Jump to content
मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता प्रारंभ ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

पवित्रता


Recommended Posts

साधु जीवन की पवित्रता केवल स्त्री सम्बन्धी ही है  ऐसा nhi

है। जो साधु कमरा बंद करके बात करते है वह भी विचारणीय है। हमारे समाज के कुछ श्रावक भी स्वार्थ वश ये कार्य करते है ।यदि समय रहते इन कार्यो पर रोक लगा दी जाये तो nishchit

मानिये जैन धर्म की उन्नति आवशय होगी। केवल आचार्य श्री विध्यासागर जी और उनका संघ ही आज की भौतिक चमक से अछुता है। जो हमे चतुर्थ काल का आभास पंचम काल में भी क र रहे है। गुरुदेव के श्री चरणो में कोटि कोटि प्रणाम। 

Link to comment
Share on other sites

×
×
  • Create New...