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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Yug dhirawat

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  1. घाटोल 20-08-2023

    *भगवान के निकट जाप करने से अनंत गुना लाभ प्राप्त होता है*__

     *2000 वर्ष प्राचीन है णमोकार मंत्र*

    श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर  में  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
     *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि एक लाख जाप करने वाला भगवान बनता है जो मन को पाप से बचाता है उसे मंत्र कहते है भगवान के निकट जाप करने से अनंत गुना लाभ प्राप्त होता है जिनेन्द्र हे भगवान बाल्यावस्था से आज तक आपके श्री चरणों की सेवा मे आसक्त शिष्यों को कल्पलता सम सेवा में आज तक जो काल व्यतीत हुआ है, उस सेवा का फल आपसे चाहता हूँ, कि मात्र प्राणों के निकलते समय आपके नाम से सहित अक्षरों के पढ़ने में मेरा गला कुण्ठित न हो । माला फेरने से व्यक्ति मालामाल हो जाता है मंत्र की शक्ति से समस्त परेशानी दूर होती है,इक्षित कार्य की सिद्धि होती है णमोकार मंत्र 2000 वर्ष प्राचीन है मंत्र के द्वारा लाखो करोड़ों मील दूर स्थित वस्तु और व्यक्ति को भी प्रभावित करता है मन की बिखरी शक्ति मन्त्र के ध्यान से एकत्र होती है।

     मन्त्र और औषधि में अचिन्त्य प्रभाव होता है, वनस्पति से बनी एक छोटी सी गोली व्यक्ति को जीवन दान दे देती है, मन्त्र में भी विद्युत की तरह शक्ति है, शब्द की भी शक्ति होती है, जैसे रेडियो, मोबाइल,टीवी पर शब्द सुनते है, प्रचण्ड ध्वनि से इमारतें हिल जाती हैं, मन्त्र जाप से शरीर और मन पर रक्षा कवच बन जाता है, बुरी
    शक्ति अनिष्ट नहीं कर सकती हैं। 
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि स्त्रोत पावरफुल होते है 
     मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि घाटोल के इतिहास में प्रथम बार 17 सितंबर को एक ऐसा अनुष्ठान होने जा रहा है मूलगुण संस्कार महोत्सव जिसमे बच्चो के ऊपर मुनिराज के द्वारा संस्कार दिए जाएंगे सर्वश्रेष्ठ परम स्थान के संस्कार दिए जाएंगे बच्चो का पुण्य तीव्र है

     जो यह अवसर प्राप्त हो रहा है ।
    सभी माता पिता बच्चो के संस्कार अवश्य कराए
    बच्चो ने गुल्लक के पैसे से बोली लगाई पाठशाला के बच्चो ने अभिषेक, शांतिधारा, पूजन की।

  2. घाटोल 18-08-2023

    *शिक्षा पाकर मानव इंसान से भगवान बनें*
     
    *परिवार, समाज, राष्ट्र के प्रति गौरव का, त्याग का भाव बना रहे ।यह संस्कार से  संभव है*

