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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संयम स्वर्ण महोत्सव

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  1. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 132 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  2. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 131 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  3. अपना ज्ञान, शुध्द-ज्ञान न, जैसे, वाष्प, पानी न। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  4. नियन्त्रण हो, निज पे, दीप बुझे, निजी श्वांस से। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  5. वक़्ता व श्रोता, बने बिना, गूँगा सा, निजी-स्वाद ले। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  6. पराश्रय से, मान बोना हो, कभी, दैन्य-लाभ भी। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  7. शब्द पंगु हैं, जवाब न देना भी, लाजवाब है। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  8. दृढ़-ध्यान में, ज्ञेय का स्पन्दन भी, बाधक नहीं। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  9. बिना प्रमाद, श्वसन क्रिया सम, पथ पे चलूँ। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  10. तरंग देखूँ, भंगुरता दिखती, ज्यों का त्यों ‘तोय’। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  11. पक्षी कभी भी, दूसरों के नीड़ों में, घुसते नहीं। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  12. कच्चा घड़ा है, काम में न लो, बिना, अग्नि परीक्षा। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आओ करे हायकू स्वाध्याय आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  13. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 130 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  14. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 129 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  15. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 128 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  16. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 127 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  17. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 126 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  18. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 125 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  19. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 124 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  20. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 123 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  21. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 122 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  22. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 121 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  23. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 120 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
  24. Ach. Vidya Sagar Ji Maharaj | Pravachan | Ep - 119 आप से निवेदन : इस प्रवचन का टाइटल, सारांश एवं टिप्पणी नीचे जरूर लिखें
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