संयम स्वर्ण महोत्सव Posted December 8, 2017 Report Share Posted December 8, 2017 मै ७ रोगों का भोग बना हुआ था १) साइनस २) अस्थमा ३) हाई ब्लड प्रेसर ४) अनिद्रा ५) डायबिटीस (मधुमेह), ६) कभी कभी हृदय कि धडकन थोडी देर के लिए अनियमित हो जाना ७) उदरी (बालों का झड जाना) इन सातों रोगों की हमेशा २१ गोलिया खानी पडती थी। कायम दवाई लेने पर भी एक भी रोग मिटता नहीं था। बीमारी, दवाईयाँ और खर्चसे मैं परेशान हो गया था और थकान महसूस होती थी। मैं ऐलोपेथिक दवाई से तंग आ गया था। अंत: एक वैद्यकी सलाह से नये प्रयोग के रूप में हमेशा सुबह के चाय में देशी गाय का घी दो चम्मच डालकर पीना शुरू कर दिया। मानो चमत्कार हो गया। केवल दो महीनों में इस प्रयोग से मेरें सातों रोग मिट गये। गत चार साल से जिंदगीभर लेने का मेरा दृढ़ संकल्प है। गाय का दही : गाय के दही में पाचन शक्ति में वृद्धि करनेवाला और पेटमें अंतडियों के जन्तुओंको मार डालने वाले असंख्य उपयोगी बेक्टेरिया रहते हैं। अन्तः हमेशा सुबह मे दही निरोगी रखनेवाला एवं अमृत समान पोषक है। मक्खन : हमेशा सुबह मे २५ ते ५० ग्राम गाय के गरम घी या मक्खन में १० ग्राम गुड एवं २ ग्राम सौंठ डालकर पीनेसे पुराना अजीर्ण, वायु आदि मिट । जाते हैं और शरीर में धातुबल की वृद्धि होती है। कडक पेट सर्वथा नरम पड जाता है। मक्खन से बालक की ऊंचाई, आंखोका तेज, शक्ति एवं बुद्धि का विकास होता है। छाछ : पेट खाली होने पर गाय की ताजा छाछ पीने से संग्रहनी आफरा- । हैजा-बवासीर-मरोड आदि मिट जाते हैं और कमजोर बने हुए जठर (होजरी) अंतडी आदिकों पुनः सशक्त बनाता है। 4 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Anju jain22 Posted June 22, 2018 Report Share Posted June 22, 2018 nice information Link to comment Share on other sites More sharing options...
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