संयम स्वर्ण महोत्सव Posted June 20, 2018 Report Share Posted June 20, 2018 प्राणायाम हमारे प्राणों के आयाम को बढ़ाने की प्रक्रिया है। इसे प्राचीन योगियों ने अन्वेषित कर मनुष्य को दीर्घायु बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। प्राणायाम के विभिन्न प्रकारों से मनुष्य के वासोच्छवास का नियमन होकर आयाम में वृद्धि होती है, जो मानव चित्त को शांत एवं स्थिर कर देती है। इसके द्वारा शरीर के विभिन्न शक्ति केन्द्रों पर एक विशेष प्रभाव होता है, जो उन्हें विशेष ऊर्जावान बनाकर मानव को असीमित योग्यताओं से लाभान्वित करता है। अर्हम् प्राणायाम के विभिन्न चरण:- यह तीन चरणों में शामिल हैं:- अनुलोम-विलोम प्राणायाम भस्त्रिका प्राणायाम कपाल भाति प्राणायाम प्राणायाम के उद्देश्य:- प्राणायाम निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति करता है: दीर्घायु विकास, विस्तार और महत्वपूर्ण ऊर्जा का नियंत्रण भौतिक शरीर और आत्मा के बीच एक कड़ी का निर्माण शारीरिक और मानसिक विकारों के उपचार सहानुभूति और तंत्रिका प्रणाली के बीच सद्भाव मधुर वाणी, गायन की विशेष योग्यता, स्मरण शक्ति में वृद्धि निम्नलिखित सावधानियां प्राणायाम करते समय रखी जानी चाहिए: एक स्वच्छ, साफ और शोर मुक्त स्थान का चयन करें हमेशा खाली पेट के साथ प्राणायाम प्रदर्शन गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें शरीर को ढीला रखें। अर्हम् योग के लाभ:- मानसिक एवं शारीरिक क्षमताओं का विकास । स्वाभाविक गुणों का विकास अध्यात्म के उच्च स्तरों पर पहुंचना विश्व मैत्री एवं शांति की भावना का विकास सही एवं उचित मार्गदर्शन में किया गया अर्हम् प्राणायाम निम्न योगों का उपचार करने में सक्षम है क्योंकि यह शरीर की रक्त धमनियों के माध्यम से ऊर्जा का निर्बाध प्रवाह पूरे शरीर को देता है। अनुलोम-विलोम से पेट की बीमारियां ठीक हो जाती हैं तथा रक्त शुद्ध होकर शरीर ऊर्जा से भर जाता है। प्राणायाम श्वास दर को नियंत्रित कर रक्तचाप को ठीक कर देता है तथा मानसिक तनाव (Mental Stress) को दूर कर देता है। यह मानसिक एकाग्रता तथा दिव्य शक्तियों को प्राप्त करने में सहायक है। अर्हम् योग क्यों - प्रौद्योगिकी, औद्योगीकरण और जनसंख्या के इस युग में, हम लगातार जबरदस्त तनाव विकल्पों के अधीन हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और हृदय की समस्याओं के विभिन्न प्रकार के मनोदैहिक रोगों का उत्पादन होता है। हताशा में लोग ख़तरनाक दवाओं को पीने और खाने के लिए लेते हैं, जो अस्थायी राहत देने के लिए होते हैं लेकिन और अधिक गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं। अर्हम् थेरेपी, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण के लिए कार्यरत है। अर्हम् योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है अपितु ध्यान के साथ चित्त और आत्मा को स्थायी प्रभाव (deepimpact) देता है। 2 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Anju jain22 Posted June 21, 2018 Report Share Posted June 21, 2018 nice information Link to comment Share on other sites More sharing options...
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