संयम स्वर्ण महोत्सव Posted June 20, 2018 Report Share Posted June 20, 2018 अर्हम् योग एवं ध्यान हेतु शाकाहार आहार ही सर्वश्रेष्ठ आहार है। आपने सुना होगा तथा पढ़ा होगा कि जीवन में आहार का महत्त्व कितना है। हम अपने प्रतिदिन के जीवन में यह अनुभव करते हैं कि यदि हमें उचित आहार नहीं मिले तो असंभव है। क्योंकि आहार ही हमारे जीवन की समस्त गतिविधियों के संचालन का ऊर्जा स्रोत है। इसलिए जिस प्रकार का ऊर्जा स्रोत हम उपयोग में लेगें उसी प्रकार हमारे जीवन की गतिविधियां संचालित होती है। मानवीय जीवन, मशीनी जीवन से भिन्न है। मशीनें कार्य तो करती है, उन्हें भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है लेकिन मशीनों में न तो ज्ञान होता है न ही उनका कोई स्वभाव होता है, और ना ही वह कोई अनुभव करती है। इसलिए मशीनों में किसी भी प्रकार का ऊर्जा स्रोत का उपयोग किया जाए कोई भी दिक्कत नहीं है। लेकिन मानवीय जीवन में जहां सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ कृति मनुष्य के आहार का प्रश्न है, एक उचित, संतुलित आहार की अत्यधिक आवश्यकता है। क्योंकि मानवीय जीवन में ज्ञान, स्वभाव और अनुभव का समावेश है। वही उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ कृति बनाता है। एक मनुष्य ही है, जो अपने ज्ञान का प्रकाश इतना बड़ा सकता है कि वो सृष्टि की तीन लोक की समस्त गतिविधियों को एक समय में जान सके। इसलिए मनुष्य के जीवन में आहार का चयन अत्यधिक आवश्यक है, अन्यथा उसे सुखी जीवन व्यतीत करने की समस्याएं उत्पन्न होगी, तथा वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकेगा। "कहते है जैसा अन्न वैसा होवे मन" इसलिए हमारे प्राचीन ऋषियों ने मनुष्यों को सर्वश्रेष्ठ भोजन के रूप में शाकाहार का चयन किया जो उन्हें उनके जीवन में जीवन के अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाने में मददगार हो सके तथा आजीवन सुखी एवं स्वस्थ रख सके। शाकाहार के लाभ :- शाकाहार भोजन शरीर के लिए उत्तम भोजन है। यह हमारे शरीर के पाचन तंत्र को पूर्ण रूप से ठीक रखता है। हमारे शरीर में रक्त संचार को उचित बनाएं रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा शरीर को शक्ति प्रदान करने का उत्तम स्त्रोत है। शाकाहार भोजन उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, मधुमेह रोग, कैंसर, तनाव, मोटापा जैसी बीमारियों से हमें दूर रखता है तथा हमारे शरीर में उचित प्रोटीन, विटामिन, एन्टीऑक्सीडेंट तथा शर्करा एवं ऊर्जा का नियंत्रण बनाएं रखने में सहायक होता है। यह शरीर में ऊर्जा के संतुलन को बनाए रखते है। शाकाहार भोजन मस्तिष्क के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार है। यह हमारे शरीर में इस तरह की ऊर्जा उत्पन्न करता है जिससे सकारात्मक भाव तरंगे उत्पन्न होती है। सकारात्मक भाव तरंगों के उत्पन्न होने से जीवन अपने श्रेष्ठ लक्ष्यों की प्राप्ति में लग जाता है तथा मानवीय गुण जैसे दया, प्रेम, समता, सद्भाव, मित्रता जैसे संवेदनशील भाव उत्पन्न होते हैं तथा ये भाव ही सृष्टि के सृजन में सहायक होते हैं। इन सकारात्मक भावों का ही परिणाम है कि सृष्टि की मानव जाति आज भी अपने विकास और उच्चतर लक्ष्यों के लिए मिलकर काम कर रही है। शाकाहार भोजन हमारे जीवन में हमें हिंसक प्रवृतियों से दूर करने में सहायक है तथा जीवन को अहिंसक बनाता है। अहिंसक जीवन ही नई सृष्टि का सृजन करता है तथा यही भाव हमें अन्य जीवों की सृष्टि में रक्षा करने का संवेदन देता है। हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों ने, आयुर्वेदाचार्यों ने कहा है कि यदि हमें अपने जीवन में भगवान के बताए हुए मार्ग पर चलकर जीवन को मोक्षरूपी अंतिम लक्ष्य तक पहुँचाना है, तो हमें अर्हम् योग को जीवन में अपनाना होगा। इसका सतत् अभ्यास करना होगा तथा शाकाहार के माध्यम से निरंतर प्रयास करते हुए गुरुओं के बताए मार्ग पर चलकर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। शाकाहार ही हमारे प्रकृति के सौन्दर्य को बनाये रखने में तथा पर्यावरण को बचाये रखने में सहायक सिद्ध होगा। जो इस सृष्टि पर मानव जीवन की व अन्य जीवों की निरंतरता बनाये रखने का मार्ग प्रशस्त करेगा। अत: हमें शाकाहार को जीवन में अपनाकर मुनिश्री प्रणम्य सागर जी के अर्हम् योग ध्यान को करते हुए अपने जीवन के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। 3 Link to comment Share on other sites More sharing options...
PreetiJain Posted January 24, 2022 Report Share Posted January 24, 2022 जय जिनेन्द्र 🙏। शाकाहार की बहुत सुंदर और सटीक व्याख्या। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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