गुरुवर तेरे चरणों मे मैं,
दिन रात निकलूंगा,
तेरे सम्मुख बैठे तेरी,
छवि निहारुगा,
देख ह्दय से तुझको भगवन,
जन्म सुधारुगा,
भावों कि शुभ थाल सजाकर,
पूजा रचाउगा,
ह्दय वेदी मे तुझको लाकर,
तुझे विराजुगा,
मन मंदिर मे आकर भगवन,
करना मुझको निहाल,
नैनो से फिर दिखते रहना,
सुनना भक्त पुकार।🙏🏻🙏🏻