जोरों से चल रही है। 2जून रविवार को दमोह नगर के इतिहास में प्रथम बार श्री शांतिनाथ भगवान के जन्म तप मोक्ष कल्याणक पर 170 प्रतिमाओं के ऊपर 240 व्यक्तियों के द्वारा शांतिधारा होगी और दुनिया में सबसे अलग विशेष प्रकार का लाडू अर्पण किया जायेगा।
  19. *दमोह 21-05-2019* *मंदिर के लिए अच्छी वस्तुओं का दान करे जिससे सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था हो- मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर में विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि दान करने के लिए तथा अपने सुख प्राप्त करने के लिए जो निर्धन मनुष्य धन को संग्रहीत करता है वह मैं स्नान करूंगा इस विचार से अपने शरीर को कीचड़ से लिप्त करता है। कोड़ी कमाने के लिए यदि कोडी भर भी इज्जत नहीं रहे तो उस धन का क्या औचित्य। जो आप कमा रहे है उसमें से दान करें।अन्याय पूर्वक धन्य नहीं कमाए। तीन लोक के नाथ के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था होनी चाहिए। जो मंदिर के लिए अच्छी वस्तुओं का दान करते हैं वे विशेष पुण्य का अर्जन करते हैं। ऐसे लोगो को धर्म की बागडोर नहीं सौपना चाहिए जो निष्क्रिय है। ऐसे लोगो को बागडोर सोपे जो मंदिर की वस्तुओं में वृद्धि करें। ।शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि भक्ति जीवन जीने की कला सिखाती है। भक्ति मरण से बचाती है। श्रद्धा और समर्पण लबालब भरा रहता है और वह कभी भयभीत नहीं होता है। सच्चा भक्त किसी भी परीक्षा से गुजरने पर भयभीत नहीं होता है। अंगारा , हवा , तूफान , भूकंप , आदि विपदाओं से कभी नहीं घबराता है। जो भी कार्य करना है तो जुनून से करें *जिद करो दुनिया बदलो* चाहे पढ़ाई हो या लौकिक या धार्मिक कार्य जुनून के साथ करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। अपने घाव उसी को दिखाओ जो इलाज कर सके सभी को घाव दिखाओगे तो लोग घाव देखकर कुरेद कुरेद कर बड़े कर देते हैं इसलिए अपनी समस्याएं उसी को बताओ जो कुछ मदद कर सके।
  20. *दमोह 20-05-2019* *भक्ति से मोक्ष का ताला खुलता है - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर एवं उमा मिस्त्री की तलैया में 24 मई से 7 जून तक होंगे विशेष आयोजन। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि छःखंड के अधिपति बनने के बाद भी अपने मन का नहीं होता है। लोभ के कारण भी पतन हो जाता है। समय का व्यतीत होना आयुक्षय और धन वृद्धि का कारण है धन चाहने वाले धनवान पुरुषों को अपने जीवन से भी अधिक धन-इष्ट होता है। शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि मोक्ष के द्वार पर मोह का ताला लगा हुआ है , भक्ति रूपी चाबी से ही यह ताला खोला जा सकता है। गुणों के प्रति अनुराग भाव होना भक्ति है । इष्ट के प्रति निस्वार्थ प्रेम उमड़ना भक्ति है।आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध स्थापित करने वाले सेतु का नाम भक्ति है। कमेटी ने बताया कि 24 मई से 1जून 2019 तक उमा मिस्त्री की तलैया प्रांगण में आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय गौशाला के द्वरा आयोजित सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी के निर्देशन में श्री सिद्ध चक्र सोलह मंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ संपन्न होगा प्रातः 7 बजे नंन्हे जैन मंदिर से घटयात्रा प्रारम्भ होकर तलैया पहुचेगी , मंडप शुद्धि , पात्र शुद्धि , अभिषेक , शांतिधारा , पूजन , मुनिश्री के प्रवचन , रात्रि में 8 बजे आरती 25 मई से 31मई तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजे अभिषेक , शातिंधारा , पूजन , विधान , मुनिश्री के प्रवचन , रात्रि में आरती प्रतिदिन।1जून प्रतिदिन की क्रियाए , हवन एवं शोभायात्रा। 