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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

AnkitKJain

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  1. कभी मन हो रहा व्यथित, यह सोच कर कि अब ना होंगे दर्शन आपके फिर कभी कभी मैं सोच रहा, आप अग्रसर हो चले हैं महावीर के मोक्ष मार्ग पर अभी-अभी परन्तु हे मुनिवर, हे गुरुवर, आज ना हो पा रहा विश्वास कि नश्वर शरीर का साथ छोड़ दिया आपने अभी-अभी रात्रि कि बेला थी, चारों ओर अँधियारा था पर यह ना समझ पाया मैं, कि ये दिगम्बर साधू की समाधि का इशारा था सिखाया था गुरुवर आपने यही सदा, कि ये संसार है नश्वर कुछ नहीं रहता यहाँ सदा, ना मैं ना आप ना ही कोई और पर लग रहा आज ऐसा मानो, आप सदा ही थे और सदा ही रहने थे कर गए आप कल्याण सबका, क्या नर, क्या नारी, क्या विद्यार्थी या हों वो मूक पशु हे आचार्य, हे गुरु आपको करता रहा हूँ सदा ही वन्दन है मेरी आपसे यही विनती करना होगा मुझ जैसों का उद्धार लेना होगा इस हेतु एक बार फिर तीर्थंकर अवतार
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