जैसे आप सोच रहे थे, मैं भी कुछ ऐसा ही सोच रहा था! जान कर ख़ुशी है कि@९९ आये हैं, पर समझ में नहीं आ रहा है कि एक कट कैसे गया:
कोई नहीं।
बधाई हो सभी को प्रतिभागियों को और सफ़लआयोजन के लिए अनेक अनेक बधाई आयोजकों को।
बिनोद कुमार जैन पाटनी, ठाणे
अधीरता से प्रतिक्षा थी वतन की उड़lन प्रतियोगिता की। अदभुत आनंद हुआ था इस तरह के प्रयास से, आयोजन से।
अनवरत जारी रहे ऐसे ही आयोजन l कितने लोग थे सो फ़ीसद सही उत्तर देने वाले?
भाग लेने वाले की संख्या क्या है?
जानकर खुशी होगी ,कृपया अवगत कराया जाय