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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संयम स्वर्ण महोत्सव

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Blog Entries posted by संयम स्वर्ण महोत्सव

  1. संयम स्वर्ण महोत्सव
    समाधि संपन्न 
    खजुराहो, 
    पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर महाराज  ससंघ  के सानिध्य एवं निर्देशन में दस प्रतिमाधारी जयसुख भाई वसानी (C.A). मुंबई निवासी की सल्लेखना अनंत चौदस 23/9/18 को सानंद संपन्न हुई | वे ७८ वर्ष के थे | विगत २० वर्षों से व्रती जीवन निर्वाह करते हुए 16 जल उपवास व 6 उपवास (अंत समय बेला)| के साथ यह मृत्यु महोत्सव को उत्साह पूर्वक पूर्ण किया |
     
     
     
     
     
     





  2. संयम स्वर्ण महोत्सव
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    वात्सल्य अंग का प्रभाव आचार्यश्री खजुराहो, 22 सितम्बर दयोदय महासंघ के लोगों ने हमारे सामने एक चित्र रखा था इस चित्र को देख कर हम तो गदगद हो गए। इस चित्र में एक गैया है उसके बड़े बड़े सींग है यह गाय एक घर के सामने कुछ खाने पीने के लिये सीढियों तक चली गई थी। उसी समय उस घर का एक छोटा सा नादान यथाजत बालक आकर उस गाय के दोनो सींग के बीच मे बिना डरे लेट जाता है और गाय भी उसे वात्सल्य देती है। आप लोग इतनी सहजता से वह चित्र देख लेते तो मालूम पड़ जाता कि गोवत्स क्या होता है आप इस चित्र को देख लीजिये ऐसा ही सौहार्दिक प्रेम वात्सल्य सभी साधर्मियों के प्रति हो जाए तो फिर स्वर्ग धरती पर उतर आ जाए यह वात्सल्य अंग का प्रभाव है
     
     
     
    प्रस्तुति : राजेश जैन भिलाई
    www.Vidyasagar.Guru
     
     
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  3. संयम स्वर्ण महोत्सव
    राष्ट्रहित चिंतक आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में होगा एक अभूतपूर्व अश्रुतपूर्व कार्यक्रम 
    जरा याद करो कुर्बानी
     
    इस कार्यक्रम में अमर बलिदानी शहीद परिवारों के वर्तमान वंशजों को आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में "स्वराज सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा इस कार्यक्रम में निम्नलिखित शहीद परिवारों ने शामिल होने की स्वीकृति प्रदान की है -
     
    राणा प्रताप रानी लक्ष्मी बाई मंगल पांडे नाना साहिब तात्या टोपे बहादुर शाह जफर भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद सुखदेव राजगुरु अशफाक उल्ला खान सदाशिवराव मलकापुर कर श्रीकृष्ण सरल सुभाष चंद्र बोस के अंगरक्षक कर्नल मोहम्मद निजामुद्दीन
    इत्यादि 【21 अक्टूबर 1934- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना सिंगापुर में की थी।】
    आजादी मिलने के बाद आजादी के दीवानों का मेला जरा याद करो कुर्बानी 21 अक्टूबर 2018 दिन रविवार दोपहर 1:45 खजुराहो, मध्य प्रदेश |
    आयोजक - चातुर्मास समिति एवं सकल दिगंबर जैन समाज
  4. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के परम शिष्य मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज खजुराहो में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान के चरणों में गुरु आशीष से 36 घंटे के प्रतिमायोग (ध्यान के अभ्यास) में है । मुनि श्री 7 सितंबर को शाम 6:00 बजे से बैठे हैं ।
     

     
  5. संयम स्वर्ण महोत्सव
    संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव वर्ष के अंतर्गत देश-विदेश में हुए मुख्य कार्यक्रमों को श्री विद्यासागर कार्मिक जगत समाचार पत्र द्वारा 20 पृष्ठीय बहुरंगीय विशेषांक में प्रकाशित किया गया है।
     

