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अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संयम स्वर्ण महोत्सव

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  1. संयम स्वर्ण महोत्सव
    पु. आचार्य श्री मूकमाटी महाकाव्य में कहा है 
    मिट्टी पानी और हवा, सौ रोगों की एक दवा 
    प्रकृति से जुड़े अध्यात्मिक संत आचार्य श्री का आशीष व प्रेरणा दे 
    आपको स्वस्थ तन, स्वस्थ मन
    अपनाएँ : प्राकृतिक चिकित्सा "लपेट" स्वस्थ हो, भोजन कर सको भरपेट
     
    साफा लपेट : तनाव दूर करे
    विधि : 6 इंच चौड़ी व 2 मीटर लंबी सूती पट्टी, इस प्रकार की 2-3 पट्टियों को गोल घड़ी कर, पानी में गीला कर निचोड़ लें। इस पट्टी को (नाक का हिस्सा छोड़कर) समस्त चेहरे पर लपेट लें।
     
    लाभ : इस पट्टी के प्रयोग से मस्तिष्क की अनावश्यक गर्मी कम होकर मस्तिष्क में अदभुत ठंडक व शांति का अनुभव होता है, साथ ही सिरदर्द व कान के रोग दूर होते हैं, मन व हृदय भी शांत बना रहता है।
     
     
    गले की लपेट : गले के रोगों में चमत्कारिक लाभ
    गले रोगों में चमत्कारिक परिणाम देने वाली यह लपेट है इसे करने से तुरन्त लाभ होना प्रारंभ हो जाता है। गले में हो रही खराश, स्वर यंत्र की सूजन (टांसिल) में इसके प्रयोग से लाभ होता है। वास्तव में गले की लपेट पेडू की लपेट व वास्ति प्रदेश की लपेट व अन्य लपेट एक तरह से गर्म ठण्डी पट्टी के ही समान है। विशेष तौर पर खाँसी व गला दुखने की अवस्था में इसे करने से तुरन्त लाभ हो जाता है और जब ये विकार खासतौर पर रोगी में जब उपद्रव मचाते हैं तो इस लपेट को करने से तुरन्त लाभ मिलता है व नींद भी अच्छी आ जाती है क्योंकि उक्त विकार की वजह से बैचेनी से जो हमें मुक्ति मिल जाती है।
     

     
    विधि : 6 इंच चौड़ा व करीब डेढ़ मीटर लम्बा सूती कपड़ा गीला कर अच्छी तरह निचोड़ दें। इसे गले पर लपेट दें। इस गीली लपेट पर गर्म कपड़ा (मफलर) अच्छी तरह से लपेट कर अच्छी तरह पेक कर दें ताकि गीला कपड़ा अच्छी तरह से ढंक जाए। इस लपेट को 1 से डेढ़ घंटे तक किया जा सकता है किन्तु रोग की बढ़ी हुई अवस्था में इसे अधिक समय तक भी कर सकते हैं। लपेट की समाप्ति पर गले को गीले तौलिये से अच्छी तरह स्वच्छ कर लें।
     
     
    छाती की लपेट : कफ ढीला करे
    किसी भी अंग को ठंडक प्रदान करने के लिए पट्टी का प्रयोग किया जाता है। इस पट्टी के प्रयोग से रोग ग्रस्त अंग पर रक्त का संचार व्यवस्थित होता है। इसके साथ ही श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। इस पट्टी के प्रयोग से छाती में जमा कफ ढीला होता है। हृदय को बल प्राप्त होता है।
     

     
    विधि : 7-10 इंच चौड़ा, 3/2 मीटर लंबा गीला सूती कपड़ा निचोड़ कर छाती पर लपेटे।  इसके ऊपर गर्म कपड़ा (बुलन/फलालेन) लपेट दें।
     
    लाभ : इससे हृदय की तीव्र धड़कन सामान्य हो जाती है, क्योंकि ठंडे पानी की पट्टी हृदय पर लपेटने से इस क्षेत्र का रक्त संचार व्यवस्थित हो जाता है। साथ ही विजातीय द्रव्य पसीने के माध्यम से बाहर हो जाते हैं। इस प्रयोग द्वारा हृदय की धड़कन सामान्य हो जाती है। छाती में जमा कफ ढीला हो जाता है। यह प्रयोग कफ रोग में लाभकारी है।
     
    विशेष सावधानी : पट्टी के पश्चात् हथेलियों से छाती की हल्की मसाज कर उसे गर्म कर लेना चाहिए, ताकि शरीर का उक्त अंग अपने सामान्य तापमान पर आ जाए।
     
     
    पेडू की लपेट : पेट रोग में चमत्कारी लाभ
    पेडू की पट्टी समस्त रोगों के निदान में सहायक है। विशेषकर पाचन संस्थान के रोगों के निदान में रामबाण सिद्ध होती है। इससे पेट के समस्त रोग, पेट की नई पुरानी सूजन, पुरानी पेचिश, अनिद्रा, ज्वर, अल्सर, रीढ़ का दर्द व स्त्रियों के प्रजनन अंगों के उपचार में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त यह किडनी व लीवर के उपचार में विशेष लाभ पहुँचाती है।
     

     
    विधि : एक फीट चौड़ी व 1 से 1.5 मीटर लंबी पतले सूती कपड़े की पट्टी को पानी में भिगोकर निचोड़े व पूरे पेडू व नाभि के दो इंच ऊपर तक लपेटकर ऊपर से गर्म कपड़ा लपेट लेवें।
     
    समयावधि : उक्त पट्टी खाली पेट सुबह शाम 2-2 घंटे तक लगा सकते हैं। रात्रि को सोने के पूर्व लगा सकते हैं। रात-भर पट्टी लगी रहने दें। भोजन के 2 घंटे बाद भी पट्टी लगा सकते हैं। इस पट्टी को लगाकर ऊपर से कपड़े पहनकर अपने नियमित कार्य भी कर सकते हैं। पट्टी लगाने के बाद जब पट्टी हटाएँ तो गीले तौलिए अथवा हथेली से पेडू की हल्की मसाज कर गर्म कर लें।
     
    विशेष सावधानी : शीत प्रकृति के रोगी इस पट्टी के पहले पेडू को हाथों से अथवा गर्म पानी की थैली से गर्म कर पट्टी लपेटें। शीत प्रकृति के व्यक्ति सिर्फ 2 घंटे के लिए इस पट्टी का प्रयोग कर सकते हैं।
     
