संयम स्वर्ण महोत्सव Posted December 8, 2017 Report Share Posted December 8, 2017 १. गाय का गर्मागर्म दूध-घी-हल्दी मासपेशियों के दर्द एवं हड़ी की चोट में फायदेमंद होता है। २. चाँदी के प्याले में गाय का दूध जमाकर उसका ताजा दही माँ को खिलाने से संतान विकलाँग और मंदबुद्धी नहीं होगी। ३. आयुर्वेद में घी को आयु कहा गया है। मस्तिष्क १८-२० प्रतिशत चिकनाई से बना है इसकी मात्रा कम हो जाने पर वह कमजोर हो जाता है। इसकी पूर्ति के लिये गाय के घी से सस्ती दूसरी कोई चीज नही है। ४. विश्व प्रसिद्ध गी विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. गौरीशंकर जी महेश्वरी कहते थे. ‘गर्म दूध में दो चम्मच गाय का घी डालकर फेंटकर पीने से पाचन शक्ति अच्छी रहती है, पेट साफ रहता है, एसिडिटी, गैस, जोडों के दर्द आदि से छुटकारा मिलता है लेकिन आजकल तो दूध में जो चिकनाई होती है उसे भी निकाल लिया जाता है। ऐसा दूध वात रोगों को बढ़ाता है।” ५, ४०-५० ग्राम गाय का घी खाने से दवाईयाँ नही लेनी पडती, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ६, ४ बुंद गाय के घी से ९० से अधिक रोगों का उपचार विशेषज्ञ बताते है। ७. हमेशा गाय की घी खाना चाहिये क्योंकि दो-दो बूंद गाय का गुनगुना घी नाक में डालने से सब रोगों में अदभूत लाभ होता है। ध्यान रहे यह घी दही मथकर बनाया हुआ होना चाहिये। ८. गाय का घी नाक में डालने से आज्ञा चक्र को शक्ति मिलती है। इससे योग में जल्दी प्रगति होती है। (घी का तापमान शरीर के तापमान से कुछ अधिक होता है, इसे साँस के साथ खींचे नही) ९. गाय के घी से सिरदर्द, कान दर्द, ऑखो के रोग, सायनस,एलजीं, थकान, बाल झड़ना, तनाव, स्मरण शक्ति आदि रोगों में भी लाभ होता है। १०. प्राणायम करने वाले यदि दूध नही पीयेंगे तो प्राणायाम की गर्मी से उनका शरीर जलने लगेगा। "जीना है तो रोजाना पी, देशी गाय का दूध घी। खाओं दही, तो सब काम सही। लस्सी के गुण अस्सी।" ११. गाय के दूध को नाडी की दुर्बलता नष्ट करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। वह वायु, पित्त एवं खून की खराबी में भी गुणकारी है। १२. दुग्ध कल्प से क्षय (टीबी) और कैंसर भी जड से ठीक हो सकते है | १३. गाय के दूध को पीने से थायराईड नहीं होता है। क्योंकि गाय के दूध में थायरॉईड ग्लाण्ड का अंश भी मिलता है, जिससे शरीर में स्फूर्ति तेजी से उत्पन्न होती है। १४. अरब के चिकित्सकों ने दूध के जलियांस को पीने के लिए कहा है। १५. रूस और जर्मनी के चिकित्सकों ने सन १८६७ में औषध के रूप में दूध पीने के लिए लिखा है। १६. अमेरिका के डॉ सी कटेल ने सैंकडो लोगों को दूध से निरोगी बनाया| १७. गाय जब दिनभर धूप में घास चरती है, घूमती फिरती है, तब उसकी मुलायम चमडी के द्वारा बलवान प्राण तत्वों और सूर्य की पराकासनी किरणों को आकृष्ट करके रोगों को नष्ट करने की शती प्राप्त करती है। १८. रॉक फेलर जब मेदे की व्याधि से पीडित हुये तो उन्होने यह घोषणा कि, मैं उस व्यक्ति को १० लाख डॉलर इनाम दूँगा जो मुझे रोग मुक्त कर देगा। अंत मे वह गौ-दुग्ध से ठीक हो गये। १९. गौ दुग्ध निर्बल को सबल तथा रोगी को निरोगी बनाने में सबसे उत्तम है। (मिरकल ऑफ मिल्क, लेखक वर्नर फैक्फैड) २०. गौ दूध सोन्दर का मूल है | COW MILK IS ROOT OF BEAUTY. Link to comment Share on other sites More sharing options...
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