  6. संयम स्वर्ण महोत्सव
    कब और क्यों,
    जहाँ से निकला सो,
    स्मृति में लाओ |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  7. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ज्ञान सदृश,
    आस्था भी भीती से सो,
    कंपती नहीं |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  8. संयम स्वर्ण महोत्सव
    दवा तो दवा,
    कटु या मीठी जब,
    आरोग्य पान |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  9. संयम स्वर्ण महोत्सव
    दायित्व भार,
    कंधो पर आते ही,
    शक्ति आ जाती |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  10. संयम स्वर्ण महोत्सव
    सामायिक में,
    करना कुछ नहीं,
    शांत बैठना |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  11. संयम स्वर्ण महोत्सव
    डूबना ध्यान,
    तैरना सामायिक,
    डूबो तो जानो |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  12. संयम स्वर्ण महोत्सव
    *परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* 
               के ससंघ सानिध्य में
         *चार दिवसीय भव्य कार्यक्रम* 
                     14 अगस्त 
            24 मुनिराजों का दीक्षा दिवस 
           
    15 अगस्त  -   स्वतंत्रता दिवस 
    16 अगस्त  - 25 मुनिराजो  का दीक्षा    
                             दिवस  
    17 अगस्त - मुकुट सप्तमी निर्वाण लाडू
                     एवं भगवान पार्श्वनाथ मोक्ष
                      कल्याणक महोत्सव 
    निवेदक -- श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र  प्रबंध समिति खजुराहो जिला छतरपुर
  13. संयम स्वर्ण महोत्सव
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संयम सवर्ण महोत्सव पर आयोजित 
    नि:शुल्क चिकित्सा शिविर 
     