    *पढ़ाई पूरी करने के उपरांत विद्यार्थी सब ओर अपने लिए द्वार खुले देखें।*

    श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर  में  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
     *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने संस्कारों के बारे में बताया और कहा कि ।जीवित बनाये रखने की भावना ही संस्कार है।
    वे सारे सद्गुण, जो इंसान को आम पुरुषों की भीड़ से निकालकर महापुरुषों का दर्जा दिलाते हैं, वे संस्कार का अंग बनते हैं। ।  परोपकार, दया, करुणा, देशहित, पापनिवृत्ति एवं अच्छे कार्यों में प्रवृत्ति होना ही सुसंस्कार हैं।
     शिक्षित और संस्कारित व्यक्ति ही अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर सकता है।   मानवता अनमोल है। जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की जरूरत है, डिग्री की नहीं। हमारी डिग्री है हमारा सेवाभाव हमारी नम्रता, हमारे जीवन की सरलता। अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जाग्रत न हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है। वस्तुतः शिक्षा का उद्देश्य यह होना चाहिए कि पढ़ाई पूरी करने के उपरांत विद्यार्थी सब ओर अपने लिए द्वार खुले देखें। ।  । परिणाम सामने है,  ।शिक्षा में धार्मिक संस्कारों की
    बहुत आवश्यकता है। शिक्षा को धर्म से अलग नहीं किया जा सकता । 
    शिक्षा को संस्कृति व सद्प्रकृति की तरफ मोड़ता है। जबकि हीनता विकृति  की ओर ले जाती है। शिक्षा मात्र अर्थकरी (धन के लिए) न हो बल्कि परमार्थ भरी हो विद्यार्थी का उद्देश्य पढ़-लिखकर मात्र धन कमाना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास होना चाहिए  अपने देश का इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए कि आज शिक्षा और नौकरी पर्यायवाची बन गए हैं, जितने बच्चे पढ़कर निकलते हैं, उनकी तुलना में रिक्त स्थान कहीं कम होते हैं। सबको नौकरी मिलना कठिन है। ऐसी दशा में शिक्षितों में ऐसी प्रतिभा का  उपार्जन आवश्यक है, जिसके कारण उनका व्यक्तित्व निखरा हुआ। हो | जिससे अन्यत्र जहाँ भी स्थान मिले या पैतृक धंधे को अपनाएं, उसे अपने कौशल के सहारे संतोषजनक स्थिति पर पहुँचा सकें ।
    सद्गुणों की सम्पदा जीवन के हर क्षेत्र में काम आती है। 
    व्यक्तित्व-विकास के लिए चरित्र निर्माण की शिक्षा बहुत आवश्यक है।
    शिक्षा का उद्देश्य वित्त (धन) ही नहीं वृत्त (चरित्र) भी होना चाहिए।
    शिक्षा को मात्र अर्थार्जन का साधन न माने इससे विद्या की गरिमा कम होती है।
    शिक्षक का दायित्व है-विद्यार्थी के समग्र जीवन का निर्माण करना। शिक्षित मनुष्य की पहचान है प्रामाणिक जीवन । 
     शिक्षा धरती के श्रृंगार का आधार बनें । 
    शिक्षा से मानव अपने व्यक्तित्व का विकास करे । 
    शिक्षा धरती पर मैत्री और प्रेम का आधार बनें । शिक्षा पाकर मानव इंसान से भगवान बनें ।अपने घर परिवार, समाज, राष्ट्र के प्रति गौरव का, त्याग और कुर्बानी का भाव बना रहे ।
     संस्करण का नाम संस्कार है "संस्कार  है,  इसके अनुसार किसी भी देश के रहन-सहन, वेशभूषा, खान-पान, क्रीड़ा, कला-कौशल, संगीत आदिक का अंतर्भाव हो जाता है। अच्छे देश की सम्पत्ति नैतिक धार्मिक संस्कार ही हैं, न कि धन दौलत । आज देश को धन की जितनी जरूरत है उससे भी अधिक जरूरत धार्मिक संस्कारों की भी है । अर्थ, धनोपार्जन धर्मानुकूल होना चाहिए वरना वह अर्थ, अनर्थ का कारण बन जाएगा।  तभी वे आगे चलकर समाज को लाभान्वित कर उच्च जीवन बना सकते हैं। संस्कार वह है जिस पर व्यक्तित्व की इमारत खड़ी होती है। संस्कार डालने का अर्थ परिष्कृत करने वाली आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक पद्धति का नाम है। संस्कार डालने का अर्थ है कि-बालकों में स्वयं के प्रति, परिवार, राष्ट्र के एवं धर्म के प्रति कर्त्तव्य भावना को जाग्रत करना । दुर्गुणों को समाज हटाकर सद्गुणों का आह्वान करने का नाम संस्कार है। व्यक्ति में दया  एवं परोपकार रूप सुन्दर जीवन प्रणाली का प्रादुर्भाव होना ही संस्कार कहा जा सकता है। कितना लम्बा जीवन जिये यह कोई महत्व की बात नही है, बल्कि कैसा जीवन जिया ? यह महत्व की बात है। संस्कारित जीवन से ही हमारा आत्मोत्थान हो सकता है अत: संस्कारों का अपने जीवन में स्थान होना अनिवार्य है। पाश्चात्य संस्कृति ने हमें पशु-प्रवृत्तियों का गुलाम बनाकर स्वच्छंद जीवन जीने, अनैतिक आचरण करने के लिए खुली छूट दे दी है, पर अंकुश लगाने एवं जीवन को सही ढंग से जीने का शिक्षण भारतीय संस्कृति से ही मिलता है। विश्व में धर्म और अध्यात्म का संदेश देने वाला भारत देश “विश्व गुरु, जगत गुरु” के रूप में माना जाता था, लेकिन धर्मप्राण भारत आज स्वयं मर्यादाहीनता, स्वछंदता, भ्रष्टाचार, अनाचार आदि से घिरकर नैतिकता के हास के घोर संकट से त्रस्त हुआ दिखायी दे रहा है । भारत देश की यह दयनीय स्थिति का कारण एक मात्र प्राचीन धार्मिक संस्कारों को छोड़कर अन्य देशों के कुसंस्कारों की मृग- मरीचिका में जकड़ते जाना है। पाश्चात्य संस्कृति से आने वाले कुसंस्कारों से बचकर शुद्ध भारतीय संस्कारों को जीवित रखें, तभी समाज, राष्ट्र का कल्याण हो सकता है वरना देश में संस्कार के अभाव में अमन-चैन सुख-शांति समाप्त हो जाएगी।
    मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने   कहा कि तन को स्वस्थ रखना है तो तप करें, मन को स्वस्थ रखना है तो जप करें। 
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि धार्मिक क्रियायें जीवन में मंगलमय वातावरण बनाती है। 
    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि शास्त्र रूपी अमृत का पान करते रहना चाहिए ,भूखे रह जाना चाहिए लेकिन भोजन मान सम्मान के साथ भोजन करना चाहिए, अन्न का भी मान सम्मान होना चाहिए ,न्युनतम लेना उदारता के साथ जीवन जीना यह शैली होना चाहिए।

