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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Aashika jain

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Posts posted by Aashika jain

  1. गुरुजी की मुस्कान का

    हर कोई दीवाना था, 

    बन्द आँख में भी दिखता, 

    उनकी मुस्कुराहट का अफसाना था

    क्या कहूँ गुरुजी आपकी 

    मंद -मीठी -मुस्कान के बारे में

    इस हंसी के पीछे तो 

    घायल पूरा ज़माना था। 

     

  2. अश्रुओं से भरी आँखें
    बस ढूंढ रही है गुरुवर को, 
    ये मौन भरे शब्द,
    बस उठा रहे है गुरुवर को, 
    मोक्ष पथ पर चले गुरुजी
    जग को वैराग्य का पाठ सिखा गए, 
    त्याग और तपस्या के धनी, 
    हम सबको वर्तमान में वर्धमान, 
    की चर्या दिखा गए।। 

  3. गुरु की एक झलक, 

    पाने को तरस जाते नैन है, 

    गुरु बिन और न दूजा, 

    गुरु से ही मिलता चैन है।। 

     

  4. गुरु की ही ख्वाहिश में, 

    खत्म हो गया साल, 

    गुरु की ही ख्वाहिश से , 

    शुरू होगया नया साल।। 

     

     

  5. वीतरागी गुरु हमारे, 

    उनके जैसा जग में गुरु कहाँ? 

    मार्ग बताया जो जग को आपने, 

    बता सके न कोई यहाँ। 

     

  6. हम गुरवाणी पर श्रद्धा करें तो, 

    ज्ञान के दीप जलते जायेंगे, 

    गर जले ज्ञान के दीप ह्रदय में तो, 

    मार्ग संयम के भी खुलते जायेंगे। 

     

  7. *हे!गुरुवर*

    तुम्ही हो ज्ञाता,दृष्टा तुम्ही हो 

    जगत की उत्तम शरण तुम्ही हो। 

    तुम्ही हो त्यागी,तुम्ही ही वैरागी , 

    जगत के पालनहार तुम्ही हो।

  8. बंजर में भी फसलें उग आएं

    रेगिस्तान में फूल खिल जाएं

    अंधेरे में भी रास्ते निकल आए

    जब साथ सिर्फ गुरु का मिल जाएँ।

  9. गुरु की छत्रछाया में, 

    कटे सारा यह जीवन, 

    गुरु ही माता - पिता है, 

    गुरु ही मेरे है भगवन्।। 

  10. संकट में जो हँसना सिखाये

    पग-पग पर परछाई सा साथ निभाये, 

    जिसे देख आदर से सिर झुक जाये

    वही हमारे सच्चे गुरु कहलाये।। 

  11. गुरु के रूप में आपने

    लिया जो अवतार है , 

    आपके कृपा से ही तो 

    भगवंत हुआ मेरा बेड़ा पार है.. 

     

  12. दामन फैलाएं बैठे हैं, 

    अल्फ़ाज़ कुछ याद नहीं, 

    मांगू तो क्या मांगू गुरुवर?... 

    आपके सिवा और कुछ याद नहीं।। 

     

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