    योग, प्राणायाम, जड़ी बूटी का काढ़ा, एक्यूप्रेशर से तुरन्त इलाज 
    ४ व ५ अगस्त २०१८ 
    शनिवार, रविवार प्रात: ७ बजे से 
    जैन मंदिर, खजुराहो (म.प्र.)
    डॉ. नवीन जैन जबलपुर,  डॉ. आशीष जी दिल्ली, डॉ.पारस भोपाल, डॉ. सुरेन्द्र टीकमगढ़, डॉ. शान्तिकांत मुंबई, डॉ. सुभाष उड़ीसा
    संपर्क सूत्र - 9837636708, 9425342180, 9827359275
    आयोजक - प्रबंध समिति दि. जैन अतिशय क्षेत्र व् जैन समाज खजुराहो
  14. संयम स्वर्ण महोत्सव
    ऐतिहासिक  मंगल कलश स्थापना से चातुर्मास शुरू
    सम्यकज्ञान, सम्यक चारित्र और दान आपके साथ रहेगा - आचार्य विद्यासागर
    छतरपुर । आध्यात्म एवं पर्यटन नगरी खजुराहो में आचार्य विद्यासागर जी महाराज का आज से चातुर्मास प्रारंभ हुआ। कलशस्थापना समारोह में  देश-विदेश से भारी संख्या में उनके अनुयायी यों  ने पर्यटन नगरी खजुराहो पहुंचकर उनका आर्शीवाद लिया। जिला कलेक्टर रमेश भंडारी और उनकी पत्नी ने भी इस मौके पर पहुंचकर आचार्य विद्यासागर जी के चरण पखारे और आर्शीवाद प्राप्त किया। इस मौके पर कलशस्थापना भी की गयी। आज के इस कार्यक्रम में भारी संख्या में जैन समाज सहित अन्य धर्मो के लोग भी शामिल हुए। कलश स्थापना के इस कार्यक्रम का संचालन और निर्देशन बा.ब्र. सुनील भैया अनन्तपुरा वालों द्वारा किया गया। 
    रविवार को दोपहर २ बजे से से तीन प्रकार के कलशों के माध्यम से समाज के श्रावकगण   चातुर्मास की कलश स्थापना हर्सोल्लास के साथ की गयी। प्रथम कलश यानि सबसे बड़े 9 कलश स्थापित किये गये ,मध्यम 27 कलश और सबसे छोटे 54 कलश स्थापित किये किये। ये सभी कलश आचार्य श्री के मुखारविंद से विधिविधान पूर्वक मंत्रो के उच्चा रण से स्थापित हुए,जिसे श्रावकगण बोली लेकर स्थापित किया गया। ये सभी कलश विश्व शांति और विश्व कल्याण के उद्देश्य और  वर्षायोग के निर्विघ्न सम्पन्न होने   की कामना से स्थापित किये जाते है। प्रथम कलश का सौभाग्य तरूण जी काला मुम्बई 2 करोड़ 7 लाख, द्वितीय कलश डॉ. सुभाषशाह जैन मुम्बई 1 करोड़ 51 लाख, तृतीय कलश का सौभाग्य हुकुमचंद्रजी काका कोटा 1करोड़ 17 लाख, चतुर्थ कलश का सौभाग्य उत्तमचंद्र जैन कटनी कोयला वाले 1 करोड़ 8 लाख, पंचम कलश का सौभाग्य प्रेमीजैन सतना वाले 1 करोड़ 31 लाख, छठवां कलश का सौभागय श्री प्रभातजी जैन मुम्बई पारस चैनल करोड़  8 लाख, सातवां कलश ऋषभ शाह सूरत 1 करोड़ 8 लाख, आठवां कलश  पं. सुभाष जैन भोपाल 54 लाख एवं पुष्पा जैन बैनाडा आगरा वाले एवं नौवां कलश का सौभाग्य अशोक पाटनी 2 करोड़ 52 लाख को प्राप्त हुआ। 
    स्थानीय विधायक विक्रम सिंह नाती राजा और नगर परिषद् अध्यक्षा कविता राजे बुंदेला, इंदौर विधायक रमेश मेंदोला  ने भी कलश स्थापना समारोह में आचार्य श्री को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। 
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि आप सब यहां सम्यकज्ञान, सम्यक चारित्र और दान देकर अगले भव के लिए अपने साथ ले जाने वाले है। आचार्यश्री ने कहा कि लगभग 38 वर्ष पूर्व मै खजुराहो पंचकल्याणक के लिए आया था। यहां कि कमेटी बार-बार खजुराहो के लिए आग्रह करती रही। मैं भी इस बार चलते-चलते यहां पहुंच गया। आचार्यश्री ने कहा कि यहां के राजा छत्रसाल का कुण्डलपुर के बड़े बाबा से गहन संबंध रहा है। राजा छत्रसाल ने बड़े बाबा को जब छत्र चढ़ाया उसके साथ ही उन्हें विजय प्राप्त हुयी। महाराजश्री ने कहा कि व्यक्ति को धन अपने पास श्वास जैसा रखना चाहिए ताजी ग्रहण करें और पुरानी निकालते जाए, सम्पत्ति हाथ का मैल है इसे साफ करते रहें। आचार्यश्री ने कहा कि आप सबका उत्साह सराहनीय है। खजुराहो क्षेत्र के विकास के लिए  अपना योगदान देते रहें। पूर्व में खजुराहो क्षेत्र कमेटी सहित जैन समाज छतरपुर, पन्ना,सतना, टीकमगढ़ सहित एवं बाहर से पधारे अतिथियों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया।
  15. संयम स्वर्ण महोत्सव
    *आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल चातुर्मास कलश की स्थापना पर खजुराहो में प्रथम कलश की बोली 207 कलश पर गई। प्रथम कलश की बोली श्री तरुण जी काला व समस्त काला परिवार निवासी मुम्बई द्वारा ली गई है।श्री तरुण जी काला मुम्बई को प्रथम कलश का सौभाग्य 207 कलश (2 करोड़ 7 लाख) में प्राप्त हुआ
     
    *द्वितीय कलश का सौभाग्य श्री डॉ सुहास शाह जी जैन मुम्बई को 151 कलश (1 करोड़ 51 लाख) में प्राप्त हुआ*
     
    *तृतीय कलश का सौभाग्य 117 कलश (1 करोड़ 17 लाख रुपये) में श्री हुकुम जी काका कोटा बालो को प्राप्त हुआ*
     
    *चतुर्थ कलश का सौभाग्य 108 कलश (1 करोड़ 8 लाख रुपये) में श्री उत्तम चंद्र जी जैन कटनी कोयला बालो को प्राप्त हुआ*
     
    पांचवे कलश की बोली 131 कलश पर गई और यह बोली श्रीमान प्रेमी जी परिवार सतना, कटनी वालो ने ली है। धन्य हो आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की जय।??????
     