     
    वस्ति प्रदेश की लपेट : जननांगों में चमत्कारिक लाभ
    पेडू के विभिन्न रोग, पुरानी कब्ज, मासिक धर्म में अनियमितता, प्रजजन अंगों के रोग, जननेंद्रीय की दुर्बलता व अक्षमता में चमत्कारिक लाभ देने वाली लपेट वस्ति प्रदेश की लपेट है। इसके नियमित प्रयोग से उक्त रोग ही नहीं वरन् अनेक रोगों में लाभ होता है।
     

     
    विधि : एक भीगा कपड़ा निचोड़कर वस्ति प्रदेश पर लपेट दें। यदि वस्ति प्रदेश पर ठंडक का अहसास हो रहा हो तो गर्म पानी की थैली से उक्त अंग को गर्म अवश्य करें। अब इस लपेट पर गर्म कपड़ा लपेट दें। उक्त प्रयोग को एक से डेढ़ घंटा किया जा सकता है।
     
    मुख्य सावधानी : इस पट्टी को एक बार उपयोग करने के पश्चात साबुन अच्छी तरह से लगाकर धोकर धूप में सुखाकर पुनः इस पट्टी का प्रयोग किया जा सकता है। चूंकि पट्टी विजातीय द्रव्यों को सोख लेती है, अतः ठीक प्रकार से पट्टी की सफाई नहीं होने से चर्म रोग हो सकता है। उक्त पट्टी को सामान्य स्वस्थ व्यक्ति सप्ताह में एक दिन कर सकते हैं।
     
    लाभ : पेट के रोगों में चमत्कारिक लाभ होता है।
     
     
    पैरों की लपेट : खाँसी में तुरन्त लाभ पहुंचाने वाली पट्टी
    इस लपेट के प्रयोग से सारे शरीर का दूषित रक्त पैरों की तरफ खींच जाता है। फलस्वरुप ऊपरी अंगों का रक्ताधिक्य समाप्त हो जाता है। इस वजह से शरीर के ऊपरी अंगों पर रोगों द्वारा किया आक्रमण पैरों की ओर चला जाता है। अतः मेनिनजाईटिस, न्यूयोनिया, ब्रोंकाइटीज, यकृत की सूजन व गर्भाशय के रोग की यह सर्वप्रथम चिकित्सा पद्धति है।
     

     
    विधि : एक भीगे हुए और अच्छी तरह निचोड़े कपड़े की पट्टी को रोल बना लें, एड़ी से लेकर जंघा तक इस कपड़े को लपेट दें। इस पट्टी पर गर्म कपड़ा अच्छी तरह लपेट दें ताकि सूती कपड़ा अच्छी तरह से ढंक जाये। यदि पैरों में ठंडक हो तो गर्म पानी की थैली से पैरों को गर्म कर लें। ध्यान रहें रोगी के सिर पर ठंडे पानी की नैपकीन से सिर ठंडा रहे। इस प्रयोग को एक घंटे तक करें। किन्तु रोगी को आराम महसूस हो तो इस प्रयोग को अधिक समय तक किया जा सकता है। इस प्रयोग को रोगों के समय गला दुखने, खाँसी की तीव्रता की अवस्था में कर चमत्कारिक लाभ पाया जा सकता है। इस प्रयोग को करने के पश्चात अन्त में तौलिये से सम्पूर्ण शरीर को घर्षण स्नान द्वारा स्वच्छ कर लें।
     
     
    पूर्ण चादर लपेट : मोटापा दूर करें
    सामग्री : अच्छा मुलायम कम्बल जिसमें हवा का प्रवेश न हो सके एक डबल बेड की चादर, जिसमें सारा शरीर लपेटा जा सके, आवश्यकतानुसार मोटा या पतला एक तौलिया छाती से कमर तक लपेटने के लिए।
     

     
    विधि : बंद कमरे में एक खाट पर गद्दी बिछा लें तथा उसके ऊपर दोनों कम्बल बिछायें सूती चादर खूब ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़ने के बाद कम्बल के ऊपर बिछा दें। सूती चादर के ऊपर तौलिया या उसी नाप का दूसरा कपड़ा गीला करके पीठ के निचले स्थान पर बिछा दें। यह लपेट पूर्ण नग्न अवस्था में होना चाहिए। लेटते समय यह ध्यान रखें कि भीगी चादर को गले तक लपेटे। अब मरीज के सब कपड़े उतारकर उसे बिस्तर पर लिटा दें। लेटने के बाद तुरन्त सबसे पहले तौलिए को दोनों बगल में से लेकर कमर तक पूरे हिस्से को लपेट देना चाहिए। हाथ तौलिए के बाहर रहे, यह नहीं भूलना चाहिए। दाहिनी ओर लटकती हुई चादर से सिर की दाहिनी ओर, दाहिना कान, हाथ व पैर पूरी तरह ढंक देने चाहिए। इसी तरह बायीं ओर सिर, कान, हाथ तथा पैर चादर के बाएँ छोर से ढंकने चाहिए। चादर लपेटने के बाद नाक तथा मुँह को छोड़कर कोई भी भाग बाहर नहीं रहना चाहिए। अब चादर के ठीक ऊपर पूरी तरह ढंकते हुए पहला कम्बल और बाद में सबसे ऊपर वाला कम्बल लपेटा जाए। इस स्थिति में रोगी को 30-45 मिनिट रखें। ठंड ज्यादा लगे तो रोगी को बगल में गर्म पानी की बॉटल रख सकते हैं। चादर लपेट की अवधि रोगी की अवस्था के अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं।
     
    लाभ : चादर लपेट के प्रयोग से रोगी विजातीय द्रव्य के जमाव से मुक्त होकर आरोग्य प्राप्त करता है।
     
     
    पेट की गर्म-ठंडा सेक : अम्लता (एसीडिटी) दूर करे
    सामग्री : एक बर्तन में गर्म पानी, दूसरे बर्तन में ठंडा पानी व दो नेपकीन।
     
