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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संयम स्वर्ण महोत्सव

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Blog Entries posted by संयम स्वर्ण महोत्सव

  1. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संघर्ष में भी,
    चंदन सम सदा,
    सुगन्धि बाटूँ।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  2. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संयम सवर्ण महोत्सव पर आयोजित 
    नि:शुल्क चिकित्सा शिविर 
     


    योग, प्राणायाम, जड़ी बूटी का काढ़ा, एक्यूप्रेशर से तुरन्त इलाज 
    ४ व ५ अगस्त २०१८ 
    शनिवार, रविवार प्रात: ७ बजे से 
    जैन मंदिर, खजुराहो (म.प्र.)
    डॉ. नवीन जैन जबलपुर,  डॉ. आशीष जी दिल्ली, डॉ.पारस भोपाल, डॉ. सुरेन्द्र टीकमगढ़, डॉ. शान्तिकांत मुंबई, डॉ. सुभाष उड़ीसा
    संपर्क सूत्र - 9837636708, 9425342180, 9827359275
    आयोजक - प्रबंध समिति दि. जैन अतिशय क्षेत्र व् जैन समाज खजुराहो
  3. संयम स्वर्ण महोत्सव
    अमेरिका के राजदूत ने आज खजुराहो पहुंचकर, पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये। आपने गुरुदेव के समक्ष सप्ताह में एक दिन माँसाहार त्यागने का भी संकल्प लिया।
    खजुराहो में प्रतिदिन देश विदेश सेलोगों का, पूज्य आचार्यश्री के दर्शन हेतु आने का क्रम जारी है।
    साभार- ब्र श्री सुनील भैया जी, इंदौर 28 जुलाई
     
  4. संयम स्वर्ण महोत्सव
    परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के दीक्षा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी दीक्षा स्थली अजमेर में परम पूज्य मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं प्रेरणा से संस्थापित 71 फुट ऊंचा भव्य कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण हुआ |
     
    जैन समाज के श्रेष्ठी पाटनी परिवार (आर के मार्बल्स समूह) को इस कीर्ति स्तम्भ के पुण्यार्जन का लाभ मिला ।
     
     

     
    कीर्ति स्तम्भ के साथ अन्य  लोकार्पण: 
    बड़ा दड़ा संयम स्वर्ण भवन का भी लोकार्पण हुआ  डाक टिकिट हुआ जारी   आचार्य श्री के हायकू एवं विचारों पर विशेष डायरी   
    इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को आप यहाँ देख सकते हैं :
     
     
     
    समाज में आरके मार्बल जैसे परिवार की जरुरत-जैन मुनि सुधासागर। नारेली तीर्थ का मुख्य द्वारा आचार्य विद्यासागर महाराज के नाम से बनेगा। स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा जीवन चरित्र 30 जून को अजमेर के महावीर सर्किल के निकट पंचायत बड़ धड़ा की नसिया के परिसर में आचार्य विद्यासागर महाराज के 71 फिट ऊंचे कीर्ति स्तंभ का लोेकार्पण जैन मुनि सुधासागर महाराज ने किया। इसी स्थान पर 50 वर्ष पूर्व आज के दिन ही बालक विद्यासागर ने आचार्य ज्ञान सागर महाराज से दीक्षा ग्रहण की थी। इस स्तंभ पर कोई 2 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। कीर्ति स्तंभ का सम्पूर्ण निर्माण कार्य आरके मार्बल और वंडर सीमेंट के मालिक अशोक पाटनी की ओर से करवाया गया है। इसलिए लोकार्पण समारोह में पाटनी परिवार के सदस्यों का अभिनंदन भी किया गया। सुधासागर महाराज ने कहा कि पैसा तो बहुत लोगों के पास होता है। लेकिन ऐसे लोग कम होते हैं जो धर्म के कार्यों पर खर्च करते है। आचार्य विद्या सागर महाराज के कीर्ति स्तंभ का निर्माण कर अशोक पाटनी ने अजमेर के धार्मिक महत्व को और बढ़ाया है। आज समाज में पाटनी परिवार जैसों की जरुरत है। अशोक पाटनी ने बिना कहे कीर्ति स्तंभ का निर्माण कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। अब अजमेर आने वाले लोग इस कीर्ति स्तंभ का अवलोकन भी करेंगे। इस अवसर पर पाटनी का कहना रहा कि मैं आज जो कुछ भी हंू उसके पीछे आचार्य विद्यासागर महाराज और जैन मुनि सुधासागर महाराज का आशीर्वाद है।
     