    छठे कलश की बोली 108 कलश पर गई और यह बोली श्रीमान प्रभात जी मुम्बई वालो ने ली है। धन्य हो ऐसे महान आचार्य भक्तो की।
    जय हो आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की जय।??????
     
    सातवें कलश की बोली गुप्तदान में गई है। धन्य हो ऐसे महान आचार्य भगवान भक्तो की।
    जय हो आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की जय।??????
     
    आंठवे व अंतिम कलश में दो कलश की बोली सुभाष जी भोपाल वालो ने व बैनाड़ा परिवार वालो ने ली है। धन्य हो ऐसे महान आचार्य भगवान भक्तो की।
    जय हो आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की जय।??????
     
    नवे कलश की बोली श्रीमान अशोक जी पाटनी निवासी किशनगढ़ राजस्थान वालो द्वारा ली गई है। धन्य हो ऐसे महान आचार्य भगवान भक्तो की।
    जय हो आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की जय।??????
  16. संयम स्वर्ण महोत्सव
    खजुराहो । प्रख्यात जैन संत शिरोमणि108 आचार्य विद्या सागर जी महाराज के ससंघ चातुर्मास( वर्षायोग) के कलश की स्थापना आज रविवार 30 जुलाई को दोपहर डेढ़ बजे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी खजुराहों में एक गरिमामयी औऱ भव्य कार्यक्रम में होगी।इस बड़े और अनूठे धार्मिक आयोजन के प्रत्यक्षदर्शी बनने न केवल समीपी क्षेत्रों से वरन देश-विदेश से आचार्यश्री के भक्तजन व श्रद्धालु खजुराहो पहुंचना शुरू हो गए है। 
                आचार्य विद्या सागर महाराज  ससंघ खजुराहो में 14 जुलाई से  विराजमान है।
    पूज्य आचार्यश्री ने बुधवार को ससंघ अपनी चातुर्मास स्थापना शांति नाथ भगवान के समक्ष विधि विधान के साथ कर ली थी।इस दिन संघ के सभी साधुओं ने उपवास भी रखा था। अब आचार्यश्री ससंघ एक निश्चित सीमा बांधकर अब 4 माह तक खजुराहो में रहकर धर्म ध्यान करेगे। 
             आज  रविवार 30 जुलाई को दोपहर 1:30 से तीन प्रकार के कलशों के माध्यम से समाज के श्रावकगण  चातुर्मास की कलश स्थापना हर्सोल्लास के साथ करेंगे। प्रथम कलश यानि सबसे बड़े 9कलश स्थापित किये  जाएंगे ,मध्यम 27 कलश और सबसे छोटे 54 कलश स्थापित किये जायेंगे ।ये सभी कलश आचार्य श्री के मुखारविंद से विधिविधान पूर्वक मंत्रो के उच्चा रण से स्थापित होंगे,जिसे श्रावकगण बोली लेकर स्थापित करेगे।ये सभी कलश विश्व शांति और विश्व कल्याण के उद्देश्य और  वर्षायोग के निर्विघ्न सम्पन्न होने   की कामना से स्थापित किये जाते है। इस बार के चातुर्मास की ख्याति विश्व स्तर पर होगी और  अतिशय क्षेत्र खजुराहो के जिनालयों के दर्शन करने के लिए देश विदेश के आएंगे। खजुराहो क्षेत्र में आचार्यश्री के चातुर्मास से जैन धर्म और दर्शन की प्रभावना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
     