  3. घाटोल 16-08-2023

    *हार को आप हरा दें हार नही माने*

    मुनि श्री 

    श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर  में  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
     *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि  प्रयासों के पश्चात् इच्छित फल प्राप्त न होने पर ऐसा महसूस होता है। कि हम हार गये हैं और हम अपने धैर्य को खो देते हैं, गमों को आमंत्रित कर लेते हैं। हार के बहाने ढूँढने लग जाते हैं निराश होकर अपनी हार लिए दूसरों को दोष देना शुरू कर देते हैं आगे कार्य करने में

    उत्साहहीनता आ जाती है।

    हार में टीका-टिप्पणी भी होना स्वाभाविक है लेकिन टीका-टिप्पणी की परवाह किए बगैर जो टिके रहते हैं, अपने काम में लगे रहते हैं, उनके लिये यही तो है जीत वाली बात ।

    हार-जीत का खेल, दिलो-दिमाग और तन्मयता का खेल है। जीत और हार में ज्यादा अन्तर नहीं होता, सिर्फ एक कदम का अन्तर होता है। एक कदम आगे चलने वाला जीत जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि एक कदम पीछे रहने वाला हार गया है। बल्कि इसका मतलब केवल इतना है कि अभी एक कदम और चलने को रह गया है।

    कामयाबी का ताल्लुक उत्साह से है जीत उन्हीं की होती है जो अपने काम को पूरा करने में अपने तन-मन को लगा देते हैं और आखिरी क्षणों तक हार नहीं मानते। हारने पर बहानेबाजी ढूंढ कर अपनी ऊर्जा बरबाद नहीं करते। जीतने के लिये नये तरीके खोजते हैं। वह जानते हैं हार का मतलब, सब कुछ समाप्त नहीं बल्कि सब कुछ फिर से शुरू करना है।

    हारने वाले आँखों में आँसू नहीं भरते क्योंकि ये जानते हैं कि भरी हुई आँखों से साफ दिखाई नहीं देता, हार के बारे में सोचेंगे तो जीत साफ दिखाई नहीं देगी।

    जो लोग हार में विश्वास कर लेते हैं, उनकी प्रगति रुक जाती है। हार न मानने में विश्वास रखने वाले हार को हराने में लगातार लगे रहते हैं और अन्त में जीत ही जाते हैं। वो हार से सीखते हैं, हार को हावी नहीं होने देते। वे जानते हैं कि सफलता संयोग से नहीं, समर्पण से मिलती है और ये भी जानते हैं कि हार सफल होने तक लुका-छिपी का खेल खेलेगी। हार न मानने वाले लोग कई बार बाधाओं से घिर जाते हैं लेकिन वो अपने निर्धारित कार्य को उत्साह के साथ उत्कृष्ट बनाने में लगे रहते हैं। अपनी प्रगति का विश्लेषण कर अपना कार्य खुद करते हैं।
    सफलता तय है यदि हम अपनी प्रगति का विश्लेषण स्वयं करें और अपनी लड़ाई खुद लड़ें। जीत पर हमारा कोई नियन्त्रण तो नहीं है. लेकिन हमारा नियन्त्रण केवल इस बात पर हो सकता है कि हम प्रयास करते रहें और इस बात को भी ठीक तरह समझ लें कि मानसिक विकारों को निकाले बगैर सफलता प्राप्त नहीं होगी।

    हार के लिये न तो किसी को दोष दें, न निराश हों बल्कि व्यक्ति से सफलता के मन्त्र सीखें। सफलता के लिये तन और मन को समझाने की नहीं जगाने की जरूरत है। जीतने वाले के समय-प्रबन्धन समझने की जरूरत है।

    हार तो हमें ये सिखाती है कि अगली बार क्या न किया जाये ? नाकामयाबी को बाधा नहीं बनने देना है कामयाबी का राज तो काम को समझने, याद रखने और हाथ आये काम को बेहतर तरीके से करने में छुपा है अतः पहल करें, पहले करें, आप पायेंगे कि उत्साह, साहस तो छूत के रोग जैसा है जब एक व्यक्ति उत्साह और साहस के साथ खड़ा होता है तो उसके पीछे लाइन लग जाती है।