    नारेली तीर्थ का द्वारः  समारोह में अजमेर प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने घोषणा की कि नारेली तीर्थ स्थल का मुख्य द्वार आचार्य विद्या सागर महाराज के नाम पर बनाया जाएगा। द्वार के निर्माण का कार्य प्राधिकरण करेगा। वहीं स्कूली शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि अगले शिक्षा सत्र में आचार्य विद्यासागर महाराज की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
    (एस.पी.मित्तल) (30-06-18)
     

     
  5. संयम स्वर्ण महोत्सव
    जब तक ज्ञान नहीं होता तब तक परिणामों का नियंत्रण नहीं हो पाता। मोक्ष मार्ग का यदि श्रवण ही कर ले तो हमारे परिणाम भी उस पर चलने के हो जाते है। अंत समय में भी यदि हम धर्म के मार्ग पर चलकर मृत्यु को प्राप्त होते है तो भी हमारा कल्याण हो सकता है। यद्यपि हमें आज के काल में अवधि ज्ञानी नहीं मिलते लेकिन आज जो मोक्षमार्ग तीर्थंकरों के द्वारा लिखाया गया उस पर ही बढ़ना चाहिये।
     
    गुरूवर ने बताया रोगी व्यक्ति लौकिक चिकित्सा से निराश होकर अन्त में आध्यात्मिक चिकित्सा में संतो के पास आता है।
     
    मन के अधीन होना छोड़ देना कठिन है लेकिन संभव है स्वाध्याय एवं क्रिया करना दोनों आवश्यक है। कृत, कार्य, अनुमोदना तीनों से व्यक्तियों को पुष्प लाभ होता है। गुरूओं की वाणी अजर-अमर बनाने वाली होती है। परिणामों की विचित्रता पर ज्ञानी को श्रद्धान रखना चाहिए।अशांति मन में होती है शरीर तो मन द्वारा नियंत्रित होता है। धर्मध्यान के लिए छहों संघनन सहायक होते है।
     
    अच्छा श्रावक दो बार ही अहार ग्रहण करता है। एक बार ग्रहण करता है वह योगी है। दो बार ग्रहण करता है वह भोगी तथा तीन बार करता है वह रोगी है।
     
    मोक्ष मार्ग पक्का रास्ता है इस पर दुर्घटना नहीं होती है यदि हमें अच्छा मार्गदर्शक रूपी गरू का सानिध्य प्राप्त होता है।
     
    आज गुरूवर का सुबह 8:30 बजे पाद प्रक्षालन महरौनी से पधारे श्रद्वालुओं द्वारा किया गया एवं तत्पश्चात् गुरूवर का पूजन किया गया।
     
    यह जानकारी डॉ. धर्मेन्द्र जैन द्वारा दी गई एवं संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया जी इन्दौर द्वारा किया गया।
     
  6. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ऊधम नहीं,
    उद्यम करो बनो,
    दमी आदमी |  
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  7. संयम स्वर्ण महोत्सव
    कछुवे सम,
    इन्द्रिय संयम से,
    आत्म रक्षा हो।
     
