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प्रवचन Reviews posted by रतन लाल
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पूजा, जाप व विधान करते रहना चाहिए
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सिद्ध क्षैत्रों, तीर्थ क्षैत्रों की वन्दना करो
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तृष्णा की खाई भरी नहीं, वह रिक्त रही वह रिक्त रही
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जो व्यक्ति अपने भविष्य को उन्नत करना चाहता है उसे भी अपनी मिथ्या परम्परा को छोड़कर सम्यक्र परम्परा की शरण में आना चाहिए।
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कभी सोचा है आप लोगों ने पंचकल्याणक महोत्सव क्या होता है? उद्धार की बात जिसमें निहित है, वह पंचकल्याणक होता है। उसमें मेरा कहना है कि पंचों का भी कल्याण होना चाहिए। प्राय: लोग यह कहते हैं कि पंचकल्याण होता है। पंचों का कल्याण नहीं होता। पंचों का कल्याण नहीं होता क्योंकि प्रपंचों में पड़े रहते हैं इसे भली-भाँति समझने पर प्रपंचों को छोड़ने पर कल्याण हो सकता है। इन पंचकल्याणकों से शिक्षा लेनी चाहिए।
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गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए
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माता पिता की आज्ञा का पालन करने वाले उच्च होते हैं
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बीज बोये बबुल का फल काहे को होय
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यथा राजा तथा प्रजा
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हर अंधकार का सवेरा होता है
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धैर्य और संयम से सब संकट टाला जा सकता है
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भावना दृढ़ विश्वास है
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शरणागत की रक्षा करना अपना कर्तव्य है
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श्री शांतिसागराय नम:
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अहिंसा परमो धर्म
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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फ्लेषु कदाचन
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मृत्यु अमर अमिट अपरिहार्य है
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इस दुनिया से खुले ✋ जाएगा
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समाधिमरण सर्वोत्तम
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समाधिमरण सर्वोत्तम
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गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए
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मन व इंद्रियों को वश में रखो
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मातृभूमि की रक्षा करो
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समागम 3 - ऋषभनाथ चिह्न : गोपाल की गैय्या
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In विद्या वाणी
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मांस निर्यात पर अविलंब रोक लगाई जाए