         साधुजन इस लिए करते हैं चातुर्मास--
    डॉ. सुमति प्रकाश जैन ने चातुर्मास की अवधारणा और उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म है।वर्षाकाल में लाखों जीवों की उत्पत्ति होती है और वे बहुतायत से चहुंओर व्याप्त रहते हैं।ऐसे में पदबिहारी साधुजनों से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव की हिंसा न हो,इस लिए जैन साधु वर्षाकाल के चार महीनों में अपनी पदयात्रा को रोक कर किसी एक स्थान पर रुक कर अपने आत्मकल्याण हेतु स्वाध्याय,धार्मिक-आध्यात्मिक ग्रंथो, जैन धर्म व दर्शन का अध्ययन-मनन करते हैं और श्रावकों को अपने मंगल प्रवचनों से सदमार्ग पर निरन्तर चलने की प्रेरणा देते हैं।डॉ जैन ने बताया कि जैन धर्म के साथ साथ हिन्दू धर्म मे भी साधुओं के चातुर्मास की परंपरा है।वे भी वर्षाऋतु में एक जगह रह कर अपना चातुर्मास व्यतीत करते हुए धर्मध्यान में लीन रहते है।
           कलश स्थापना के इस कार्यक्रम का संचालन और निर्देशन ब्र. सुनील भैया ,अनन्तपुर करेंगे ।आयोजन को सानन्द ओर निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए विभिन्न समितियां बना कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई ह

     
  17. संयम स्वर्ण महोत्सव
    अमेरिका के राजदूत ने आज खजुराहो पहुंचकर, पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये। आपने गुरुदेव के समक्ष सप्ताह में एक दिन माँसाहार त्यागने का भी संकल्प लिया।
    खजुराहो में प्रतिदिन देश विदेश सेलोगों का, पूज्य आचार्यश्री के दर्शन हेतु आने का क्रम जारी है।
    साभार- ब्र श्री सुनील भैया जी, इंदौर 28 जुलाई
     
  18. संयम स्वर्ण महोत्सव
    छतरपुर / खजुराहो में विराजमान परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने अपने मांगलिक प्रवचन के दौरान मनुष्य को प्राप्त अलौकिक अनुभूतियों के बारे में बताया आचार्य श्री ने कहा देवों के पास बहुत सारी विभूतियां होती हैं । और देवों का देव सोधर्म इन्द्र सभी देवताओं में अग्रणी माना जाता है। परंतु उसके मन में एक प्रश्न की उलझन सदैव बनी रहती है । कि मैं सर्वशक्तिमान होकर भी अपनी इच्छाओं की पूर्ति नहीं कर पा रहा हूँ। भगवान के दीक्षित होने के उपरांत सौधर्म इंद्र जब भगवान का अभिषेक करता है और देवों की पंक्ति में सबसे आगे रहता है। फिर भी सौधर्मेंद्र जब देखता है कि मनुष्य भगवान को आहार दे रहे हैं और मैं आहार नहीं दे पा रहा हूं। यह देख कर उसके मन में कुंठा होती है ।और वह गुणगान करके भक्ति भाव करके अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है। उस समय सभी देव  प्रमुदित होते हैं परंतु सौधर्मेंद्र इतना प्रमुदित और तल्लीन हो जाता है कि वह तांडव नृत्य करने लगता है। इसके बावजूद भी उसके पास आहार दान देने की योग्यता नहीं आती है । सौधर्म इन्द्र आहार दान तो नहीं दे सकता पर अमृतपान करा सकता है। परंतु मुनिराज अमृत ले तभी तो वह अमृतपान कराएं। लेकिन अमृत आहार का पात्र नहीं है । अमृत को कभी आहार की संज्ञा नहीं दी गई। वह खाने की चीज नहीं है । वह केवल चखने की चीज है अमृत परिश्रम के द्वारा प्राप्त नहीं होता है। परिश्रम के आधार पर दिया गया आहार ही मुनिराज के ग्रहण योग्य है । सौधर्म इंद्र  को तांडव नृत्य करने के बाद भी पसीना तक नहीं आता है ।
     
