संयम स्वर्ण महोत्सव Posted December 8, 2017 Report Share Posted December 8, 2017 कोई व्यक्ति यदि प्रतिदिन गाय और तुलसी को परिक्रमा करें तो उसके शरीर में ऊर्जा बढ़ जाती है। कुछ लोगों को यह पोंगा पंथ लग सकती है किन्तु वैज्ञानिक यंत्रों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है। ‘आभा मण्डल' नापने के यंत्र ‘युनिवर्सल स्केनर' के उत्त परीक्षणों से सिद्ध हुआ है कि गाय, तुलसी, पीपल, सफेद आक के पूजन की परम्परा का एक ठोस वैज्ञानिक आधार है। इनसे ऊर्जा प्रवाहित होती है। देवी देवताओं के चित्रों में हम उनके सिर के पीछे एक चमकीला गोल घेरा देखते है। यह घेरा ही आभामण्डल कहलाता है। इसी प्रकार प्रत्येक मनुष्य का भी आभामंडल होता है। प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. मानीममूर्ति द्वारा आभामण्डल को नापने के यंत्र 'युनिवर्सल स्केनर' से यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति के आभामण्डल का दायरा कितना है। आभा मण्डल का दायरा जितना अधिक होगा, व्यक्ति उतना ही अधिक कार्यक्षम, मानसिक रूप से क्षमतावान व स्वस्थ होगा। इस मापक यंत्र के परीक्षणों से यह भी स्पष्ट हुआ हैं कि कोई व्यति तुलसी के पौधे या गाय की नौ बार परिक्रमा कर लें तो उसके आभा-मण्डल का दायरा बढ़ जाता है। देशी गाय की नौ परिक्रमा करने के बाद जब एक व्यक्ति के आभामंडल को मापा गया तो आश्चर्यजनक रूप से आभा मण्डल के प्रभाव क्षेत्र में बढ़ोतरी पायी गई। जो व्यक्ति अपने लिए रोता है वह स्वाथीं कहलाता है लेकिन जो दूसरों के लिए रोता है वह धर्मात्मा कहलाता है। आचार्य विद्यासागरजी Link to comment Share on other sites More sharing options...
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