    भावार्थ - जिस प्रकार कछुवा संकट आने पर अपने अंगोपांग को संकुचित कर अपना जीवन सुरक्षित करता है । उसी प्रकार से देशव्रती और महाव्रती इन्द्रिय विषयों का त्याग करके अपनी आत्मा की रक्षा कर लेते हैं ।
    - आर्यिका अकंपमति जी 
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  8. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आम बना लो,
    ना कहो, काट खाओ,
    क्रूरता तजो।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  9. संयम स्वर्ण महोत्सव
    मान शत्रु है,
    कछुवाबनूँ बचूँ,
    खरगोश से।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  10. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आलोचन से,
    लोचन खुलते हैं,
    सो स्वागत है।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  11. संयम स्वर्ण महोत्सव
    गुरुशिष्य महामिलन
    बंधा जी क्षेत्र में हुआ पूज्य आचार्य भगवान श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ से पूज्यवर मुनिश्री १०८ अभय सागर जी महाराज ससंघ का मंगल मिलन
    गुरुदेव नमोस्तु
     
     
  12. संयम स्वर्ण महोत्सव
    चलो          ?           चलो 
    चेतन्य चमत्कारी बाबा 
           के दरबार   बंधा जी
    भव्य आगवानी,महामत्काभिषेक
        ?   ??    ?
        दिनाँक 30 जून शनिवार
          ?     ??    ?
    बुन्देलखण्ड के मध्य स्थित अनेकोनेक आतिशयों से युक्त ,चैतन्य चमत्कारी भगवान अजित नाथ जी  भोंयेरे बाले बाबा के दरबार मे  30 जून शनिवार की प्रातः बेला में शताब्दी संत श्रीमद आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज बालयति संघ के साथ पधार रहे हैं।
    आचार्य भगवंत की आगवानी मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ससंघ एवं बंधा जी  क्षेत्र के हजारों जैन जैनेतर भव्यता के साथ करेंगे। 
           बंधा जी क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष श्री मुरली मनोहर जी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार  हजारों की संख्या में अजेन आचार्य भगवंत की आगवानी को आतुर है। आस पास की विभिन्न भजन मंडली,अखाड़े, और हजारों कलशों के साथ आचार्य भगवंत की आगवानी की जावेगी। सम्पूर्ण मार्ग में बन्धनबार आगवानी के लिए सजाये गए है।
            प्रातः काल आगवानी के साथ ही ब्र. सुनील भैया जी के निर्देशन में  विभिन्न्न कार्यक्रम सम्पादित किये जावेगें।
    ?    1008 कलशों से श्री अजितनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक
    ? आचार्य श्री का संयम स्वर्ण महोत्सव , आचार्य भगवंत की दिव्य देशना।
     ? विद्योदय फ़िल्म का प्रदर्शन
        आदि विविध कार्यक्रम क्षेत्र कमेटी द्वारा आयोजित है।
    ????????
    श्री बंधा जी क्षेत्र के अतिशय कारी चेतन्य चमत्कारी बाबा अजितनाथ जी  के दरवार  में एक बार जो आ जाता है उसे बार बार आने का मन करता है। यह इस क्षेत्र का प्रथम अतिशय है।
     वर्ष 2017 और 2018 के जनवरी माह में आर्यिका श्रेष्ठ विज्ञानमती माता जी के सानिध्य में इस क्षेत्र पर विभिन्न कार्यक्रम  आयोजित हुये देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में आये श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में शिरकत की और बंधा जी क्षेत्र के भोंयेरे बाले बाबा के चमत्कार को साक्षात निहारा।
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      क्षेत्र कमेटी द्वारा आगन्तुको के आवास एवं भोजन की व्यवस्था रखी गयी है। 
        पधारकर सातिशय पुण्य लाभ अर्जित करें।
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        मुरली मनोहर जैन(अध्यक्ष बंधा जी क्षेत्र कमेटी) 8964977550  समस्त प्रबंध कार्यकारणी। क्षेत्रिय समाज
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  13. संयम स्वर्ण महोत्सव
    सूर्योदय से घण्टे पीछे, घण्टे पहले दिनास्त से।
    भूख लगे जोर से तभी खाना निश्चित यह आगम से॥
    अरविकाल में भोजन करना मनुज देह के विरुद्ध है।
    जो कि रात्रि में भोजन करता उसको कहा निशाचर है॥६०॥