2 जून रविवार श्री शांतिनाथ भगवान का जन्म तप मोक्ष कल्याणक महामस्तकाभिषेक महा शांति धारा निर्वाण लाडू अर्पण के साथ पूजन करके मनाया जायेगा। 3 जून सोमवार को महाकवि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज का समाधि दिवस प्रातः 7 बजे श्री ज्ञान सागर जी की पूजन और मुनि श्री के प्रवचन के साथ मनाया जाएगा। 7जून दिन शुक्रवार को *श्रुतपंचमी महामहोत्सव* संपन्न होगा जिसमें प्रातः 7 बजे देव , शास्त्र , गुरु की शोभायात्रा निकलेगी फिर श्रुतस्कन्ध का अभिषेक दमोह नगर के इतिहास में प्रथम बार होगा 1008 शास्त्र महिलाएं सिर पर रखकर शोभायात्रा मे चलेगी और नंन्हे जैन मंदिर में षटखंडागम आदि ग्रंथो की महापूजन होगी मुनिश्री के प्रवचन होंगे।
  21. *दमोह 17-05-2019* *पीला रंग गुरुकृपा में सहायक होता है - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि यह संसारी प्राणी इस संसार समुद्र में अज्ञान के कारण अनादि काल से राग-द्वेष रूपी दो लंबी डोरियों के खींचने रूप कार्य से अर्थात घुमाई जाती हुई मथानी की तरह घूम रहा है। शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि मनुष्य जैसे वस्त्र पहनता है वैसा ही उसका व्यक्तित्व दिखता है।रंगों का व्यक्ति के जीवन से अटूट संबंध है।व्यक्ति के स्वभाव , मनःस्थिति , शरीर और आत्मा पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है।काला रंग हिंसा और क्रुरता के विचार उत्पन्न करता है। पीला रंग क्रोध को कम करता है।पीला रंग गुरु का होता है इस का ध्यान करने से गुरुकृपा बनी रहती है।सफ़ेद रंग निर्मलता , क्षमा , त्याग , और विकार रहितता , उत्पन्न करता है। कमेटी ने बताया कि 19 मई रविवार को प्रातः 6:30 बजे दमोह की सभी पाठशालाओ के बच्चो को सामूहिक पूजन मुनिश्री के सानिध्य में करवाई जाएगी।महावीर जयंती के पुरुस्कारों का वितरण भी होगा। कमेटी ने बताया कि 7 जून दिन शुक्रवार को *श्रुतपंचमी महामहोत्सव* संपन्न होगा जिसमें प्रातः 7 बजे देव , शास्त्र , गुरु की शोभायात्रा निकलेगी फिर श्रुतस्कन्ध का अभिषेक दमोह नगर के इतिहास में प्रथम बार होगा 1008 शास्त्र महिलाएं सिर पर रखकर शोभायात्रा मे चलेगी और नंन्हे जैन मंदिर में षटखंडागम आदि ग्रंथो की महापूजन होगी मुनिश्री के प्रवचन होंगे।
  22. 🌿🌿 *श्रुतपंचमी महामहोत्सव 07/06/2019 शुक्रवार , दमोह*🌿🌿 *आशीर्वाद : -* *बाल बह्मचारी संघ नायक आचार्य श्री108 विद्यासागर जी महाराज सानिध्य : - मुनिश्री विमलसागर जी , मुनिश्री अनंतसागर जी , मुनिश्री धर्मसागर जी , मुनिश्री अचलसागर जी , मुनिश्री भावसागर जी* *मांगलिक कार्यक्रम* दिनांक 07 जून शुक्रवार प्रातः 7 बजे नन्हे जैन मंदिर से देव , शास्त्र , गुरु की दमोह नगर के इतिहास में प्रथम बार शोभायात्रा इसके पश्चात नन्हे जैन मंदिर में मंगलाचरण चित्रअनावरण दीप प्रज्जवलन श्रुतस्कन्ध यंत्र का महाभिषेक(प्रथम बार) षटखंडागम ग्रंथो की महापूजन , 1008 शास्त्र अर्पण सांस्कृतिक कार्यक्रम मुनिश्री के प्रवचन *शास्त्र अर्पण लकी ड्रा योजना* 1100/- की राशि में 1008 लोगो के द्वारा शास्त्र अर्पण किया जायेगा और इनमें से प्रथम द्वितीय तृतीय सांत्वना पुरूस्कार का चयन होगा। सभी पहले से अपने नाम लिखवा दे। लकी ड्रा 07 जून 2019 को 9 बजे संपन्न होगा। *🔶🔶अछार बनाओ प्रतियोगिता🔶🔶* *🔰🔰शास्त्र सवारों प्रतियोगिता भी होगी🔰🔰* 📯इस महामहोत्सव में आप सपरिवार , इष्टमित्रों सहित आमंत्रित है📯 🙏🙏 *आप आएंगे तो कुछ नया पाएंगे , नहीं तो पछतायेंगे* 🙏🙏 *कार्यक्रम स्थल 😘 श्री 1008 पारसनाथ दिगम्बर जैन नन्हे मंदिर दमोह (म.प्र.) *निवेदक* सकल दिगम्बर जैन समाज,दमोह (म.प्र.) *आयोजक* शाकाहार उपासना परिसंघ दमोह (म.प्र.) *संपर्क सूत्र* : 7415664266 , 9406558632 ,9131360671 , 8871443900 , 9644288334
