पुण्यशाली भव्य आत्मा का वंदन करते हुए भावना भाते हैं कि हमारी भी गुरु चरणों में ऐसी समाधि हो.धन्य हो वसानी जी क्या भाग्य संवारा है,वर्तमान के महावीर के चरण सानिध्य में समाधि आपके पुण्य की जितनी भी अनुमोदना की जाये कम है।
बसन्त सरिता जैन
कोठारी परिवार
बिजयनगर अजमेर