    विधि : गर्म पानी के बर्तन में नेपकीन को गीला कर पेडू पर तीन मिनिट तक रखे। अब गर्म पानी का नेपकीन हटा दें। अब ठंडे पानी में गीला किया नेपकीन रखें। इस प्रकार क्रमशः तीन मिनिट गर्म व एक मिनिट ठंडा नेपकीन रखें। इस प्रक्रिया को 15 से 20 मिनिट तक करें। ध्यान रहे कि इस प्रक्रिया का प्रारंभ गर्म पानी की पट्टी से करें व क्रिया की समाप्ति ठंडे पानी की पट्टी से करें।
     
    लाभ : इस पट्टी के प्रयोग से पेडू का रक्त का संचार तेज होगा व गर्म-ठंडे के प्रयोग से आँतों का मल ढीला होकर पेडू मल के अनावश्यक भार से मुक्त हो जाएगा।
     
    सावधानी : पेट में छाले, हायपर एसिडिटी व उच्च रक्तचाप की स्थिति में इसे कदापि न करें।
     
    विशेष टीप : गर्म पानी के नेपकीन के स्थान पर गर्म पानी की बॉटल अथवा रबर की थैली का प्रयोग किया जा सकता है।
     
    साभार :-  125 स्वस्थ व निरोगी रहेने का रहस्य डॉ. जगदीश जोशी एवं सुनीता जोशी
  2. संयम स्वर्ण महोत्सव
    जुड़ो ना जोड़ो,
    जोड़ा छोड़ो जोड़ो तो,
    बेजोड़ जोड़ो।
    भावार्थ आचार्य भगवन् का यह सूत्र पूर्णतः आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है । यहाँ जुड़ो और जोड़ो से तात्पर्य अपनी आत्मा के अतिरिक्त सम्पूर्ण जड़-चेतन पदार्थों से मन-वचन-काय पूर्वक पूर्ण या आंशिक सम्बन्ध स्थापित करना है । अतः संसारी प्राणी सुख चाहता है तो उसे मन- वचन-काय से चेतन परिग्रह एवं जड़-पदार्थ, धन-सम्पदा आदि से अपनत्व भाव नहीं रखना चाहिए। अज्ञान दशा में जिन जड़-चेतन पदार्थों से ममत्व भाव रखकर सम्बन्ध स्थापित किया था, उसे पूर्णतः समाप्त कर जोड़ रहित अर्थात् समस्त परिग्रह से रहित निस्संग आत्म तत्त्व में लीन हो जाना चाहिए, जो कि अभिन्न रत्नत्रय रूप आत्मा का स्वभाव है । 
    गृहस्थों को भी एकत्रित किए गये धनादि का दान कर उससे ममत्व छोड़ना चाहिए। तभी ऐसा बेजोड़ यानि परिग्रह रहित एकत्व आत्म तत्त्व से सम्बन्ध जुड़ पाएगा । 
    - आर्यिका अकंपमति जी 
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  3. संयम स्वर्ण महोत्सव
    जुलाई १३, २०१८ 
     
    रात्रि विश्राम हवाई अड्डे के कम्युनिटी सेन्टर में होगा।  कल प्रातः 6.30 या 7.00 बजे खजुराहो में प्रवेश होगा।
     
     
    11 जुलाई 2018, 5:15 PM परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार छतरपुर से खजुराहो मार्ग पर, आज दोपहर में हुआ।
    आज रात्रि विश्राम- ब्रजपुरा स्कूल भवन (छतरपुर से 11 किमी)
    कल की आहार चर्या- बसारी ग्राम (ब्रजपुरा से 8 किमी)
    8 जुलाई, रविवार।
    आज रात्रि विश्राम- खमा गाँव (4 किमी पूर्व नोगाव से)
    कल प्रातः 7 बजे- नोगाँव में भव्य मंगल प्रवेश।
    विशेष: छतरपुर में 11 जुलाई को सुवह मंगल प्रवेश संभावित।
     
    6 जुलाई २०१८ 
    मंगल विहार जतारा से हुआ.........
    आचार्य भगवन संत शिरोमणि 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का मंगल विहार हो गया है।
    संभावित रात्रि विश्राम सिमरा में होने की संभावना है 
    कल की आहार चर्या पलेरा में होने की संभावना है।

    5 जुलाई, 4:00PM
    लिथोरा ग्राम से हुआ विहार,
    गूंज उठी तब जय जयकार ।
    12 किमी है सीतापुर ग्राम,
    यहाँ संघ करेगा रात्रि विश्राम ।।
     
    कल प्रातः होगा मंगल विहार,
    जब सूरज का होगा उजियारा।
    नगर नागरिक झूम उठेंगे,
    कल मंगल प्रवेश होगा "जतारा" ।।

    4 जुलाई 2018
    आज बॅंधा जी  से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का विहार हुआ । बम्होरी रात्रि विश्राम
    आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का विहार आज श्याम ४:२० बजे अतिशय क्षेत्र बंधा जी से बम्होरी (खजुराहो) की ओर हुआ
    आज आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम बम्होरी में होने की संभावना है 
    संभावित दिशा- बम्होरी, जतारा, छतरपुर
    आज 28 जून अभी 3 बजे परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार, टीकमगढ़ से अतिशय क्षेत्र श्री बंधा जी की ओर हुआ।
    आज रात्रि विश्राम: रामपुरा (11 किमी)
    कल की आहार चर्या: दिगौड़ा सम्भावित (रमपुरा से 13 किमी)
    आचार्यसंघ की अगवानी करेंगे मुनि संघ।
    पूज्य मुनिश्री अभय सागर जी महाराज ससंघ का बरुआ सागर से हुआ मंगल विहार। परसों 30 जून को प्रातःकाल पूज्य आचार्यसंघ की भव्य अगवानी करेंगे, पूज्य मुनिश्री अभय सागर जी ससंघ। वर्षो के अंतराल के उपरांत करेंगे गुरु दर्शन, मिलेंगे गुरुचरण।
     
     
     
    भव्य मंगल प्रवेश
    नन्दीश्वर कालोनी टीकमगढ़
    श्रीमद आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज का बालयति संघ सहित भव्य मंगल प्रवेश नन्दीश्वर जिनालय टीकमगढ़ में आज 28 जून गुरुवार को प्रातः वेला में हुआ।  गत वर्ष नन्दीश्वर कालोनी में आर्यिका माँ विज्ञानमती माता जी ससंघ वर्षायोग सम्पन्न हुआ था। आर्यिका संघ के सानिध्य में त्रिकाल चौवीसी जिनालय का भूमिपूजन किया गया था।
     

