Vidyasagar.Guru Posted December 29, 2019 Report Share Posted December 29, 2019 सागर में आर्यिका 105 सुनयमति माताजी की समाधि हुई सागर/ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका माँ 105 सुनयमति माताजी की समाधि में भाग्योदय तीर्थ में हो गई। मुनिसेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आर्यिका सुनयमति माताजी ने 16 अगस्त 1980 को आचार्य श्री जी से मुक्तागिरी में ब्रह्मचर्य व्रत लिया था। 6 जून 1997 को उन्हें सीधी आर्यिका दीक्षा रेवातट नेमावर में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने दी थी शुरू में आर्यिका आलोकमति माताजी का संघ था बाद में माताजी का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने से व्हील चेयर पर चलती थी। 27 दिसंबर की रात्रि प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र नैनागिर में सामायिक के दौरान कोयले की सिगड़ी की आग भड़कने से माताजी के वस्त्रों तक पहुंच गई जिससे वे लगभग 90 प्रतिशत जल गई थी उन्हें भाग्योदय तीर्थ अस्पताल लाया गया जहां पर उन्होंने समाधि की इच्छा जताई और 29 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे के लगभग उनकी समाधि हो गई उनका डोला अभी 10:00 बजे भाग्योदय तीर्थ से 25 एकड़ प्लाट भाग्योदय के सामने मुनि श्री क्षमा सागर महाराज की समाधि स्थल जाएगा 1 Link to comment Share on other sites More sharing options...
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