harshit sitawat Posted December 21, 2023 Report Share Posted December 21, 2023 बांसवाड़ा 21-12-2023 *भक्ति जीने की कला सिखाती है* *भक्ति से तन ,मन ,वचन ,वतन, धन ,जीवन सफल हो जाता है* *भक्ति से समाज ,देश ,परिवार विश्व शुद्ध होता है* *भक्ति पापी मन को पवित्र करती है* *मोक्ष के द्वार का ताला भक्ति रूपी चाबी से खोला जाता है* श्री श्रेयांसनाथ दिगंबर जैन मंदिर खांदू कॉलोनी ,बांसवाड़ा राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ साधक *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में एवं पंडित प्राशु शास्त्री के निर्देशन में 21 दिसंबर 2023 गुरुवार को श्रेयांसनाथ विधान हुआ, मुनि श्री का पाद प्रक्षालन किया गया ,शास्त्र अर्पण किए गए नौगामा, बड़ोदिया ,आंजना, की समाज ने श्रीफल अर्पण किये, मुनिश्री विमल सागर जी महाराज एवं मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज का कैशलोंच संपन्न हुआ ,धर्म सभा का आयोजन हुआ, इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए ,मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि इस संसार में सार नहीं है, तीर्थ में रहने का जिसको सौभाग्य मिलता है वह पुण्यशाली होता है, जिससे तिरा जाए वह तीर्थ होते हैं, जो तीर्थ पर भक्ति, पूजा, आराधना करता है वह तिर जाता है ,खुणादरी की प्रतिमा 511 वर्ष प्राचीन है ,अतिशयकारी है,पाषाण का मंदिर हजारों वर्षों तक रहेगा, खुणादरी में पंचकल्याणक होना है, वह दान अनमोल हो जाता है जो अवसर पर दिया जाता है, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज चलते-फिरते तीर्थ है,ग्रंथों में विश्व की सभी वस्तुओं का वर्णन होता है, मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि भक्ति से तन ,मन ,वचन ,वतन, धन ,जीवन सफल हो जाता है ,पूजा भक्ति एक अमृत रस है, भरत चक्रवर्ती जब पूजन करते थे तो द्रव्य के पहाड़ बन जाते थे,भक्ति से शरीर मन, आत्मा ,हृदय शुद्ध होते है एवं,समाज, देश, परिवार शुद्ध होता है, मोक्ष के द्वार का ताला भक्ति रूपी चाबी से खोला जाता है, भक्ति पापी मन को पवित्र करती है, तल्लीनता से भक्ति करने से अतिशय ,चमत्कार होते हैं , भक्ति से आनंद ,उत्साह, सफलता की प्राप्ति होती है , भक्ति से ऊर्जा मिलती है, आप ऐसी भावना करें हे प्रभु मेरे पैरों में इतनी शक्ति देना की दौड़-दौड़ कर आपके दरवाजे आ सकूं तीर्थ क्षेत्र की वंदना कर सकू , मुझे ऐसी सद्बुद्धि देना कि सुबह शाम घुटने के बल बैठकर आपको नमस्कार सकूं ,जब तक जिऊँ जीभ पर आपका नाम रहे ,प्रेम से भरी हुई आंखें देना, श्रद्धा से झुका हुआ सिर देना ,सहयोग करते हुए हाथ देना, सत्पथ पर चलते हुए पाव देना और स्मरण करता हुआ मन देना अपनी कृपा दृष्टि और सद्बुद्धि देना भक्ति मुक्ति महल की चाबी है, गुणीजनों में दान ,पूजा ,विनय का भाव होना भक्ति है ,भक्ति सर्वश्रेष्ठ रस है, भक्ति जीने की कला सिखाती है , भक्ति श्रद्धा की कसौटी है, पूजा भक्ति एक सरिता है, विनय भक्ति का श्रेष्ठ तरीका है, प्रभु के गुण अनुराग को भक्ति पूजा, अर्चना ,वंदना या प्रार्थना कहते हैं, जिससे विशेष शक्तियों की प्राप्ति होती है, और आध्यात्मिक सिद्धियां प्रकट होती है ,मन का विकार धुल जाता है, इससे शरीर समाज ,देश ,परिवार विश्व शुद्ध होता है Link to comment Share on other sites More sharing options...
Recommended Posts