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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

अमित जैन 'मौलिक'

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Blog Comments posted by अमित जैन 'मौलिक'

  1. कोटिशः नमोस्तु गुरुदेव को। 

    अर्थ-जब तक इस देह में रहोगे भटकन, दुख, संताप बने रहेंगे। देह में रमने वाले अगर चिर आनंद चाहिये तो ऐसा जतन कर देह के चक्कर से पीछा छूट जाये।

    गुरुदेव के श्री चरणों मे मेरा एक हाइकू समर्पित है-


    और अधिक
    अब और कितना
    अंतहीन है।

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  2. जय हो गुरुदेव की। 

    अर्थ-न किसी से राग रखिये न किसी को ख़ुद से राग रखने दीजिये। अगर किसी से कोई राग है तो  त्याग दें। राग अगर करना ही है तो वीतरागी प्रभुु से करो।

     

    एक मेरा हाइकु गुरुदेव के श्री चरणों में-

    रब यहीं है
    और कहाँ क्यों जाना
    तुझमें ही है।

     

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