Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Sonali J

Members
  • Posts

    1
  • Joined

  • Last visited

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Blog Comments posted by Sonali J

  1. 3 hours ago, Guest said:

    niryapak ka meaning kya h koi bata sakta h kya and namostu aacharya bhagwant ke charno me

    आचार्य श्री के प्रवचनांश  

     

    - परम्परा को निर्मल व अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु प्रवचन सार में आचार्य कुंद कुंद देव ने निर्यापक शब्द की स्पष्ट व्याख्या की है|  

    - जब संघ में अनुभवी साधुओं का समूह तैयार हो जाता है तब संघ में नवदीक्षित मुनिराजों के निर्वाह के लिए निर्यापक श्रमण की व्यवस्था होती है जिससे संघ में श्रमणों का निर्वाह होता है और सम्पूर्ण संघ को इसका लाभ प्राप्त होता है| 

    - मूलाचार में संघ में दीक्षित अर्यिकाओं के निर्वाह के लिए (शिक्षा, दीक्षा, प्रायश्चित इत्यादि) जो उनका गणधर होगा उसके व्यक्तित्व योग्यता गुण की अलग व्याख्या की गई है| 

    -आवश्यकता अनुसार निर्यापकों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है|

×
×
  • Create New...