    इसलिए सौधर्म इंद्र  की पर्याय तपस्या के योग्य नहीं मानी गई है । दान आदि देने योग्य भी नहीं है अभिषेक के समय वह सबके साथ शामिल होकर हाथ बस लगा सकता है। उसे मात्र हाथ लगाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। सौधर्मेंद्र के मन में पीड़ा तो होती होगी पर कर क्या सकता है। सौधर्म इंद्र ना तो कुछ ले सकता है ना कुछ दे सकता। यदि वह दे सकता है तो धोक  (नमन) दे सकता है और ले सकता है तो मात्र आशीर्वाद ले सकता है। योग्यताएं अनेक प्रकार की हुआ करती है पर्यायगत यह कमी है । कि सौधर्म देव होने के बाद भी महादेव नहीं बन सकता। वह देवाधिदेव के सेवा तो कर सकता है परंतु सीमा में ही कर सकता है। इन सभी बिंदुओं को लेकर हम सभी को सोचना है कि हमें जब तक मुक्ति नहीं मिलती अर्थात हम देव हो गए तो हमारा क्या होगा। वहां हम पूजन तो कर सकेंगे पर भोजन नहीं कर सके। सौधर्म इंद्र के नृत्य  करते हुए भावनाओं को देख कर ऐसा लगता है कि उसे अगली पर्याय में मुक्त होने का सौभाग्य प्राप्त करने वाला है। सौधर्म इंद्र  के पास इतना पुण्य अर्जित है लेकिन वर्तमान में उसका पुण्य काम नहीं आ रहा है । अर्थात वह आहार दान नहीं दे पा रहा है उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में धन पुण्य  से ही आता है लेकिन उसे देने के लिए भी पुण्य का उदय चाहिए । जिसके माध्यम से कर्मों की निर्जरा हो जाती है पुण्य को अर्जित करने से भी कर्मों की निर्जरा होती है। सौधर्म इंद्र सोचता है मनुष्य कितना भाग्यशाली है वह धरती का देवता है पूरक परीक्षा में पास होने वालों को अधर में लटकना पड़ता है हमारे पास स्वतंत्रता है परंतु देवों के पास कई प्रकार की परतंत्रताएं हैं अतः मनुष्य जीवन का सही उपयोग करो । और मनुष्य जीवन को मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर करके दान के माध्यम से आगे बढ़ाओ। पोंटिंग के आर्थिक विचार की पुस्तक का जिक्र करते हुए आचार्य श्री ने कहा सही अर्थशास्त्री वही है जो अर्थ का भली-भांति उपयोग करके जानता है। अर्थ को सामने भले ही रखो किंतु भारत को कभी सिर पर मत रखना सिर पर तो श्री जी ही शोभा देते हैं।
     
    आचार्य श्री के संघस्थ ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आज के बाद प्रक्षालन का सौभाग्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया के भाई अमेरिका निवासी यशवंत मलैया को प्राप्त हुआ । साथ ही शास्त्र भेंट प्रदान करने का सौभाग्य प्रदेश के वित्त मंत्री की धर्म पत्नी श्रीमती सुधा मलैया और श्रीमती अंजलि मलैया अमेरिका को प्राप्त हुआ। चातुर्मास में एक कलश स्थापना करने का सौभाग्य श्री मदनलाल धन्य कुमार संजय कुमार जी देवास को प्राप्त हुआ। आज के आहार दान का सौभाग्य छतरपुर निवासी श्री पवन कुमार जैन को प्राप्त हुआ। इसके साथ ही दुबई से पधारे पवनेश कुमार जैन ने एक प्रतिमा और एक चातुर्मास कलश की स्थापना करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
  19. संयम स्वर्ण महोत्सव
    डाक विभाग ने आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव पर विशेष डाक लिफाफा जारी किया अशोक नगर  संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव पर अशोक नगर डाक विभाग ने आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव पर विशेष आवरण लिफाफा अतिशय क्षेत्र थूवोनजी कमेटी के पुण्यर्जन मैं मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज मुनि श्री पदमसागर जी महाराज के सान्निध्य सुभाष गंज में विशेष समारोह के दौरान  जारी किया है ।

