संयम स्वर्ण महोत्सव Posted June 20, 2018 Report Share Posted June 20, 2018 मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो वैर न होवे पाप न होवे भाव क्षमा का हो ।। 1 ।। मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो मेरा मंगल तेरा मंगल सबका मंगल हो ।। 2 ।। मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो। मेरा जीवन तेरा जीवन सबका उत्तम हो ।। 3 ।। मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो प्रभु के चरणा गुरु के चरणा सबको शरणा हो ।। 4 ।। मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो तन नीरोगी मन हो निर्भय बोधि समाधि हो ।। 5 ।। मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो दुखियारा ना कोई होवे मन ज्योतिर्मय हो ।। 6 ।। 4 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Anju jain22 Posted June 21, 2018 Report Share Posted June 21, 2018 bahut sunder prathana Link to comment Share on other sites More sharing options...
PreetiJain Posted January 24, 2022 Report Share Posted January 24, 2022 बहुत सुंदर प्रार्थना Link to comment Share on other sites More sharing options...
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