     
    विद्या गुरु का मंगल विहार संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का अभी अभी ६.४० मिनट पर अतिशय क्षेत्र पपौरा जी से टीकमगढ़ के लिए हुए मंगल विहार आहरचार्य टीकमगढ़ संभावित
     

  4. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आगे की सुचना देखने के लिए यहाँ पर क्लिक करें
     
     
    पूज्य आचार्य भगवन ससंघ का हुआ मंगल विहार।

    आज 28 जून अभी 3 बजे परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार, टीकमगढ़ से अतिशय क्षेत्र श्री बंधा जी की ओर हुआ।
    ◆ आज रात्रि विश्राम: रमपुरा (11 किमी)
    ◆ कल की आहार चर्या: दिगौड़ा सम्भावित (रमपुरा से 13 किमी)
    ■ आचार्यसंघ की अगवानी करेंगे मुनि संघ।
    पूज्य मुनिश्री अभय सागर जी महाराज ससंघ का बरुआ सागर से हुआ मंगल विहार। परसों 30 जून को प्रातःकाल पूज्य आचार्यसंघ की भव्य अगवानी करेंगे, पूज्य मुनिश्री अभय सागर जी ससंघ। वर्षो के अंतराल के उपरांत करेंगे गुरु दर्शन, मिलेंगे गुरुचरण।
     
     
     
    भव्य मंगल प्रवेश
    नन्दीश्वर कालोनी टीकमगढ़

             ???
    श्रीमद आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज का बालयति संघ सहित भव्य मंगल प्रवेश नन्दीश्वर जिनालय टीकमगढ़ में आज 28 जून गुरुवार को प्रातः वेला में हुआ । 
           गत वर्ष नन्दीश्वर कालोनी में आर्यिका माँ विज्ञानमती माता जी ससंघ वर्षायोग सम्पन्न हुआ था। आर्यिका संघ के सानिध्य में त्रिकाल चौवीसी जिनालय का भूमिपूजन किया गया था।
     


    ????????
     
     
    ?विद्या गुरु का मंगल विहार?
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का अभी अभी ६.४० मिनट पर अतिशय क्षेत्र पपौरा जी से टीकमगढ़ के लिए हुए मंगल विहार
    आहरचार्य ??टीकमगढ़ संभावित

     
  5. संयम स्वर्ण महोत्सव
    परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के दीक्षा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी दीक्षा स्थली अजमेर में परम पूज्य मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं प्रेरणा से संस्थापित 71 फुट ऊंचा भव्य कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण हुआ |
     
    जैन समाज के श्रेष्ठी पाटनी परिवार (आर के मार्बल्स समूह) को इस कीर्ति स्तम्भ के पुण्यार्जन का लाभ मिला ।
     
     

     
    कीर्ति स्तम्भ के साथ अन्य  लोकार्पण: 
    बड़ा दड़ा संयम स्वर्ण भवन का भी लोकार्पण हुआ  डाक टिकिट हुआ जारी   आचार्य श्री के हायकू एवं विचारों पर विशेष डायरी   
    इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को आप यहाँ देख सकते हैं :
     
     
     
    समाज में आरके मार्बल जैसे परिवार की जरुरत-जैन मुनि सुधासागर। नारेली तीर्थ का मुख्य द्वारा आचार्य विद्यासागर महाराज के नाम से बनेगा। स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा जीवन चरित्र 30 जून को अजमेर के महावीर सर्किल के निकट पंचायत बड़ धड़ा की नसिया के परिसर में आचार्य विद्यासागर महाराज के 71 फिट ऊंचे कीर्ति स्तंभ का लोेकार्पण जैन मुनि सुधासागर महाराज ने किया। इसी स्थान पर 50 वर्ष पूर्व आज के दिन ही बालक विद्यासागर ने आचार्य ज्ञान सागर महाराज से दीक्षा ग्रहण की थी। इस स्तंभ पर कोई 2 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। कीर्ति स्तंभ का सम्पूर्ण निर्माण कार्य आरके मार्बल और वंडर सीमेंट के मालिक अशोक पाटनी की ओर से करवाया गया है। इसलिए लोकार्पण समारोह में पाटनी परिवार के सदस्यों का अभिनंदन भी किया गया। सुधासागर महाराज ने कहा कि पैसा तो बहुत लोगों के पास होता है। लेकिन ऐसे लोग कम होते हैं जो धर्म के कार्यों पर खर्च करते है। आचार्य विद्या सागर महाराज के कीर्ति स्तंभ का निर्माण कर अशोक पाटनी ने अजमेर के धार्मिक महत्व को और बढ़ाया है। आज समाज में पाटनी परिवार जैसों की जरुरत है। अशोक पाटनी ने बिना कहे कीर्ति स्तंभ का निर्माण कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। अब अजमेर आने वाले लोग इस कीर्ति स्तंभ का अवलोकन भी करेंगे। इस अवसर पर पाटनी का कहना रहा कि मैं आज जो कुछ भी हंू उसके पीछे आचार्य विद्यासागर महाराज और जैन मुनि सुधासागर महाराज का आशीर्वाद है।
     
    नारेली तीर्थ का द्वारः  समारोह में अजमेर प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने घोषणा की कि नारेली तीर्थ स्थल का मुख्य द्वार आचार्य विद्या सागर महाराज के नाम पर बनाया जाएगा। द्वार के निर्माण का कार्य प्राधिकरण करेगा। वहीं स्कूली शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि अगले शिक्षा सत्र में आचार्य विद्यासागर महाराज की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
    (एस.पी.मित्तल) (30-06-18)
     

     
  6. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ज्ञानसागर जी की ज्ञानसाधना प्रतियोगिता
    दिनांक 1 जुलाई 2018
     
    स्वाध्याय करे

    ज्ञानसागर जी ज्ञानसाधना प्रतियोगिता प्रारंभ
    https://vidyasagar.guru/pratiyogita/gyansadhna/
     
