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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Nina Jain

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Blog Comments posted by Nina Jain

  1. आचार्य श्री का भाव है कि कठिन परिस्थितियों में भी चंदन के समान शीतल रहे।

    On 3/21/2018 at 11:20 PM, Sakshi Jain Soni said:

    इस haiku के माध्यम से आचार्य श्री जी हमको यह समझाना चाहते है कि जिस प्रकार से चन्दन को जलाने पर भी उसकी सुग्नधता चारो और महकती है ठीक इसी प्रकार से जो व्यक्ति अपने जीवन में पुरुषार्थ रूपी संघर्ष करता है । उस व्यक्ति का जीवन चन्दन की भांति महकता है। अर्थात संघर्ष किए बिना हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते है।

     

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