srajal jain Posted July 8, 2019 Report Share Posted July 8, 2019 *करेली * 7/7/2019 *हर्षोल्लास से मना आचार्य श्री का 52 वाँ मुनि दीक्षा दिवस* करेली जिला नरसिंहपुर (म.प्र.)में/ प्रतिभास्थली प्रणेता,पूर्णायु प्रदाता,अहिंसा के सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 52 वां मुनि दीक्षा दिवस,आचार्य श्री के परम शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी के ससंघ सानिध्य में सानन्द सम्पन्न हुआ... करेली के श्री दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण सुभाष मैदान में आचार्य श्री विद्यासागर जी के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी,मुनि श्री अनन्त सागर जी,मुनि श्री धर्म सागर जी,मुनि श्री अचल सागर जी व मुनि श्री भावसागर जी के परम सानिध्य में 7 जुलाई को श्री दिगंबर जैन बडा मंदिर प्रांगण,सुभाष मैदान में मनाया गया । आचार्य श्री का मुनि दीक्षा दिवस भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में हर्षोल्लास से मनाया गया । यह कार्यक्रम ब्रम्हचारी मनोज भैया, जबलपुर के निर्देशन में सम्पन्न हुआ । करेली के इतिहास में प्रथम बार विशेष तरीके से प्रतिमाओं का अभिषेक शांतिधारा हुई और 52 सौधर्म इंद्र, 52 कुबेर,महायज्ञ नायक बने और विशेष द्रव्यों से आचार्य जी की पूजन एवं आचार्य छत्तीसी विधान हुआ। दोपहर में हरियाली महोत्सव के तहत वृक्षारोपण किया गया । आचार्य श्री की 52 दीपों से भव्य महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भक्तिमय आयोजन हुआ । लोगों ने भक्ति भाव से नृत्य करके हर्षोल्लास पूर्वक यह महा महोत्सव मनाया । इस कार्यक्रम में पंचायत कमेटी़ ,नवयुवक मंडल,महिला मंडल ,बालिका मंडल पाठशाला परिवार का विशेष सहयोग रहा । मुनि श्री भावसागर जी द्वारा रचित आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आरती की गई। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि हम गुरुदेव का दीक्षा दिवस मना रहे हैं। आपकी प्रातः काल से भक्ति चल रही है।गुरु जी जगत के कल्याण की भावना भाते हैं। साधु जब अपने से बाहर आते हैं तो अपने वालों के साथ हो जाते हैं। गुरुदेव ने छोटी-छोटी कविताओं के माध्यम से उपदेश दिए हैं। गुरुदेव की भक्ति हमेशा अच्छे से करते रहना। गुरु भक्ति और संयम के माध्यम से सब कुछ हो जाता है । *अंधे युग को दे दी आंखें -मुनि श्री भावसागर जी* मुनि श्री भाव सागर जी ने आचार्य श्री की भावना को बेहद खूबसूरती से भक्तों को बताया कि आचार्य श्री सारे संसार की भलाई की भावना रखते हैं,इसी क्रम में उन्होंने बालिकाओं की रक्षा के लिए प्रतिभास्थली की स्थापना की है उसमें बेटियों को बेहतर तालीम के साथ संस्कारों का ज्ञान कराया जा रहा है वहीं लोगों की सेहत का ख्याल करते हुए उनकी वैयावृत्ती के लिए पूर्णायु और भाग्योदय जैसे तंदुरुस्त रखने वाले संस्थानों की स्थापना गुरुदेव की भावना से हुई है इसके साथ ही बेरोजगारों को बेहतर दिशा और मार्गदर्शन के साथ साथ वस्त्रों के जरिए होने वाली हिंसा को रोकने के लिए आचार्य श्री ने हथकरघा की स्थापना का संदेश दिया जिसके चलते देश भर में एक बार फिर हथकरघा की बड़ी तादाद में स्थापना हुईं हैं । इन हथकरघों के जरिये अब अहिंसक वस्त्र तैयार हो रहे हैं और इनके इस्तेमाल से धर्म का पालन तो हो ही रहा है साथ ही कपड़ों से होने वाली हिंसा को भी रोका जा रहा है । *आचार्य श्री ने आगम को ही उपचार माना -मुनि श्री अचल सागर जी* मुनि श्री अचल सागर महाराज ने आचार्य श्री के संस्मरण सुनाते हुए धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के भगवन आचार्य श्री गुरुदेव पर भी कम उपसर्ग नही आये बाबजूद उन्होंने आगम को ही उपचार बनाया... आगे उन्होंने कहा कि नेतृत्व करने का वही सबसे बड़ा अधिकारी है जिसके पास क्षमता,समता और ममता ये तीनों गुण हों वहीं *मुनि श्री अनंत सागर महाराज* ने आचार्य श्री के कई संस्मरणोँ पर प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री के कई वृतांत श्रद्धालुओं को बताए... Link to comment Share on other sites More sharing options...
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