    आप कुछ भी कर सकते हैं, बस करना शुरू कर दीजिये गति है जीवन है, लाखों बाधाओं के बावजूद चलना है। उम्मीद पर दुनिया चलती है, जिन्हें दौड़ना है वे कोशिश करते हैं।

    आप हार को हरा दें, इसके पहले कि हार आपको हरा दे संसार से अपना हक न माँगें, उसे हासिल करके रहें। इस प्रकार से आप सर्वश्रेष्ठ बन सकते है 

    मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने  कहा कि  जीवन में सर्वश्रेष्ठ कार्य करना चाहिए 
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि हमे हमेशा सभी के प्रति अच्छा व्यवहार करना चाहिए
    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि आपके बालक बालिका बाहर पढ़ने जाते है तो ध्यान रखना चाहिए वह कोई खोटे कार्य नही करे ।
     

  4. घाटोल 15अगस्त2023

    *देश के नाम संदेश स्वतंत्रता दिवस पर विशेष प्रवचन*
    **जेल की दीवारे और गोलियों की बौछारे उन्हें भयभीत न कर पाई**
    **

    *भारत के अनेक सपूतों ने अपने प्राणोंका बलिदान देकर इस स्वतंत्रता का चिराग जलाया है*

    श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर  में  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
     *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि 15 अगस्त, हमारे भारत के इतिहास में ही नहीं, समग्र संसार के इतिहास में बड़ा महत्व का स्थान रखता है। इस दिन भारत हिंसा के बलपर नहीं, अहिंसा के बलपर स्वतंत्रता को प्राप्त करके सारे संसार के सामने रखा कि- भारत के पास एक ऐसा अमोध शस्त्र है, जो विश्व में किसी अन्य राष्ट्रों के पास नहीं है।  भारत के पास एकही महान शस्त्र है और वह है अहिंसा, और इसी के द्वारा हमने स्वतंत्रता प्राप्त की।

    15 अगस्त कितना पुण्य का दिन है, यह हम केवल शब्दोंमें वर्णन नहीं कर सकते क्योंकि यह राष्ट्रीय पर्व है। भारत के इतिहास में नया परिवर्तन हुआ था, सदियों से राज्य करने वाली सत्ता का अन्त हुआ और अपने भारतीय शासन का पुनः निर्माण हुआ।आजादी के आंदोलन, देशप्रेम, उनकी जीवनगाथाएँ, उनके दुःखद अनुभव, कई लोगोंके परिवारों की बर्बादी, जेलमें कंकड़ और पत्थर से मिली रोटीयाँ और हंटरों से कोडे खाए अनेकानेक यातनाएँ सह ली, अत्याचार सहन किये, लेकिन सभी का लक्ष्य एक था- हमें देश को आजाद करना है। मर जाएँगे, मिट जायेंगे पर आजादी लेकर ही रहेंगे।

    आज हम उन्हें याद करें, जो घर नहीं लौटे क्योंकि फाँसी के फंदे, जेल की दीवारे और गोलियों की बौछारे उन्हें भयभीत न कर पाई। वे जंजीरे उनको बाँध नहीं सकी, और परिवार की बर्बादी के बाद भी वे अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए। भारत के अनेक सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इस स्वतंत्रता का चिराग जलाया है।आजादी किसी की कृपा से नहीं अपने अधिकार और साधना से पायी जाती है स्वतंत्रता का दीप शहीदों के खून से जल रहा है ,स्वतंत्रता का अर्थ उत्तरदायित्व की ओर सजगता होना चाहिए स्वतंत्रता का प्रधान ध्येय राष्ट्र की उन्नति होना चाहिए और आगे जाकर स्वयं का तंत्र राष्ट्र की उन्नति प्रधान लक्ष्य होना चाहिए, यह स्वतंत्रता का प्रधान ध्येय स्वतंत्रता की वेदी पर गिरे हुए शहीदों के एक-एक बूँद खून की कीमत करनी पडेगी, तब यह स्वतंत्रता दिवस मनाने का अधिकार है।हम रहे या न रहे लेकिन यह झण्डा रहना चाहिए और यह देश रहना चाहिए और मुझे विश्वास है कि यह झण्डा रहेगा और हम आप न रहे, लेकिन भारत का सिर सदा ऊंचा होगा।वीर जवानों ने देश के स्वतंत्रता के प्रति जो काम किया है, वह हर व्यक्ति को अपने जीवन में करना चाहिए।
    मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने   कहा कि  देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने   कहा कि
     देश की सुरक्षा मे योगदान देना चाहिए 
    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि यदि आप यदि आप स्वतंत्र होना चाहते हैं तो मृत्यु से भयभीत नहीं हो आज स्वतंत्रता दिवस है ऐसी ही भारत के वीर खड़े हुए थे उन्होंने कहा था स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ‚अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा
     