    मिट्टी कंकर आदि से रहित योग्य रीति से बना हुआ।
    यथाभिरूचि खाया जावे वह जिस का दुर्जर भाव मुवा॥
  14. संयम स्वर्ण महोत्सव
    whatsaap विजेता  - @Ashish Singhalआपको  पुरस्कार स्वरूप प्रदान की  जा रही हैं - हथकरघा निर्मित श्रमदान ब्रांड की हाफ शर्ट 
    website विजेता - @surbhi vivarsh jain आपको पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया जा रहा है आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संचालित हथकरघा द्वारा निर्मित श्रमदान ब्राण्ड का 100% सूती डबल बेड चादर |
  15. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ज़रा ना चाहूँ,
    अजरामर बनूँ,
    नज़र चाहूँ।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  16. संयम स्वर्ण महोत्सव
    पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के पावन सान्निध्य में मोनिका सुहास शाह द्वारा स्वरबद्ध श्री भक्तामर स्तोत्र और श्री वर्द्धमान स्तोत्र का विमोचन
     
     

     
     
     

  17. संयम स्वर्ण महोत्सव
    पपौरा जी में 17 जून को महामस्तकाभिषेक होने की संभावना 

    सागर- टीकमगढ़ नगर से 5 किलोमीटर दूर स्थित पपौरा जी जैन तीर्थ क्षेत्र में इन दिनों आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज ससंघ विराजमान है। इन दिनों पूरे देश भर से श्रद्धालु गुरुदेव के चरणों में श्रीफल अर्पित करने के लिए आ रहे हैं। देश के हर कोने से लोग गुरुदेव की एक झलक देखने को मिल जाए इसके लिए पपौरा जी पहुंच रहे हैं। 17 जून श्रुत पंचमी के दिन पपौरा जी के मूलनायक 1008 श्री आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक का कार्यक्रम होने की संभावनाएं है। आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में पपौरा जी के सभी जिनालयों में महामस्तकाभिषेक का कार्यक्रम कमेटी के द्वारा आचार्य भगवन के समक्ष निवेदित किया गया है। 
     
    श्रुत पंचमी से चातुर्मास के होने लगते हैं संकेत श्रुत पंचमी के दिन से ही आचार्य भगवन के द्वारा अपने शिष्यों को वर्षायोग चातुर्मास देने के संकेत करने लगते है। देश भर से सैकड़ों स्थानों से समाज के पदाधिकारी गुरुदेव के चरणों में पहुंच करके मुनि संघ या आर्यिका संघ का चातुर्मास उनके नगर में हो ऐसा निवेदन भी किया जाता है। वह भाग्यशाली नगर होते हैं जहां पर मुनि संघ या आर्यिका संघ का चातुर्मास मिल जाता है 

    क्योंकि यह वर्ष संयम स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में पूरे देश में मनाया जा रहा है। 28 जून 2017 से शुरू हुए इस संयम स्वर्ण जयंती महोत्सव में साल भर तक अनेको कार्यक्रम समाज के द्वारा कराए जा रहे है आचार्य श्री जी की दीक्षा के 50 वर्ष आगामी 17  जुलाई 2018 को पूर्ण हो रहे हैं।
     
    कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र चंदगिरी डोंगरगढ़ से हुई थी। 50 वां दीक्षा समारोह 17 जुलाई को कहां होगा इसको लेकर के लोगों की नजरें लगी हुई है। गुरुदेव का मंगल चातुर्मास जिस नगर में होगा वह धन्य हो जाएगा थोड़ा इंतजार करें इंतजार की घड़ियां भी 17 जुलाई तक समाप्त हो जाएगी।
    जय जिनेंद्र 
  18. संयम स्वर्ण महोत्सव
    बिना विवाह,
    प्रवाहित हुआ क्या,
    धर्म-प्रवाह।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  19. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ⛳ संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ का  अतिशय क्षेत्र पपौरा जी में  हुआ भव्य मंगल प्रवेश⛳
     
    mangal pravesh.mp4
    पूज्य आचार्यश्री जी विहार अपडेट
              18 अप्रैल, अपरान्ह काल
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का बड़ागाँव से हुआ, मंगल विहार.....!!
    ■ आज रात्रि विश्राम- अमरपुर (5.5 किमी)
    ■ कल की आहारचर्या- समर्रा ग्राम (अमरपुर से 6 किमी) सम्भावित।
    ◆÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷◆
     विशेष- 20 अप्रैल को प्रातःकाल 7:30 बजे पूज्य आचार्यसंघ का, अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी मे भव्य मंगल प्रवेश।
     