    समारोह में डाक विभाग साभागिये अधीक्षक व्ही एस तोमर सहा अधीक्षक टी एस व्हील व्ही पी राठौर आर के शिवहरे  एम के शर्मा अशोक नगर  का थूवोनजी कमेटी के अध्यक्ष सुमत अखाई महामंत्री राकेश कासंल मत्री विनोद मोदी विपिन सिघई समाज के अध्यक्ष रमेश चौधरी उपाध्याय गिरीश जैन वजरंड़कमेटी के मत्री प्रदीप जैन यज्ञनायक पदम कुमार वाझल राकेश अमरोद आदिके साथ विशेष लिफाफा जारी किया  अतिथियो का सम्मान कमेटी ने किया इसके पहले धर्म सभा को संबोधित करते हुए थूवोनजी कमेटी के प्रचार मत्री विजय धुर्रा ने कहा कि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के  संयम स्वर्ण महोत्सव पर डाक विभाग ने डाक टिकट के साथ लिफाफा जारी किया है जिसको हम मुनि संघ के सान्निध्य में विमोचन कर रहे हैं 

    मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ने कहा कि  आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने जंगलो में रहकर   कठिन तपस्या करते हुए नर्वदा नदि के तट पर वालिकाओ की शिक्षा के लिए प्रतिभा स्थली की नारायण श्री कृष्ण ने गायो की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया नारायण श्री कृष्ण जी  के गीत  की रक्षा कार्य को वर्तमान में आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से आगे बढ़ रहे हैं
  20. संयम स्वर्ण महोत्सव
    विद्या वाणी प्रतियोगिता 
    जैन आशिषकुमार    चांदखेड़ा अहमदाबाद    84xxxxx805
     
    हायकू प्रतियोगिता 
    swati jain    Infront of government middle school,Abhana,Damoh,M.P.    95xxxxx578    76xxxxx565
     
    विचार सूत्र प्रतियोगिता 
    रतन लाल जैन    23 सी 55, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, जोधपुर, (राजस्थान), पिन कोड 342008    98xxxxx290
     
    पवित्र मानव जीवन प्रतियोगिता 
    लता उमाठे    299 नालन्दा विहार जे डी ए 2बी तिलवारा रोड जबलपुर 482003    97xxxxx617    89xxxxx878
     
    जैन पाठशाला प्रतियोगिता 
    Jyoti    Post, Kothali Maharashtra    88xxxxx639
     
    दिशा बोध प्रतियोगिता 
    Pragati jain    "Panchratna traders, dindori(m.p.)
    481880"    96xxxxx959    96xxxxx590
     
    आत्मान्वेषी संस्मरण प्रतियोगिता
    मेघा जैन    C/O अशोक कुमार जी दीपक जी सरावगी, जैन कबाड़, नेहरू उद्यान के पास, डिस्पोजल मार्केट, भवानी मण्डी, जिला झालावाड़, (राजस्थान), पिन कोड 326502    94xxxxx946    94xxxxx946
     
    ज्ञानसागर जी की ज्ञानसाधना प्रतियोगिता  
    Monika Jain    SPS residency,d-300, Indirapuram, Gaziabad    98xxxxx487
     
    आप सभी  को   पुरस्कार स्वरूप प्रदान की  जा रही हैं - हथकरघा निर्मित श्रमदान ब्रांड की चादर
     
  21. संयम स्वर्ण महोत्सव
    १७ जुलाई २०१८ को जिज्ञासा समाधान में प्रतियोगिता का परिणाम घोषित हुआ 
     

     
     
     
    @namo jain  
    @सजल जैन
    @ManjuJain
     
    आप तीनो को पुरस्कार प्राप्त हुआ हैं |
     
     
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