  5. करलो गुरुओं का गुणगान
     आई है शुभ घड़ी 
    आराधना का अपूर्व अवसर 
    🛕 *मुनि दीक्षा दिवस समारोह श्री पार्श्वनाथ जी मोक्ष कल्याणक महोत्सव*☘️🌹22, 23 अगस्त 2023 मंगलवार , बुधवार  

    🍃🌼 *कार्यक्रम स्थल*🌼🍃
    🛕श्री 1008 वासुपुज्य  दिगंबर जैन मंदिर  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 🌺🏵️🌷🌻

     *अतिशयकारी आशीर्वाद प्रदाता* 

    🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻
    🌞💐 मूकमाटी रचयिता  परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज 💐🌞

    🌺☘️ * *पुण्यवर्धन सानिध्य*☘️🌺
     प.पू.मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 अनंत सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 धर्म सागर जी 🏵️🌷
    *विधानाचार्य*
    ब्र.मनोज भैया (लल्लन)   जबलपुर
    *संगीतकार* राजेश शाह बागीदौरा

    🌹☘️ *महापुण्यवर्धक कार्यक्रम* 
     ☘️ *22 अगस्त 2023 मंगलवार*
     
    मुनि श्री भावसागर जी महाराज का 20वां मुनि दीक्षा दिवस प्रातः 8:00 बजे ,मंगलाचरण ,चित्र अनावरण दीप प्रज्वलन ,पाद प्रक्षालन ,शास्त्र अर्पण , आचार्य श्री जी की महापूजन ,आरती ,सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य नाटिका,पूज्य मुनि संघ के प्रवचन 
    *द्रव्य सजाओ प्रतियोगिता*
    प्रथम ,द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरुष्कार

    23अगस्त 2023 बुधवार
    श्री पारसनाथ जी मोक्ष कल्याणक महोत्सव{ मुकुट सप्तमी,}प्रातः 7:00 बजे श्री पारसनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक शांतिधारा ,पूजन, आरती, निर्वाण लाडू अर्पण, मुनि श्री के प्रवचन
    *लाडू सजाओ प्रतियोगिता*
    प्रथम ,द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरुष्कार
    🙏🍁🍃 *विशेष निवेदन* 

    आप सभी आइए, सभी को लाइए, सभी  को बताइए,इस कार्यक्रम मैं आप  सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं! बाहर के अतिथियों की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी ।

    *कार्यक्रम का प्रसारण* जैनधर्म वाणी यूट्यूब चैनल पर लाइव होगा| एवं जिनवाणी चैनल पर भी प्रसारण होगा🌻🌺🌷🏵️
    *आयोजक/*निवेदक*
    राजमल सेठ 9950424291 सकल दिगंबर जैन समाज
    अजित कुमार लालावत  9928180361 (अध्यक्ष  मुनि त्यागी सेवा कमेटी ) 
    वैभव घाटलिया  9983383474 (अध्यक्ष) 
    जैन युवा संगठन

    गुंजन शाह (अध्यक्ष)
     जयोदय महिला मंडल 
    प्रगति कोठारी (अध्यक्ष)
    चंदनबाला बालिका मंडल  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 
    *पहुंच मार्ग*
    रतलाम रेलवे स्टेशन से बस से 85 किमी बांसवाड़ा फिर 27 किमी घाटोल है
    उदयपुर से 140 किमी 
    चित्तौडगढ़ रेलवे स्टेशन से बस से 165 किमी घाटोल है 
    इंदौर से बस द्वारा बांसवाड़ा फिर घाटोल 250 किमी है
    *प्रचार सहयोगी* 
        *वेबसाईट* : *www.vidyasagar.guru www.jindharma.com *फेसबुक*: jindharma 
    *ट्वीटर* : jindharma 
     *एप्प*: acharya shri vidyasagar
     *यू ट्यूब*: jaindharmvani जैनधर्म वाणी
     *इंस्टाग्राम* - jindharmavani
    🏵️🌷🌺🌻🌸-
    🌷🌺🌻🏵️💐

  6. *दशलक्षण महापर्व 2023*
    💐💐🌻💐🌻💐


    19 अगस्त से 1 सितंबर 2023 तक 

    🍃🌼 *कार्यक्रम स्थल*
    श्री 1008 वासुपुज्य  दिगंबर जैन मंदिर  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान)
    🌺🏵️🌷🌻

    *अतिशयकारी आशीर्वाद प्रदाता*:-

    🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻

    🌞💐 मूकमाटी रचयिता परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज 💐🌞

    🌺☘️ *पुण्यवर्धन सानिध्य*☘️🌺
     प.पू.मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 अनंत सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 धर्म सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज
    *निर्देशन* - ब्र. रजनीश भैया जी रहली 
    *संगीतकार* :- राजेश शाह बागीदौरा 