     
    इस प्रतियोगिता में आप 3 जुलाई तक भाग ले सकते हैं 
     
  7. संयम स्वर्ण महोत्सव
    तेरी दो आँखें,
    तेरी ओर हज़ार,
    सतर्क हो जा |
     
    भावार्थ - लौकिक शिक्षा के साथ पारलौकिक सुख की प्राप्ति का उपाय बताते हुए आचार्य महाराज कह रहे हैं कि हे प्राणी ! जगत् की परीक्षा अथवा समीक्षा या आलोचना करने के लिए तेरे पास केवल दो आँखें हैं लेकिन तेरी परीक्षा या समीक्षा या आलोचना की दृष्टि से जगत् में हजारों आँखें तेरी ओर देख रही हैं इसलिए सर्वजन हिताय की भावना से और कर्मबंध से बचने के लिए कायिक और वाचनिक क्रियाओं में सावधानी रखते हुए मानसिक विचारों से भी बचें। 
    - आर्यिका अकंपमति जी 
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  8. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आज  छोटे बाबा का हुआ  पिच्छी परिवर्तन  पपौरा जी मे प्रतिभामंडल की दीदी समूह को मिला गुरु की पिच्छी परविर्तन करने का सौभाग्य
     

     
     
     
     
  9. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ⛳ संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ससंघ का  अतिशय क्षेत्र पपौरा जी में  हुआ भव्य मंगल प्रवेश⛳
     
    mangal pravesh.mp4
    पूज्य आचार्यश्री जी विहार अपडेट
              18 अप्रैल, अपरान्ह काल
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का बड़ागाँव से हुआ, मंगल विहार.....!!
    ■ आज रात्रि विश्राम- अमरपुर (5.5 किमी)
    ■ कल की आहारचर्या- समर्रा ग्राम (अमरपुर से 6 किमी) सम्भावित।
    ◆÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷◆
     विशेष- 20 अप्रैल को प्रातःकाल 7:30 बजे पूज्य आचार्यसंघ का, अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी मे भव्य मंगल प्रवेश।
     
     
     
    ■ 17 अप्रैल, मंगलवार।
    ◆ परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की आज प्रातः घुवारा में भव्य अगवानी हुई। अगवानी की वन्दनीय आर्यिकाश्री प्रशन्नमती माताजी एवम आर्यिकाश्री गरिमा मति माताजी ससंघ ने एवम घुवारा तथा वाहर से पधारे सेकड़ो भक्तो ने।
    ◆ पूज्य आचार्यसंघ की आहार चर्या घुवारा में सम्पन्न हुई।
    ◆ आज दोपहर बाद पूज्य आचार्यसंघ का मंगल विहार हुआ।
    ◆ आज का रात्रि विश्राम घुवारा से 8 किमी दूर ग्राम में होगा।
    ◆ कल की आहार चर्या- बड़ागाँव मे होगी।
     
     
     
    ।। आचार्यश्री की मंगल विहार अपडेट ।।
    16 अप्रैल, सोमवार।
    अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर बढ़ते कदम।

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ-
    ◆ आज रात्रि विश्राम- दलीपुर ग्राम 11 किमी ।
    ◆ कल की संभावित आहार चर्या- घुवारा।
    अब एक बड़ा सवाल, सभी के मन मे ? आचार्य भगवन का पपौरा जी मे मंगल प्रवेश कब होगा?
    हमे लगता है, 18 अप्रैल को होगा भव्य मंगल प्रवेश।
    बाकी गुरुवर के मन की कौन जाने ?
     
     
    पूज्य गुरुदेव का हुआ मंगल विहार
    ■ 15 अप्रैल, रविवार।
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का चल रहा मंगल विहार। कदम बड़े अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- ग्राम गढ़ोही।
    ◆ कल आहार चर्या : हीरापुर।
     
    12 अप्रैल
    पूज्य गुरुदेव का हुआ मंगल विहार दमोह से

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का दमोह से मंगल विहार आज दोपहर की बेला में हुआ। अब कदम बड़े अतिशय क्षेत्र श्री पपौरा जी की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- ग्राम उमरी
    ◆ कल आहार चर्या : नरसिंहगढ़।
    【  बड़े दिनों से प्रतीक्षारत दमोह समाज उदास, केवल कुछ घण्टे का ही मिला सानिध्य। सायद पूज्य गुरुदेव को निर्धारित समय पर ही पपौरा जी पहुचने का लक्ष्य। मौसम भी चल रहा अनुकूल】
     
     
    12 अप्रैल
     हुआ भव्य मंगल प्रवेश दमोह नगरी में।

    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का प्रातःकालीन विहार आज बड़ी लम्बी दूरी का चला। पहले दमोह से 4 किमी दूर आहार चर्या की योजना बनी थी, फिर आज प्रातः योजना में बदलाव कर, सागर नाका दमोह में आहार चर्या की योजना बनी। बाद में पूज्य गुरुदेव के कदम लगातार दमोह सिटी में बढ़ते ही चले गए और नन्हे मन्दिर जी पहुचकर ही कदमो को विराम दिया और इसी मन्दिर से ही आहारचर्या के लिए निकले।
    ◆ आज पूज्य गुरुदेव को पड़गाहन कर आहारदान का सौभाग्य प्राप्त किया  ब्र. श्री स्वतंत्र भैया दमोह को। उनके पुण्य की अनुमोदना।
     
     
    पूज्य गुरुदेव के बढ़ते कदम..!!
    11 अप्रैल, बुधवार।

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार- 
    ◆ आज का रात्रि विश्राम- लखनपुरा (8 किमी)
    ◆ कल की आहार चर्या- मरुताल (9 किमी) दमोह यहाँ से मात्र 4 किमी
     
     
    आज १०/०४/२०१८ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या जबेरा में सम्पन्न हुई।
    ?
    आज १०/०४/२०१८ आचार्यश्री ससंघ का रात्रि विश्राम कलहरा (जबेरा से ६.५ km) में हो रहा है।
    ?
    कल ११/०४/२०१८ को आचार्यश्री ससंघ की आहार चर्या नोहटा में होने की सम्भावना है (कलहरा से ११.५ km)
     
     
     
    *पूज्य गुरुदेव के बढ़ते कदम..!!*
    8 अप्रैल, रविवार।
    *_परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार-_* 
    ◆ *आज का रात्रि विश्राम-* जमुनिया ग्राम (कटंगी से 7 किमी)
    ◆ *कल की आहार चर्या-* सिंगरामपुर। (जमुनिया से 8 किमी)
    ◆ *10 और 11अप्रैल को जवेरा और नोहटा बालों का जागेगा पुण्य। संभावित आहार चर्या।*
     