     
     
    ■ 17 अप्रैल, मंगलवार।
    ◆ परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की आज प्रातः घुवारा में भव्य अगवानी हुई। अगवानी की वन्दनीय आर्यिकाश्री प्रशन्नमती माताजी एवम आर्यिकाश्री गरिमा मति माताजी ससंघ ने एवम घुवारा तथा वाहर से पधारे सेकड़ो भक्तो ने।
    ◆ पूज्य आचार्यसंघ की आहार चर्या घुवारा में सम्पन्न हुई।
    ◆ आज दोपहर बाद पूज्य आचार्यसंघ का मंगल विहार हुआ।
    ◆ आज का रात्रि विश्राम घुवारा से 8 किमी दूर ग्राम में होगा।
    ◆ कल की आहार चर्या- बड़ागाँव मे होगी।
     
     
     
    ।। आचार्यश्री की मंगल विहार अपडेट ।।
    16 अप्रैल, सोमवार।
    अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर बढ़ते कदम।

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ-
    ◆ आज रात्रि विश्राम- दलीपुर ग्राम 11 किमी ।
    ◆ कल की संभावित आहार चर्या- घुवारा।
    अब एक बड़ा सवाल, सभी के मन मे ? आचार्य भगवन का पपौरा जी मे मंगल प्रवेश कब होगा?
    हमे लगता है, 18 अप्रैल को होगा भव्य मंगल प्रवेश।
    बाकी गुरुवर के मन की कौन जाने ?
     
     
    पूज्य गुरुदेव का हुआ मंगल विहार
    ■ 15 अप्रैल, रविवार।
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का चल रहा मंगल विहार। कदम बड़े अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- ग्राम गढ़ोही।
    ◆ कल आहार चर्या : हीरापुर।
     
    12 अप्रैल
    पूज्य गुरुदेव का हुआ मंगल विहार दमोह से

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का दमोह से मंगल विहार आज दोपहर की बेला में हुआ। अब कदम बड़े अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- ग्राम उमरी
    ◆ कल आहार चर्या : नरसिंहगढ़।
    【  बड़े दिनों से प्रतीक्षारत दमोह समाज उदास, केवल कुछ घण्टे का ही मिला सानिध्य। सायद पूज्य गुरुदेव को निर्धारित समय पर ही पपौरा जी पहुचने का लक्ष्य। मौसम भी चल रहा अनुकूल】
     
     
    12 अप्रैल
     हुआ भव्य मंगल प्रवेश दमोह नगरी में।

    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का प्रातःकालीन विहार आज बड़ी लम्बी दूरी का चला। पहले दमोह से 4 किमी दूर आहार चर्या की योजना बनी थी, फिर आज प्रातः योजना में बदलाव कर, सागर नाका दमोह में आहार चर्या की योजना बनी। बाद में पूज्य गुरुदेव के कदम लगातार दमोह सिटी में बढ़ते ही चले गए और नन्हे मन्दिर जी पहुचकर ही कदमो को विराम दिया और इसी मन्दिर से ही आहारचर्या के लिए निकले।
    ◆ आज पूज्य गुरुदेव को पड़गाहन कर आहारदान का सौभाग्य प्राप्त किया  ब्र. श्री स्वतंत्र भैया दमोह को। उनके पुण्य की अनुमोदना।
     
     
    पूज्य गुरुदेव के बढ़ते कदम..!!
    11 अप्रैल, बुधवार।

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार- 
    ◆ आज का रात्रि विश्राम- लखनपुरा (8 किमी)
    ◆ कल की आहार चर्या- मरुताल (9 किमी) दमोह यहाँ से मात्र 4 किमी
     