    🌹☘️ *महापुण्यवर्धक कार्यक्रम*

    💐🌻*दस लक्षण महापर्व‌ 2023*🌻💐
    (1) *उत्तम क्षमा धर्म*
    (1) मंगलवार 19/09/2023 

    भाद्रपद शुक्ल 4 

    (2) *उत्तम मार्दव धर्म*
    बुधवार 20/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल5, 

    (3) *उत्तम आर्जव धर्म*
    गुरुवार 21/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 6 

    (4) *उत्तम शौच धर्म*
    शुक्रवार 22/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 7 

    (5) *उत्तम सत्य धर्म*
    शनिवार 23/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 8 भगवान श्री पुष्पदंतनाथ जी का मोक्ष कल्याणक. लाडू सजाओ प्रतियोगिता

    (6) *उत्तम संयम धर्म*
    रविवार 24/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 9/10

    सुगंध दशमी सांस्कृतिक कार्यक्रम

    (7) *उत्तम तप धर्म*
    सोमवार 25/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 11 

    (8) *उत्तम त्याग धर्म*
    मंगलवार 26/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 12 

    (9) *उत्तम आकिंचन्य धर्म*
    बुधवार 27/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 13 सांस्कृतिक कार्यक्रम

    (10) *उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म*
    गुरुवार 28/09/2023

    भाद्रपद शुक्ल 14 भगवान श्री वासुपुज्य जी का मोक्ष कल्याणक. महामस्तकाभिषेक

    अनंत चतुदर्शी (12)29/09/2023   शुक्रवार भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा प्रातः 8:00 बजेसभी श्रावको, एवं शिविरार्थियों की प्रभावना यात्रा एवं सम्मान समारोह एवं शिविरार्थियों एवं उपवास वालों का पारणा महोत्सव (13) 30/09/2023 शनिवार आश्विन कृष्ण एकम दोपहर 1:00 बजे श्री जी की  विशाल रथयात्रा श्री वासपूज्य मंदिर से 
     01/10/2023 रविवार आश्विन कृष्ण दोज /तीज
     *क्षमावाणी महोत्सव* प्रातः 8:00 समाज की क्षमा याचना, मुनि संघ के प्रवचन(संत निवास) दोपहर 1बजे श्री जी की विशाल शोभा यात्रा आदिनाथ मंदिर से वापिस 

    *दसलक्षण महा पर्व 2023 की दिनचर्या* प्रातः6:00. से 8.30 तक अभिषेक, शांतिधारा एवं संगीतमय पूजन 8:30 से 10:00 तक प्रतिदिन 10 धर्मों पर मुनि संघ के प्रवचन ... 10:15 से 11:45 तक मुनि संघ की आहार चर्या 10:30 से 11:45बजे तक शिविरार्थियों का शुद्ध  भोजन अपने घर पर  दोपहर 12:00 से 1:00 तक सामायिक दोपहर 1:00 से 1:30 बजे तक, विश्राम दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक विशेष स्वाध्याय ,श्रावक एवं शिविरार्थीयों का दोपहर 3:00 से 5:00 बजे तक तत्वार्थ सूत्र वाचन एवं तत्वार्थ सूत्र अर्थ कक्षा मुनि श्री के द्वारा शाम 5:00 से 5:30 तक शिविरार्थीयों का स्वल्पाहार अपने घर में शाम 5:45 से रात्रि 8:00 बजे, तक ,आचार्य भक्ति, मुनि संघ की आरती ,संस्कारों पर उद्बोधन,प्रतिक्रमण ध्यान , , सामायिक 8:00 बजे से 8:30 तक संगीतमय भक्ति 8:30 से 9:00

     तक प्रवचन , ब्रह्मचारी भैया द्वारा रात्रि 9:00से 10:00 तक सांस्कृतिक कार्यक्रम , रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक शिविरार्थीयों का विश्राम मौनसहित अपने घर पर 
    (बाहर के साधको के लिये सिर्फ़ आवास एवं  सोले के भोजन की व्यस्था रहेगी) 

                    नोट:-

    (1) इस कार्यक्रम में मौसम के अनुसार स्थिति, परिस्थिति, अनुसार परिवर्तन हो सकता है।

    🙏🍁🍃 *विशेष निवेदन* 
    आप सभी आइए, सभी को लाइए, सभी  को बताइए,इस कार्यक्रम मैं आप  सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं! बाहर के अतिथियों की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी ।