     
    अनियत विहारी गुरुदेब का मंगल विहार
    7 अप्रैल, शनिवार।
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार- 
    आज 7 अप्रैल को प्रातः लगभग 6 बजे शिवनगर से मंगल विहार हुआ।
    ◆ आज की आहारचर्या- बेलखाडू ग्राम।
    ◆ आज दोपहर बाद, मंगल विहार, लगभग 9 किमी पर रात्रि विश्राम।
    ◆ कल 8 अप्रैल को कटंगी बालों का जागेगा पुण्य। होगी आहार चर्या।
    साभार: ब्र श्री सुनील भैया, इन्दोर।
     
     
    ।। आचार्यश्री जी का मंगल विहार अपडेट।।
     5 अप्रैल, गुरुवार

    पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार चल रहा, जबलपुर की ओर।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- पिपरिया-उमरिया गांव
    ◆ कल की आहार चर्या- रांझी (जबलपुर)
    ◆ यदि विहार हुआ तो कल का संभावित रात्रि विश्राम- शिवनगर जबलपुर।

     
     
    2 अप्रैल, सोमवार, संध्याकाल

    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ का मंगल विहार, आज शहपुरा(डिण्डोरी) से हुआ।
    ◆ आज रात्रि विश्राम- खुरइया ग्राम।
    ◆ कल की आहारचर्या- देवरी में संभावित।
    ◆ आगामी संभावित दिशा-
    कुण्डम (24 किमी), रांझी होकर जबलपुर (कुंडम से 45 किमी)
     
     
    परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का होने जा रहा मंगल विहार, डिण्डोरी से जबलपुर मार्ग पर।
    ● आज का रात्रि विश्राम- नवोदय विद्यालय (9 किमी)
    साभार सूचना- ब्र.श्री सुनील भैया जी, इन्दोर
     
  10. संयम स्वर्ण महोत्सव
    18 नवम्बर २०१७
    रात्रि विश्राम  मुरमुंदा  8.5 km
    कल  सुबह चंद्रगिरी प्रवेश
     
    17 नवम्बर २०१७ 
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का ससंघ मंगलविहार आज (दोप.1.35) डोंगरगढ़ की ओर हो गया है 19 नवंबर को सुबह भव्य अगवानी डोंगरगढ़ में होगी।     
    रात्रि विश्राम गिरगांव में (7 Km)
    कल सुबह 11.8 पर कोलिहापुरी
    NH पर टप्पा के पास आहार 
     
    4 नवम्बर २०१७ 
    शनिवार सुबह 6 बजे अरसीटोला से विहार
    शनिवार की सुबह डोंगरगांव में मंगल प्रवेश
     
    3 नवम्बर २०१७ 
    रात्रि विश्राम  सांय   अरसीतौला 11कि मी आये
    सुबह 12कि मी डोंगरगांव में प्रवेश
     
     
    1 नवम्बर २०१७ , 2:३० P.M
    आज रात्रि विश्राम  8 किमी चैक पोस्ट छ.ग.और महा .की सीमा
    कल सुबह आहारचर्या   12.5 कि मी आहार घोरतालाब
     
    31 अक्टूबर २०१७  2 P.M
    आज रात्रि विश्राम    मीताराम स्कूल  डोंगरगांव  10कि मी
    कल सुबह आहारचर्या      13.8  श्रीमहावीर जिन मंदिर देवरी
     
    30 अक्टूबर २०१७ ६ :०० P.M
    सौंदर्य में रात्रि विश्राम
    कल सुबह 12 कि.मी.आहार कोहमारा
     
     
    29 अक्टूबर 2017, रविवार 
    आहारचर्या - समर्थ महाविद्यालय, लाखनी में संपन्न
    सामायिक- लाखनी में
    विहार- दोपहर २:३० बजेः  आचार्य श्री का लाखनी से विहार  |
    रात्रि विश्राम-लाखनी से 9 किमी पर रात्रि विश्राम आज मुडीपार में,   कल सुबह आहार चर्या  10 कि.मी. साकोली,  पटेल विद्यालय में संभावित.
     
     
    28 अक्टूबर 2017, शनिवार -  
    आहारचर्या- पांडव कॉलेज , भिल्लेवाडा ( भंडारा साकोली रोड)
    सामायिक-
    रात्रि विश्राम-
     
    27 अक्टूबर 2017,शुक्रवार
    आज रात्रि विश्राम - तवेपार (भंडारा से 6 किमी रामटेक रोड पर)
     
     
    26 अक्टूबर, 17:00
    ■आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ कीआज रात्रि विश्राम स्थली- धर्मापुर ग्राम
    ● भंडारा - दूरी लगभग 20 किमी।
    ● डोंगरगांव- दूरी 145 किमी लगभग।
    संभावित दिशा- छत्तीसगढ़ के तरफ बढ़ते कदम।
     
     
    26 अक्टूबर, 8:32 AM

    *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ की संभावित आहार चर्या- भंडारा रोड आरोली*
    *संभावित दिशा- छत्तीसगढ़ के तरफ बढ़ते कदम।*
     
    अक्टूबर 25, 2017
    आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम ग्राम खिंडसी में हो रहा है |
     
    अक्टूबर 25, 2017
     
    अनियत विहारी
    आज परम पूज्य सन्त शिरोमणी आचार्य श्री 108  विद्या सागर जी महाराज ससंघ का रामटेक से विहार हो गया है |  आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम  ग्राम खिंडसी  मे होगा
     
    पिच्छिका परिवर्तन मात्र 25 मिनिट में सम्पन्न
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन मात्र 25 मिनिट में सम्पन्न हो गया। गुरुजी के मंच पर विराजमान होते ही बिना औपचारिकता के सीधे पिच्छिका का परिवर्तन प्रारम्भ हो गया। जबकि पिच्छिका परिवर्तन के संकेत भी सुबह 10 बजे ही प्राप्त हुए थे। कार्यक्रम सम्पन्न होते ही पूज्य गुरुदेव ने रामटेक से विहार कर दिया। लोग आश्चर्यचकित रह गये क्योंकि शारीरिक अस्वस्थता के कारण विहार की संभावना नहीं थी। आचार्य संघ का विहार बिना किसी पूर्व सूचना होता है और अचानक हुए विहार में भी हज़ारों श्रावक गुरू जी साथ विहार करते हुए खिंडसी पहुँचे |  आचार्य श्री का आज रात्रि विश्राम ग्राम खिंडसी में हो रहा है, ऐसी सूचना प्राप्त हुई है | 
     