     
    आज १०/०४/२०१८ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या जबेरा में सम्पन्न हुई।
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    आज १०/०४/२०१८ आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम कलहरा (जबेरा से ६.५ km) में हो रहा है।
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    कल ११/०४/२०१८ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या नोहटा में होने की सम्भावना है (कलहरा से ११.५ km)
     
     
     
    *पूज्य गुरुदेव के बढ़ते कदम..!!*
    8 अप्रैल, रविवार।
    *_परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार-_* 
    ◆ *आज का रात्रि विश्राम-* जमुनिया ग्राम (कटंगी से 7 किमी)
    ◆ *कल की आहार चर्या-* सिंगरामपुर। (जमुनिया से 8 किमी)
    ◆ *10 और 11अप्रैल को जवेरा और नोहटा बालों का जागेगा पुण्य। संभावित आहार चर्या।*
     
     
    अनियत विहारी गुरुदेब का मंगल विहार
    7 अप्रैल, शनिवार।
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार- 
    आज 7 अप्रैल को प्रातः लगभग 6 बजे शिवनगर से मंगल विहार हुआ।
    ◆ आज की आहारचर्या- बेलखाडू ग्राम।
    ◆ आज दोपहर बाद, मंगल विहार, लगभग 9 किमी पर रात्रि विश्राम।
    ◆ कल 8 अप्रैल को कटंगी बालों का जागेगा पुण्य। होगी आहार चर्या।
    साभार: ब्र श्री सुनील भैया, इन्दोर।
     
     
    ।। आचार्यश्री जी का मंगल विहार अपडेट।।
     5 अप्रैल, गुरुवार

    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार चल रहा, जबलपुर की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- पिपरिया-उमरिया गांव
    ◆ कल की आहार चर्या- रांझी (जबलपुर)
    ◆ यदि विहार हुआ तो कल का संभावित रात्रि विश्राम- शिवनगर जबलपुर।

     
     
    2 अप्रैल, सोमवार, संध्याकाल

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ का मंगल विहार, आज शहपुरा(डिण्डोरी) से हुआ।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- खुरइया ग्राम।
    ◆ कल की आहारचर्या- देवरी में संभावित।
    ◆ आगामी संभावित दिशा-
    कुण्डम (24 किमी), रांझी होकर जबलपुर (कुंडम से 45 किमी)
     
     
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का होने जा रहा मंगल विहार, डिण्डोरी से जबलपुर मार्ग पर।
    ● आज का रात्रि विश्राम- नवोदय विद्यालय (9 किमी)
    साभार सूचना- ब्र.श्री सुनील भैया जी, इन्दोर
     
  20. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ।। आज पूज्य आचार्य श्री के केश लौंच।।
    7 मार्च, बुधवार

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज जी आज सर्वोदय तीर्थ अमरकंटक में केश लौंच कर रहे है (उत्कृष्ट अवधि) । साथ ही संघस्थ 7 मुनि महाराज जी का भी आज केशलोंच है।
    नमोस्तु भगवन, नमोस्तु।
    सूचना साभार: ब्र. श्री सुनील भैया जी, इन्दोर।

     
  21. संयम स्वर्ण महोत्सव
    दिनांक 31 दिसम्बर, 2017  एवं 1 जनवरी, 2018 को कार्यक्रम
     
     
     




  22. संयम स्वर्ण महोत्सव
    सगा हो दगा,
    अर्थ विनिमय में,
     मूर्च्छा बढ़ती।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  23. संयम स्वर्ण महोत्सव
    18 नवम्बर २०१७
    रात्रि विश्राम  मुरमुंदा  8.5 km
    कल  सुबह चंद्रगिरी प्रवेश
     
    17 नवम्बर २०१७ 
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का ससंघ मंगलविहार आज (दोप.1.35) डोंगरगढ़ की ओर हो गया है 19 नवंबर को सुबह भव्य अगवानी डोंगरगढ़ में होगी।     
    रात्रि विश्राम गिरगांव में (7 Km)
    कल सुबह 11.8 पर कोलिहापुरी
    NH पर टप्पा के पास आहार 
     