    *कार्यक्रम का प्रसारण* जैनधर्म वाणी यूट्यूब चैनल पर लाइव होगा| एवं जिनवाणी चैनल पर भी प्रसारण होगा🌻🌺🌷🏵️
    *आयोजक/*निवेदक*
    राजमल सेठ 9950424291 सकल दिगंबर जैन समाज
    अजित कुमार लालावत  9928180361 (अध्यक्ष  मुनि त्यागी सेवा कमेटी ) 
    वैभव घाटलिया  9983383474 (अध्यक्ष) 
    जैन युवा संगठन
    गुंजन शाह (अध्यक्ष)
     जयोदय महिला मंडल 
    प्रगति कोठारी (अध्यक्ष)
    चंदनबाला बालिका मंडल  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 
    *पहुंच मार्ग*
    रतलाम रेलवे स्टेशन से बस से 85 किमी बांसवाड़ा फिर 27 किमी घाटोल है
    उदयपुर से 140 किमी 
    चित्तौडगढ़ रेलवे स्टेशन से बस से 165 किमी घाटोल है 
    इंदौर से बस द्वारा बांसवाड़ा फिर घाटोल 250 किमी है

  7. *अष्ट मूल गुण संस्कार महोत्सव*
    *युवा ऊर्जा प्रदान महोत्सव*
    *2023*
    💐💐🌻💐🌻💐


    17 सितंबर 2023 रविवार

    🍃🌼 *कार्यक्रम स्थल*
    श्री 1008 वासुपुज्य  दिगंबर जैन मंदिर नौहरा  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान)
    🌺🏵️🌷🌻

    *अतिशयकारी आशीर्वाद प्रदाता*:-

    🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻

    🌞💐 मूकमाटी रचयिता परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज 💐🌞

    🌺☘️ *पुण्यवर्धन सानिध्य*☘️🌺
     प.पू.मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 अनंत सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 धर्म सागर जी महाराज
    प.पू.मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज
    निर्देशन ब्र. रजनीश भैया जी रहली 
    संगीतकार - राजेश शाह बागीदौरा
    🌹☘️ *महापुण्यवर्धक कार्यक्रम*
    आपका लाडला करेगा प्रभु का प्रथम बार अभिषेक
    💮🌸🪷🌷🌺🌼🏵️
    *अष्टमूलगुण संस्कार, प्रथम धारा*
    17 सितंबर 2023 रविवार प्रातः 7 बजे
    प्रातः 7 बजें 
    प्रथम धारा अष्टमूलगुण संस्कार अभिषेक ,शांतिधारा ,पूजन, मुनिश्री का प्रवचन
    आचार्य जिनसेन प्रणीत हज़ार वर्ष प्राचीन आदि पुराण के अनुसार उपनीति क्रिया(8 वर्ष से अविवाहित बालकों का)
    ( 1. ) सफ़ेद धोती घर से लाना है 
    (2. ) एक दिन पहले घर से मुंडन करवा कर आना है 

    रजिस्ट्रेशन करायें - अंतिम तिथि 15 सितंबर 2023 गूगल ड्राइव पर फ़ार्म देखे पीडीएफ़ 
    https://drive.google.com/file/d/18SQd4wAev5Of3gaPJlI21KBTXgiNNLNx/view?usp=drivesdk
    🌷☘️🪴🌷☘️🌷🌿🌷🍃
    https://forms.gle/Rb2RWVKGqCcuPzod6

    *वेबसाइट पर फॉर्म उपलब्ध हैं*
    www.vidhyasagar.guru
    www.jindharma.com
    🌷🌺🌻🏵️💐🌸🌹
    *युवा ऊर्जा प्रदान महोत्सव*
    🌷🌺🌻🏵️💐🌸🌹
    17 सितंबर 2023 रविवार दोपहर 1 बजे वागड़ के 80 नगरों के युवाओं का महाकुंभ 💐🌸🌼🪷🌷

    तत्वाधान श्री 18000 दशा हुमड़ समाज अध्यक्ष दिनेश जी खोडनिया 
    युवा महासभा अध्यक्ष दीपेश जी लालावत
    💐🌻
    *संगोष्ठी विषय*
    (1) दिगंबर जैन तीर्थ सुरक्षा एवं मंदिरों, संस्थाओं की सुरक्षा
    (2) सामाजिक एकता का प्रयास
    (3) जैनधर्म पर विपत्ति आने पर एक साथ विरोध 
    के लिए एकजुटता
    🙏🍁🍃 *विशेष निवेदन* 
    आप सभी आइए, सभी को लाइए, सभी  को बताइए,इस कार्यक्रम मैं आप  सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं! बाहर के अतिथियों की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी ।

    *कार्यक्रम का प्रसारण* जैनधर्म वाणी यूट्यूब चैनल पर लाइव होगा| एवं जिनवाणी चैनल पर भी प्रसारण होगा
    🌻🌺🌷🏵️


