Jump to content
सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    219
  • comments
    460
  • views
    106,860

Contributors to this blog

जरा याद करो कुर्बानी कार्यक्रम में अमर बलिदानी शहीद परिवारों के वर्तमान वंशजों का खजुराहो में आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में 21 अक्टूबर को होगा  "स्वराज सम्मान" 


संयम स्वर्ण महोत्सव

1,815 views

राष्ट्रहित चिंतक आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में होगा एक अभूतपूर्व अश्रुतपूर्व कार्यक्रम 

जरा याद करो कुर्बानी

 

इस कार्यक्रम में अमर बलिदानी शहीद परिवारों के वर्तमान वंशजों को आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में "स्वराज सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा इस कार्यक्रम में निम्नलिखित शहीद परिवारों ने शामिल होने की स्वीकृति प्रदान की है -

 

  • राणा प्रताप
  • रानी लक्ष्मी बाई
  • मंगल पांडे
  • नाना साहिब
  • तात्या टोपे
  • बहादुर शाह जफर
  • भगत सिंह
  • चंद्रशेखर आजाद
  • सुखदेव
  • राजगुरु
  • अशफाक उल्ला खान
  • सदाशिवराव मलकापुर कर
  • श्रीकृष्ण सरल
  • सुभाष चंद्र बोस के अंगरक्षक कर्नल मोहम्मद निजामुद्दीन


इत्यादि 【21 अक्टूबर 1934- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना सिंगापुर में की थी।】

आजादी मिलने के बाद आजादी के दीवानों का मेला जरा याद करो कुर्बानी 21 अक्टूबर 2018 दिन रविवार दोपहर 1:45 खजुराहो, मध्य प्रदेश |

आयोजक - चातुर्मास समिति एवं सकल दिगंबर जैन समाज

5 Comments


Recommended Comments

भारत की दूसरी फांसी सरेआम हांसी, हरियाणा में लाला हुक्म चंद जैन और उनके नाबालिग भतीजे को दी गयी थी। इनकी लाश को जलाने के स्थान पर अपमान करने के लिए दफनाया गया था।


जैन स्वतंत्रता सेनानियों का भी सम्मान होना चाहिए

FB_IMG_1535641270940.jpg

  • Thanks 1
Link to comment

राष्ट्रीय स्वाभिमान के गवाक्ष स्वतंत्रता के अम्र बलिदानी शहीदों के प्रति संभवत पहली बार अद्भुत आयोजन की अनुमोदना

  • Thanks 2
Link to comment

बहुत अच्छा, ज्यादा से ज्यादा शहीदो के परिवारों को इसमे शामिल किया जाये, बीना दास जो की पश्चिम बंगाल से सम्बंंध रखती थी, ने उस समय के गवर्नर जनरल पर 7 राउंड फायर किए थे पर वो वच गया था ! अगर हो सके तो इनके परिवार को जरूर बुलाया जाये

Edited by अशोकगौरव जैन
Link to comment

“I confess that I fired at the Governor on the last Convocation Day at the Senate House. I hold myself entirely responsible for it. My object was to die, and if I had to die, I wanted to do it nobly, fighting against this despotic system of government which has kept my country in perpetual subjection to its infinite shame and endless sufferings, and all the while fighting in a way which cannot but tell. I fired at the Governor impelled by my love for my country which is being repressed and what I attempted to do for the sake of my country was a great violence on my own nature too.”

Bina Das

Link to comment

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...