संयम स्वर्ण महोत्सव Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 कैसी लगी आपको फ़िल्म ? कौनसा दृश्य आपको सबसे पहले याद आ रहा हैं Link to comment Share on other sites More sharing options...
V.K. Jain Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 आचार्य श्री पर बहुत ही सुन्दर , शिक्षाप्रद व ज्ञानवर्धक फ़िल्म थी । फ़िल्म देख कर मन प्रफुल्लित हो गया। 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Ratan Lal Jain Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 बहुत सुन्दर। आचार्य विद्यासागर द्वारा संल्लेखनारत श्री ज्ञान सागर जी की वैयावृति के दृश्य सदैव मानस पटल पर छाए रहेंगे। Link to comment Share on other sites More sharing options...
Nikhil k jain Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 Hamne aaj ajmer m film dekhi...bahu hi shaandaar movie...sabko. Jarur. Dekhni chayiye Link to comment Share on other sites More sharing options...
Monica jain Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 Worth watching it....... Lots of thanks to the maker of this movie and sanganer temple committee for organization. Special thanks to sourabh ji who had spread the information regarding movie though his website.... Link to comment Share on other sites More sharing options...
Monica jain Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 1 hour ago, Monica jain said: आ. गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के जीवन दर्शन पर आधारित यह लघु वृत्त चित्र बहुत ही प्रभावक , दर्शनीय एवं प्रशंसनीय था । इसकी कुछ विशेषताएँ इस प्रकार थी - # आचार्य श्री के सम्पूर्ण जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दिखाने का सफल प्रयास किया गया है। # एक ओर मूक माटी के मधुर काव्य पंक्तियों के साथ कुम्हार द्वारा घडे का निर्माण एवं दूसरी ओर आचार्य श्री द्वारा क्रमशः जीवन का निर्माण करना, इन दोनों ही घटनाओं को बडी रोचकता के साथ प्रस्तुत किया गया। # आचार्य श्री के जीवन दर्शन को दिखाने के बहाने सम्पूर्ण श्रमण संस्कृति को, दिगम्बर जैन साधुओं की चर्या को दिखाने का प्रयास सराहनीय है। # कुछ लोग आचार्य श्री की देखादेखी भक्ति किया करते थे , उनके बारे में ज्यादा कुछ जानते नहीं थे मगर इस लघु वृत्त को देखने के बाद मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि अब उनके मन में आचार्य श्री के प्रति श्रद्धा ओर मजबूत हो जायेगा। # Sand art, Background commentary, बीच बीच में सम्बन्धित व्यक्तियों के अनुभव, आदि ने दर्शकों कों लास्ट तक बांधे रखा । ये भी होता तो ओर अच्छा होता ............... १. आचार्य श्री के प्रारम्भिक जीवन का नाट्यरुपान्तरण किया जाता तो शायद ओर प्रभावी होता । २ प्रारम्भ में पूज्य क्षमासागर जी का मंगलाचरण 'जो विद्यादिसागर...। जोड देते तो बडा प्रासंगिक लगता ओर इस बहाने उनके एक श्रेष्ठ शिष्य संत के दर्शन भी हो जाते। ३ अन्य धर्मों के प्रसिद्ध संतों के साथ उनकी चर्चा के प्रसंग को दिखाते तो ओर प्रेरक बन सकता था । वैसे कमियाँ बहुत कम खूबियाँ बहुत ज्यादा थी इसलिए मैं इस पवित्र कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा करता हूँ । ओर इस वृत्तचित्र को न केवल देश के कोने कोने में बल्कि विदेशों में भी दिखाने की अपील करता हूँ । जिससे इस महान संत पंचम काल के महावीर युग पुरुष आचार्य श्री से जन जन परिचित हो सके और उनके सम्पर्क मे आकर अपना कल्याण कर सके । Link to comment Share on other sites More sharing options...
amol mogle Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 1 hour ago, संयम स्वर्ण महोत्सव said: कैसी लगी आपको फ़िल्म ? कौनसा दृश्य आपको सबसे पहले याद आ रहा हैं *विद्योदय* एक अद्भुत फिल्म... इसे देखकर रोम रोम पुलकित हो गया.. धन्य है आचार्य भगवन... इन के युग मै जन्म लेकर हम अपने आप को पुण्य शाली मानते है......?????? 1 hour ago, संयम स्वर्ण महोत्सव said: कैसी लगी आपको फ़िल्म ? कौनसा दृश्य आपको सबसे पहले याद आ रहा हैं Link to comment Share on other sites More sharing options...
Ratnashekhar Sahuji Posted June 30, 2018 Report Share Posted June 30, 2018 बढीया ....चर्या चक्रवर्ती संतशिरोमणी आचार्य श्री की कठोर निर्दोष साधना के दुर्लभ पैलू को देखने मिला मानो ....साक्षात हम अतीत मे चले गये हो ऐसा म्हेसुस हो रहा था ...और हम कितने भाग्य शाली ऐसे गुरूवर मिले। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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