    *आयोजक/*निवेदक*
    राजमल सेठ 9950424291 सकल दिगंबर जैन समाज
    अजित कुमार लालावत  9928180361 (अध्यक्ष  मुनि त्यागी सेवा कमेटी ) 
    वैभव घाटलिया  9983383474 (अध्यक्ष) 
    जैन युवा संगठन
     घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 
     *व्यवस्थापक संपर्क सूत्र*
    पुनीत कोठारी - 9829679039
    अल्पेश जोदावत-7665662001
    अमित जोदावत-9602220299
    रौनक़ मूँगानीया-7877074863
    आकाश सीतावत-9079622285
    यश शाह-9982991612
    हर्षित सितावत-9649266866
    नमन गांधी-8000786801

    *प्रचार सहयोगी* 
     *फेसबुक*: jindharma 
    *ट्वीटर* : jindharma 
     *एप्प*: acharya shri vidyasagar
     *यू ट्यूब*: jaindharmvani जैनधर्म वाणी
     *इंस्टाग्राम* - jindharmavani
    🏵️🌷🌺🌻🌸-
    🌷🌺🌻🏵️💐
    *पहुंच मार्ग*
    रतलाम रेलवे स्टेशन से बस से 85 किमी बांसवाड़ा फिर 27 किमी घाटोल है
    उदयपुर से 140 किमी 
    चित्तौडगढ़ रेलवे स्टेशन से बस से 165 किमी घाटोल है 
    इंदौर से बस द्वारा बांसवाड़ा फिर घाटोल 250 किमी है

  8. 🛕 *रक्षाबंधन महोत्सव* ☘️🌹29, 30 अगस्त 2023 मंगलवार , बुधवार  

    🍃🌼 *कार्यक्रम स्थल*🌼🍃
    🛕श्री 1008 वासुपुज्य  दिगंबर जैन मंदिर  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 🌺🏵️🌷🌻

     *अतिशयकारी आशीर्वाद प्रदाता* 

    🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻 🙌🏻
    🌞💐 मूकमाटी रचयिता  परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज 💐🌞

    🌺☘️ * *पुण्यवर्धन सानिध्य*☘️🌺
     प.पू.मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज 🏵️🌷
    प.पू.मुनि श्री 108 अनंत सागर जी महाराज 🏵️🌷
    प.पू.मुनि श्री 108 धर्म सागर जी महाराज 🏵️🌷
    प.पू.मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज 🏵️🌷
    *विधानाचार्य* ब्र. मनोज भैयाजी( लल्लन)   जबलपुर 
    *संगीतकार* राजेश शाह बागीदौरा
    🌹☘️ *महापुण्यवर्धक कार्यक्रम* 
     ☘️ *29 अगस्त 2023 मंगलवार*
     प्रातः 7:00 बजे अभिषेक ,शांतिधारा
     पूजन ,रक्षाबंधन विधान ,मुनि  श्री  के प्रवचन, रात्रि 8 बजे विशेष भक्ति 


    *30 अगस्त 2023 बुधवार*
    प्रातः 7:00 बजे अभिषेक ,शांतिधारा
     पूजन ,रक्षाबंधन विधान 
    श्री श्रेयांसनाथ जी मोक्ष कल्याणक महोत्सव , निर्वाण लाडू अर्पण, मुनि श्री के प्रवचन
    **राखी सजाओ प्रतियोगिता*
    प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार 
    **लाडू सजाओ प्रतियोगिता*

    🙏🍁🍃 *विशेष निवेदन* 

    आप सभी आइए, सभी को लाइए, सभी  को बताइए,इस कार्यक्रम मैं आप  सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित हैं! बाहर के अतिथियों की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी ।

    *कार्यक्रम का प्रसारण* जैनधर्म वाणी यूट्यूब चैनल पर लाइव होगा| एवं जिनवाणी चैनल पर भी प्रसारण होगा🌻🌺🌷🏵️
    *आयोजक/*निवेदक*
    राजमल सेठ 9950424291 सकल दिगंबर जैन समाज
    अजित कुमार लालावत  9928180361 (अध्यक्ष  मुनि त्यागी सेवा कमेटी ) 
    वैभव घाटलिया  9983383474 (अध्यक्ष) 
    जैन युवा संगठन
    गुंजन शाह (अध्यक्ष)
     जयोदय महिला मंडल 
    प्रगति कोठारी (अध्यक्ष)
    चंदनबाला बालिका मंडल  घाटोल जिला बांसवाड़ा (राजस्थान) 
    *पहुंच मार्ग*
    रतलाम रेलवे स्टेशन से बस से 85 किमी बांसवाड़ा फिर 27 किमी घाटोल है
    उदयपुर से 140 किमी 
    चित्तौडगढ़ रेलवे स्टेशन से बस से 165 किमी घाटोल है 
    इंदौर से बस द्वारा बांसवाड़ा फिर घाटोल 250 किमी है

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