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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

आचार्य विद्यासागर जी महाराज की भावबिनी श्रदांजलि


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 आचार्य विद्यासागर जी महाराज का उनका आशीर्वाद आनन्द से भर देने वाला था ।उनका जाना अभ्दुत मार्ग खोने के समान था। आचार्य विद्यासागर जी महाराज कहने से सोने की चिडिया ,हायकु और वतन की कमान की पुस्तकों से हमने प्रतियोगिता में भाग लिया था उसका एग्जाम दिया और हमको अच्छे अंक प्राप्त भी हुए और हमको ज्ञान भी प्राप्त हुआ शिक्षा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हुई विद्यासागर जी महाराज चले गए तो हमको बहुत दुख हुआ अब आगे क्या होगा कैसा होगा हम क्या जाने। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के स्वृरणिम याद यादगार कुछ पलो के साथ बिताए  कासलीवाल परिवार की तरफ से आचार्य जी को भावपूर्ण   श्रदाजंली शत,शत,नमन गुरूदेव ,,,,,,,,🙏

 

Edited by ManjuJain24
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कभी मन हो रहा व्यथित, यह सोच कर कि अब ना होंगे दर्शन आपके फिर कभी

कभी मैं सोच रहा, आप अग्रसर हो चले हैं महावीर के मोक्ष मार्ग पर अभी-अभी

परन्तु  हे मुनिवर, हे गुरुवर, आज ना हो पा रहा विश्वास

कि नश्वर शरीर का साथ छोड़ दिया आपने अभी-अभी

रात्रि कि बेला थी, चारों ओर अँधियारा था

पर यह ना समझ पाया मैं, कि ये दिगम्बर साधू की समाधि का इशारा था

सिखाया था गुरुवर आपने यही सदा, कि ये संसार है नश्वर

कुछ नहीं रहता यहाँ सदा, ना मैं ना आप ना ही कोई और

पर लग रहा आज ऐसा मानो, आप सदा ही थे और सदा ही रहने थे

कर गए आप कल्याण सबका, क्या नर, क्या नारी, क्या विद्यार्थी या हों वो मूक पशु

हे आचार्य, हे गुरु आपको करता रहा हूँ सदा ही वन्दन

है मेरी आपसे यही विनती करना होगा मुझ जैसों का उद्धार

लेना होगा इस हेतु एक बार फिर तीर्थंकर अवतार

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