  11. संयम स्वर्ण महोत्सव
    विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {21 नवंबर 2017}
     
    चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा की बिम्ब और प्रतिबिम्ब में अंतर होता है। बिम्ब किसी वस्तु का स्वाभाव व उसके गुण आदि होते हैं परन्तु उसका प्रतिबिम्ब अलग – अलग हो सकता है यह देखने वाले की दृष्टि पर निर्भर करता है की वह उस बिम्ब में क्या देखना चाह रहा है। यदि सामने कोई बिम्ब है और उसे दस लोग देख रहे होंगे तो सबके विचार उस प्रतिबिम्ब के प्रति अलग – अलग हो सकते हैं। किसी को कोई चीज अच्छी लगती है तो वही चीज किसी और को बुरी लग सकती है परन्तु इससे उस बिम्ब के स्वाभाव में कोई फर्क नहीं पड़ता है। जैसी आपकी मानसिकता और विचार उस बिम्ब के प्रति होंगे वैसा ही प्रतिबिम्ब आपको परिलक्षित होगा।
    यदि आप शान्ति चाहते हो तो दिमाग को कुछ समय के लिए खाली छोड़ दो उसका बिलकुल भी उपयोग मत करो कुछ भी मत सोचो आपको कुछ ही समय में शान्ति की अनुभूति होने लगेगी परन्तु शान्ति को कोई बाज़ार से नहीं खरीद सकता और न ही उसे कोई छू सकता है उसे केवल महसुस किया जा सकता है।
    मन + चला = मनचला अर्थात मन चलायमान होता है उसे वश में करना, एकाग्र करना बहुत कठिन काम है। इसके लिये काफी प्रयास की आवश्यकता होती है। यदि आपने अपनी इन्द्रियों को वश में कर लिया तो आप अपने मन को भी अपने वश में (Control में) कर सकते हो जिससे आपको कभी लोभ नहीं होगा और आप हमेशा संतुष्ट और प्रसन्न रह सकते हैं और अपनी मंजिल और लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
    यह जानकारी चंद्रगिरि डोंगरगढ़ से निशांत जैन (निशु) ने दी है।
  12. संयम स्वर्ण महोत्सव
    २३ जून २०१८, कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका. 
    लगभग ४५० लोगों ने कार्यक्रम में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराईऔर सभी का उत्साह देखते बना 
    आचार्यश्री के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र(डॉक्यूमेंटरी फिल्म) ने सबका मन मोह लिया! बच्चों का नाटक "विद्याधार से विद्यासागर" हिंदी भाषा में किया गया, उन बच्चों द्वारा जो सिर्फ अंग्रेजी ही जानते हैं  और हिंदी पढ़ भी नहीं पाते!
    आचार्य श्री के चित्र और विभिन्न प्रकल्प  की झांकी लगायी गई | महिलाओं का नृत्य और गरबा भी हुआ
    शुद्ध भोजन, चाय और शाम के भोजन की पूरी व्यवस्था स्वयंसेवकों  ने ही  की,  बाजार से कुछ भी नहीं मंगाया गया|
     
    कार्यक्रम विवरण 
     
    पूजन और अभिषक - ८ से १० बजे तक  नाश्ता - १० से १०:३०  भोजन - १२ से १:३०  सांस्कृतिक कार्यक्रम - १:३० से ५:३०  रास गरबा - ५:३० से ६:३०  सूर्यास्त के पहले शाम का भोजन - ६:३०- से ७:३०  
     
    कार्यक्रम झलकियाँ
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
  13. संयम स्वर्ण महोत्सव
    समाधि संपन्न 
    खजुराहो, 
    पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर महाराज  ससंघ  के सानिध्य एवं निर्देशन में दस प्रतिमाधारी जयसुख भाई वसानी (C.A). मुंबई निवासी की सल्लेखना अनंत चौदस 23/9/18 को सानंद संपन्न हुई | वे ७८ वर्ष के थे | विगत २० वर्षों से व्रती जीवन निर्वाह करते हुए 16 जल उपवास व 6 उपवास (अंत समय बेला)| के साथ यह मृत्यु महोत्सव को उत्साह पूर्वक पूर्ण किया |
     
     
     
     
     
     





  14. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संघर्ष में भी,
    चंदन सम सदा,
    सुगन्धि बाटूँ।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  15. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के परम शिष्य मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज खजुराहो में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान के चरणों में गुरु आशीष से 36 घंटे के प्रतिमायोग (ध्यान के अभ्यास) में है । मुनि श्री 7 सितंबर को शाम 6:00 बजे से बैठे हैं ।
     

     
  16. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संदेह होगा,
    देह है तो, देहाती !
    विदेह हो जा |
     
    भावार्थ - देह का अर्थ शरीर है और केवली भगवान् ने औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्मण; ये पाँच प्रकार के शरीर बताये हैं जो संसार भ्रमण के मुख्य कारण हैं । पौद्गलिक और पर-रूप शरीर में अपनत्व मानकर जीव स्वयं के वास्तविक स्वभाव को भूल जाता है । उसे अपने सत्यार्थ स्वरूप पर भी संदेह होने लगता है । अतः वह शरीरगत अनेक प्रपंचों में फँसकर गहनतम दुःखों से जूझता है । ऐसी देह में निवास करने वाले देहवान आत्मा को आचार्य देहाती का सम्बोधन करते हुए समझा रहे हैं कि हे देहाती ! देह का छोड़ने के उपायभूत रत्नत्रय की आराधना कर ताकि पर पदार्थों से अत्यन्त भिन्न निर्मल आत्मस्वरूप को प्राप्त कर चिरकाल तक स्वाश्रित सुख में निमग्न हो सके । 
    - आर्यिका अकंपमति जी 
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?  
  17. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आत्मान्वेषी संस्मरण प्रतियोगिता 
    दिनांक 2 जुलाई 2018
    स्वाध्याय करे : आचार्य श्री > संस्मरण > आत्मान्वेषी 
    प्रतियोगिता का लिंक
    https://vidyasagar.guru/pratiyogita/aatmanveshi-pratiyogita/
    आप इस प्रतिओयोगिता में 4 जुलाई तक भाग ले सकेंगे 
     