  23. *दमोह 14-05-2019* *तनाव से मुक्ति के लिए ध्यान आवश्यक है - मुनिश्री विमलसागर जी* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि धर्म की महिमा अपरंपार है। यह ग्रंथ अध्यात्म ग्रंथ है इसको पढ़ने से जीवन अच्छा बन जाता है। शाम को धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि योग का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। ज्ञार्नाणव ग्रंथ में योग , प्राणायाम के बारे में विस्तार से वर्णन है। तनाव से मुक्ति का उपाय ध्यान है , योग है। साधु एकांत में ध्यान लगाते हैं नदी , गुफा , पर्वत , तीर्थक्षेत्रों पर जहॉ शांति होती है। मन चंचल होता है इस को स्थिर करने के लिए एकांत आवश्यक है। आचार्य श्री पूज्यपाद स्वामी जी ने शांति भक्ति में कहा है कि विद्या , औषधि , मंत्र , जल , हवन , आदि के द्वारा भी चिकित्सा होती है। बीमारियां आती नहीं है हमारे द्वारा बुलाई जाती हैं इसका कारण है रात्रि में 2 - 3 बजे तक लोग सोते नहीं है और प्रातः काल जल्दी उठ नहीं पाते हैं इसलिए बीमारियां घेर लेती है। व्यक्ति समय से सो जाएं और प्रातः काल जल्दी उठ जाए तो प्रातः काल शुद्ध ऑक्सीजन मिलने से उसका शरीर स्वस्थ रहता है।
  24. *दमोह 13-05-2019* *बुरे विचारों से नेगेटिव एनर्जी आने से होती है बीमारिया - मुनिश्री* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि देवो का वैभव प्राप्त होता है जो यहाँ अच्छे कार्य करता है। शाम को धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि मैडिटेशन के माध्यम से हम स्वस्थ हो सकते है।सबसे ज्यादा नेगेटिव एनर्जी हमारे बुरे विचारों से आती है।हम 24 घंटे सभी के बारे में बुरा सोचते रहते है , बोलते रहते है , बुरा करते रहते है।हम अच्छा सोचेगे तो पॉजिटिव एनर्जी आएगी।आज आत्महत्या के विचार करनेवालो की संख्या ज्यादा बड़ रही है। कोई बच्चा परीक्षा में नंबर कम लाता है तो सभी उसपर टूट पड़ते है , इससे वह आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाकर मनुष्य जीवन का सही उपयोग नहीं कर पाता है।बच्चो को प्रोत्साहन दे , पुरुस्कार दे , उनको मार्गदर्शन दे , प्रेरणा दे। उनकी अच्छी भावना बनाए।उनके लिए पॉजिटिव वातावरण बनाए , जिससे वह अच्छे नंबर ला सके और उनकी नेगेटिव भावनाये दूर हो सके।सबसे ज्यादा टी.बी. और मोबाइल के माध्यम से नेगेटिव एनर्जी आती है।पॉजिटिव एनर्जी के लिए ध्यान , योग , प्राणायाम करे।इससे हम सुख शांति प्राप्त कर सकते है और तनाव मुक्त रह सकते है।
  25. *दमोह 12-05-2019* *गुरुकथा नाटिका की ऐतिहासिक प्रस्तुति हुई* दमोह ( मध्यप्रदेश) में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री विमल सागर महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। प्रातः काल मुनिश्री भावसागर जी के निर्देशन में पाठशाला के बच्चो के द्वारा अभिषेक शांतिधारा पूजन एवं आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि आज बच्चों में देखा देखी फैशन चल रही है। वस्त्र आदि देखा देखी पहनते हैं। हमें पश्चिमी सभ्यता से नहीं चलना है भारतीय संस्कृति की मर्यादा के अनुसार हमें अपना रहन-सहन रखना है। शाम को धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भावसागर जी ने कहा कि घर में 60 वर्ष के बाद अपना जीवन व्यवस्थित कर लेना चाहिए। 11 मई को रात्रि में11 बजे तक उमा मिस्त्री की तलैया में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन पर आधारित राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नाटिका *गुरुकथा* जिस का साउंड मुंबई में तैयार हुआ था। जिसका लेखन आर्यिका श्री पूर्ण मति माता जी ने किया है इसमें गुरुभक्त मंडल शहपुरा भिटौनी के कलाकारों की प्रस्तुति रही।इसका संचालन शुभांशु जैन शहपुरा ने किया।हजारो दर्शको ने इस नाटिका को देखा और भाव विभोर हो गए।
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