srajal jain Posted August 17, 2018 Report Share Posted August 17, 2018 (edited) *गौरझामर दिनांक 16 अगस्त 2018* *मुनि दीक्षा दिवस मनाया गया* *संयम कीर्ति स्तंभ का हुआ लोकार्पण* गौरझामर जिला सागर (म.प्र.) में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री अतुल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी के सानिध्य में मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री अतुल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी का 15 वा मुनि दीक्षा दिवस जगाती मैरिज हाल में मनाया गया इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आज भी इस काल में मुनिराज अपने व्रतों का पालन कर रहे हैं यह कम नहीं है ऐसा कॉल भी आया कि मुनियों के दर्शन नहीं होते थे सर्वश्रेष्ठ आचरण करने वाले गुरुदेव हमारे सामने विद्यमान हैं कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं तब दीक्षा मिलती है मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा की आचार्य श्री विद्यासागर जी की महान कृपा है जिससे हमें मुनि पद प्राप्त हुआ है जो पद मोक्ष प्रदान करता है एक पत्थर पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज बैठ गए तो लोगों ने लाखों रुपए में मांगा तो भी उस गरीब व्यक्ति ने नहीं दिया उसने पत्थर को घर में रखा और आचार्य श्री की फोटो रख ली जब से घर में वह पत्थर आया है उस ब्यक्ति की हर क्षेत्र में वृद्धि हो रही है हमारे अग्रज मुनिराज मुनि श्री वीर सागर जी महाराज दिल्ली में विराजमान है और उनको भी हम आज नमन करते है आज की तिथि में दीक्षित मुनिराज जो जहां भी रहकर साधना कर रहे हैं उनका स्वास्थ्य ठीक रहे और रत्नत्रय की वृद्धि होती रहे यही हमारी भावना है मुनि श्री अतुल सागर जी ने कहा कि साधक के लिए प्रशंसा सबसे ज्यादा घातक है आप मुझे पंच परमेष्टि में पूज्य मान रहे हैं यह गुरु की कृपा है जो अच्छा है आचार्य भगवान का है जो त्रुटियां है वह मेरी है मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि हम सभी पुण्यशाली हैं जो आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा दीक्षा मिली दीक्षा लेकर आनंद का अनुभव कर रहे हो तो दीक्षा की सार्थकता है दीक्षा लेना सरल भी नहीं है कठिन भी नहीं है हम अपने व्रतों के प्रति कितने सतर्क हैं हमारे अंदर गुरु के प्रति समर्पण होना चाहिए गुरु महाराज जो बोलते हैं वह पत्थर की लकीर होती है दीक्षा देना गुरु के हाथ में है लेकिन गुण स्थान हमारे हाथ में हैं आचार्य श्री कहते हैं कि बुंदेलखंड ही ऐसी धारा है जिसमे श्रावकों के मुनि बनने के भाव होते हैं मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि सबसे ज्यादा चमत्कारिक दिगंबर मुद्रा है इस कार्यक्रम में मंगलाचरण पाठशाला गौरझामर के बच्चों ने किया चित्र अनावरण मुनिराजों के गृहस्थ के परिवारजनों ने किया दीप प्रज्वलन विशेष अतिथियों ने किया शास्त्र अर्पण नरेश जी (गोपाल एग्रो इंडस्ट्रीज) राजनांदगांव संजय पारस मणि (तेंदूखेड़ा) ने किया पाद प्रक्षालन देवेंद्र जैन जैना स्टील सागर ने किया आचार्य श्री की पूजन पाठशाला के बच्चों ने की संयम कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण किया गया जो ब्रह्मचारी भूपेंद्र भैया ललितपुर ब्रह्मचारी रजनीश भैया रहली ब्रह्मचारी अमित भैया ललितपुर आदि ने किया विद्या का सागर कॉमिक्स जिसके लेखक मुनि श्री अजित सागर जी महाराज है इसका विमोचन किया गया जेल में कैदियों के द्वारा बन रही सदभावना राखी का विमोचन किया गया मंच संचालन ब्रह्मचारी रजनीश भैया रहली एवं शुभांशु जी जैन शहपुरा ने किया मंदिर पंचायत कमेठी अध्यक्ष अरुण जैन घुरा का विशेष सहयोग रहा !!! Edited August 17, 2018 by srajal jain Link to comment Share on other sites More sharing options...
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