     
  18. संयम स्वर्ण महोत्सव
    20 जुलाई 18
    खजुराहो । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जहां प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से मप्र की जनता का आशीर्वाद लेने में इन दिनों लगे हुए है। वहीं उन्हें अब एक नई जिम्मेदारी मिल गई है। लेकिन, वह जनता के आशीर्वाद से नहीं बल्कि गुरू के आशीर्वाद है। जी हां, गुरू की शरण में पहुंचे शिवराज को जो जिम्मेदारी मिली है, उससे शिवराज भी खुश है। दरअसल, सतना दौरे से लौटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ रात में खजुराहो पहुंचे। जहां रात्रि विश्राम भी उन्होंने किया।
     
    इसके बाद शुक्रवार की सुबह वह यहां विराजमान जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने पहुंचे थे। जहां आचार्यश्री के चरणों में जाकर जब शिवराज ने पुन: मध्यप्रदेश की जनता की सेवा करने का आशीर्वाद मांगा तो आचार्यश्री मुस्कराने लगते है। भरे कार्यक्रम के बीच आचार्य कहते है कि शिवराज अब आप सिर्फ मध्यप्रदेश नहीं, बल्कि भारत की १२१ करोड़ जनता के बारे में सोचना शुरू कर दीजिए।
     
    *कार्यक्रम के दौरान पहुंचे थे मुख्यमंत्री*
    खजुराहो से मिली जानकारी के अनुसार खजुराहो में जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को सुबह मुख्यमंत्री पहुंचे थे। जहां उन्होंने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों का प्रच्छालन किया। साथ ही मध्यप्रदेश की उन्नति और खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। शिवराज सिंह को खजुराहो प्रबंध समिति ने मंच पर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मप्र शासन की राज्यमंत्री ललिता यादव भी मुख्यमंत्री के साथ थी। मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पर 30 मिनट तक रुकने के बाद सीधे खजुराहो विमानतल के लिए रवाना हो गए। यहां से वे भोपाल के चले गए।    

    आज प्रातः पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज को मप्र के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान सहित अतिशय क्षेत्र खजुराहो सम्पूर्ण कमेटी ने श्रीफल समर्पित कर  खजुराहो में वर्षायोग हेतु आशीर्वाद माँगा, पूज्य आचार्य भगवन ने आशीर्वाद प्रदान किया। एक तरह से अब आचार्यश्री ससंघ का चातुर्मास खजुराहो में होना निश्चित हो गया है। इससे देश भर की समाज में उत्साह और हर्ष की लहर छा गई।
     
    संघस्थ बाल ब्र. सुनील भैया ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने आज पूज्य आचार्यश्री जी के समक्ष मंच से घोषणा भी की, कि मप्र शासन द्वारा दिया जाने जीव दया सम्मान, आगामी अगस्त माह में ही आचार्यश्री जी के पावन सान्निध्य में खजुराहो में ही प्रदान किया जाएगा । ज्ञातव्य है कि पूज्य आचार्यश्री जी की प्रेरणा एवम् आशीर्वाद से ही जीव दया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु यह पुरस्कार मप्र शासन द्वारा घोषित किया गया है।
     
    अब 29 जुलाई को आयोजित होने बाले कलश स्थापना की तैयारियों की गति तेज़ हो गई है।

    समाचार एजेंसियां एवं अनिल जैन बड़कुल, ए बी जैन न्यूज़
  19. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ईंट और मिट्टी चूने आदिक से बना न घर होता।
    वह तो विश्राम स्थल केवल जहाँ कि तनुधारी सोता॥
     
    किन्तु स्त्रीसुत पितादिमय कौटाम्बिक जीवन ही घर है।
    इसमें मूल थम्भ नर नारी वह जिन के आधार रहें ॥८९॥
     
    कल्पवृक्ष की तुल्य घर बना जिस का तना वना नर है।
    नारी जिस की छाया आदिक जिसके ये सुफलादिक है॥
    नारी का हृदयेश्वर नर तो वह भी उसका हृदय रहे।
    वह उसको सर्वस्व और वह उसको जीवन सार कहे॥९०॥
     
    वह उसके हित प्राण तजे तो वह उसका हित चिन्तक हो।
    दोनों का हो एक चित्त स्वप्न में भी विद्रोह न हो।
    प्रशस्यता सम्पादक नर हो मदिर और नारीशम्पा।
    जहाँ विश्व के लिए स्फुरित होती हो दिल में अनुकंपा ॥९१॥
     
    लक्ष्मी किसी भांति भामिनी सदा अतिथि सत्कार करे।
    माधव तुल्य मनुष्य शरण आये के संकट सभी हरे॥
    न दीन होकर रहे मनुज मुक्ता मयता को अपनावे।
    सानुकूलता से सरिता ज्यों जनी सरसता दिखलावे ॥९२॥
  20. संयम स्वर्ण महोत्सव
    रोगी की नहीं,
    रोग की चिकित्सा हो,
    अन्यथा भोगो।
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  21. संयम स्वर्ण महोत्सव
    उत्तर whatspp पर दे - यहाँ नहीं लिखें - वेबसाइट से पढ़ के उत्तर दे - नकल न करें 
    दी हुई HINT - संकेत को पढ़े 
     

  22. संयम स्वर्ण महोत्सव
    जैन पाठशाला प्रतियोगिता 
    दिनांक 4 जुलाई 2018
     
    स्वाध्याय करे : जैन धर्म परिचय>जैन पाठशाला
    स्वाध्याय का लिंक
    https://vidyasagar.guru/paathshala/
     
     
    आप इस प्रतिओयोगिता में 6 जुलाई तक भाग ले सकेंगे

    प्रतियोगिता प्रारंभ
    https://vidyasagar.guru/pratiyogita/pathshala/
     
  23. संयम स्वर्ण महोत्सव
    रजनी जी को पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया जा रहा है आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संचालित हथकरघा द्वारा निर्मित श्रमदान ब्राण्ड का 100% सूती डबल बेड चादर |
    अंकिता जी के लिए हम भेज रहे हैं 10 $ Amazon GIFT Card.
    आपको आपके उपहार आपसे संपर्क कर के शीघ्र भेजे जायेंगे |
    सभी Twitter और Facebook पर विजेताओं को बधाई दे |
     
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