niryapak ka meaning kya h koi bata sakta h kya and namostu aacharya bhagwant ke charno me
आचार्य श्री के प्रवचनांश
- परम्परा को निर्मल व अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु प्रवचन सार में आचार्य कुंद कुंद देव ने निर्यापक शब्द की स्पष्ट व्याख्या की है|
- जब संघ में अनुभवी साधुओं का समूह तैयार हो जाता है तब संघ में नवदीक्षित मुनिराजों के निर्वाह के लिए निर्यापक श्रमण की व्यवस्था होती है जिससे संघ में श्रमणों का निर्वाह होता है और सम्पूर्ण संघ को इसका लाभ प्राप्त होता है|
- मूलाचार में संघ में दीक्षित अर्यिकाओं के निर्वाह के लिए (शिक्षा, दीक्षा, प्रायश्चित इत्यादि) जो उनका गणधर होगा उसके व्यक्तित्व योग्यता गुण की अलग व्याख्या की गई है|
-आवश्यकता अनुसार निर्यापकों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है|
आचार्य श्री ने आज पूज्य मुनिश्री योगसागर जीको " निर्यापक मुनि " घोषित किया
In सूचना पट्ट - आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ
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आचार्य श्री के प्रवचनांश
- परम्परा को निर्मल व अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु प्रवचन सार में आचार्य कुंद कुंद देव ने निर्यापक शब्द की स्पष्ट व्याख्या की है|
- जब संघ में अनुभवी साधुओं का समूह तैयार हो जाता है तब संघ में नवदीक्षित मुनिराजों के निर्वाह के लिए निर्यापक श्रमण की व्यवस्था होती है जिससे संघ में श्रमणों का निर्वाह होता है और सम्पूर्ण संघ को इसका लाभ प्राप्त होता है|
- मूलाचार में संघ में दीक्षित अर्यिकाओं के निर्वाह के लिए (शिक्षा, दीक्षा, प्रायश्चित इत्यादि) जो उनका गणधर होगा उसके व्यक्तित्व योग्यता गुण की अलग व्याख्या की गई है|
-आवश्यकता अनुसार निर्यापकों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है|