harshit sitawat Posted December 16, 2023 Report Share Posted December 16, 2023 घाटोल 16-12-2023* *स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है* *घाटोल के पंचकल्याणक, की चर्चा पूरे देश में हुई है* *दान ,पूजा ऊंचाइयों पर ले जाती है* *प्रभु की रथ यात्रा में भक्ति मे झूम उठे सभी* *925 वर्ष प्राचीन श्री वासुपूज्य भगवान नवीन रजत बेदी पर विराजमान हुए* ( पंचकल्याणक महोत्सव का मोक्ष कल्याणक के साथ समापन हुआ ) - तीर्थंकर वाटिका श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के सामने प्रतापगढ़ रोड एन एच 56 घाटोल जिला बांसवाड़ा में सर्वश्रेष्ठ साधक *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* के शिष्य *मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज* के सानिध्य में एवं प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी प्रदीप "सुयश" भैया जी अशोक नगर के निर्देशन में शनिवार को पंचकल्याणक महोत्सव का समापन हुआ अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, , प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए पूरे देश से श्रद्धालु आये। है। मोक्ष कल्याणक मनाया गया प्रातःकाल की बेला में नव प्रभात की नई किरण के साथ भगवान आदिनाथ को निर्वाण प्राप्ति (मोक्षगमन) हुई अग्नि कुमार देवो का आगमन हुआ , नख केश विसर्जन, किए गए सिद्ध गुणारोपण विधि, हुई सिद्ध पूजन, मोक्ष कल्याणक पूजन, विश्व शांति महायज्ञ किया गया,मान स्तंभ में एवं तीन वेदी में श्री संभावनाथ भगवान, श्री सुपार्श्वनाथ भगवान,श्री शांतिनाथ भगवान आदि अनेक प्रतिमाएं विराजमान की गई,विशाल रथ यात्रा निकाली गई,जिसमें प्राचीन रथ ,2 पालकी मैं प्रतिमाएं विराजमान थी,3 हाथी,7 घोड़े,11 विशेष रथ चल रहे थे,नासिक के ढोल पर लोग भक्तिमय नृत्य करते हुए लोग चल रहे थे,लोग केसरिया पीले सफेद वस्त्रो में नजर आ रहे थे, इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि भावना करो कि भगवान कैलाश पर्वत पर विराजमान है, बर्फ जमी हुई है, सिद्ध प्रभु के आत्मा के प्रदेश संपूर्ण लोक में फैल जाते हैं, हम मन के द्वारा सिद्ध क्षेत्रों पर जा सकते है, भगवान का शरीर कपूर की भाँति बिखर गया, यह पावन, पुनीत क्रिया मोक्ष जाने में कारण बनती है, यह भस्म परम सौभाग्य मानकर अपने मस्तक पर लगाते है, आज में पवित्र हो गया ऐसी भावना करते हैं, आचार्य श्री, मुनिगण उस भस्म को लगाते है , कब वह दिन आये जब सारे कर्म भस्म हो जाए, यह पुण्य संचय की क्रिया है, जीव ने यह भावना भायी थी कि स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, इसी के लिए यह पंचकल्याणक हुआ है,यह कृपा गुरुदेव की हुई है, उन्ही की कृपा से यह पंचकल्याणक सम्पन्न हुआ, श्री वासुपूज्य भगवान की कृपा से यह सम्पन्न हुआ है,बागड़ के 72 गांव, शहर बेहतर है, वासुपूज्य भगवान तीन लोक के स्वामी है, सभी मंडल, संगठन के सहयोग से कार्य हुआ है, शासन प्रशासन ने भी सहयोग किया है,बुंदेलखंड के लोग चेतन का दान करते हैं, दान ,पूजा ऊंचाइयों पर ले जाती है ,दिनेश खोडनिया ने कहा कि घाटोल के पंचकल्याणक, चातुर्मास की चर्चा पूरे देश में हुई है,इतनी व्यवस्थित व्यवस्था देखकर मैं गदगद हो गया,925 वर्ष प्राचीन श्री वासुपूज्य भगवान को नवीन रजत वेदी पर विराजमान करने का सौभाग्य प्रतीक मुंगाणिया को प्राप्त हुआ एवं प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य बदामी लाल धिरावत को प्राप्त हुआ दोपहर में श्री वासुपूज्य मंदिर में नवीन वेदी पर , प्रतिमाएं विराजमान की गई एवं कलशारोहण, ध्वजारोहण, महामस्तकाभिषेक ,शांतिधारा, हुई कार्यक्रम में वीरोदय तीर्थ के अध्यक्ष मोहनलाल पिंडारमिया भी शामिल हुए दोपहर में श्री आदिनाथ मंदिर मे नवीन मानस्तम्भ में 8 प्रतिमा विराजमान की गयी प्रभु की विशाल शोभायात्रा नगर में निकाली गई लोग भक्ति में नृत्य करते हुए चल रहे थे,नवीन रजत वेदी पर ,900 वर्ष प्राचीन श्री वासुपूज्य भगवान विराजमान किये गये एवं 3 वेदी पर प्रतिमा विराजमान की गयी, महामस्तकाभिषेक संपन्न हुआ Link to comment Share on other sites More sharing options...
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