    4 नवम्बर २०१७ 
    शनिवार सुबह 6 बजे अरसीटोला से विहार
    शनिवार की सुबह डोंगरगांव में मंगल प्रवेश
     
    3 नवम्बर २०१७ 
    रात्रि विश्राम  सांय   अरसीतौला 11कि मी आये
    सुबह 12कि मी डोंगरगांव में प्रवेश
     
     
    1 नवम्बर २०१७ , 2:३० P.M
    आज रात्रि विश्राम  8 किमी चैक पोस्ट छ.ग.और महा .की सीमा
    कल सुबह आहारचर्या   12.5 कि मी आहार घोरतालाब
     
    31 अक्टूबर २०१७  2 P.M
    आज रात्रि विश्राम    मीताराम स्कूल  डोंगरगांव  10कि मी
    कल सुबह आहारचर्या      13.8  श्रीमहावीर जिन मंदिर देवरी
     
    30 अक्टूबर २०१७ ६ :०० P.M
    सौंदर्य में रात्रि विश्राम
    कल सुबह 12 कि.मी.आहार कोहमारा
     
     
    29 अक्टूबर 2017, रविवार 
    आहारचर्या - समर्थ महाविद्यालय, लाखनी में संपन्न
    सामायिक- लाखनी में
    विहार- दोपहर २:३० बजेः  आचार्य श्री का लाखनी से विहार  |
    रात्रि विश्राम-लाखनी से 9 किमी पर रात्रि विश्राम आज मुडीपार में,   कल सुबह आहार चर्या  10 कि.मी. साकोली,  पटेल विद्यालय में संभावित.
     
     
    28 अक्टूबर 2017, शनिवार -  
    आहारचर्या- पांडव कॉलेज , भिल्लेवाडा ( भंडारा साकोली रोड)
    सामायिक-
    रात्रि विश्राम-
     
    27 अक्टूबर 2017,शुक्रवार
    आज रात्रि विश्राम - तवेपार (भंडारा से 6 किमी रामटेक रोड पर)
     
     
    26 अक्टूबर, 17:00
    ■आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ कीआज रात्रि विश्राम स्थली- धर्मापुर ग्राम
    ● भंडारा - दूरी लगभग 20 किमी।
    ● डोंगरगांव- दूरी 145 किमी लगभग।
    संभावित दिशा- छत्तीसगढ़ के तरफ बढ़ते कदम।
     
     
    26 अक्टूबर, 8:32 AM

    *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की संभावित आहार चर्या- भंडारा रोड आरोली*
    *संभावित दिशा- छत्तीसगढ़ के तरफ बढ़ते कदम।*
     
    अक्टूबर 25, 2017
    आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम ग्राम खिंडसी में हो रहा है |
     
    अक्टूबर 25, 2017
     
    अनियत विहारी
    आज परम पूज्य सन्त शिरोमणी आचार्य श्री 108  विद्या सागर जी महाराज ससंघ का रामटेक से विहार हो गया है |  आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम  ग्राम खिंडसी  मे होगा
     
    पिच्छिका परिवर्तन मात्र 25 मिनिट में सम्पन्न
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन मात्र 25 मिनिट में सम्पन्न हो गया। गुरुजी के मंच पर विराजमान होते ही बिना औपचारिकता के सीधे पिच्छिका का परिवर्तन प्रारम्भ हो गया। जबकि पिच्छिका परिवर्तन के संकेत भी सुबह 10 बजे ही प्राप्त हुए थे। कार्यक्रम सम्पन्न होते ही पूज्य गुरुदेव ने रामटेक से विहार कर दिया। लोग आश्चर्यचकित रह गये क्योंकि शारीरिक अस्वस्थता के कारण विहार की संभावना नहीं थी। आचार्य संघ का विहार बिना किसी पूर्व सूचना होता है और अचानक हुए विहार में भी हज़ारों श्रावक गुरू जी साथ विहार करते हुए खिंडसी पहुँचे |  आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम ग्राम खिंडसी में हो रहा है, ऐसी सूचना प्राप्त हुई है | 
     

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