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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

मंदिर के लिए अच्छी वस्तुओं का दान करे जिससे सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था हो- मुनिश्री विमल सागर जी


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*दमोह 21-05-2019*
*मंदिर के लिए अच्छी वस्तुओं का दान करे जिससे सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था हो- मुनिश्री* 

 दमोह ( मध्यप्रदेश)  में *सर्व श्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के* शिष्य मुनि श्री  विमल सागर जी महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे  मंदिर में  विराजमान है। प्रातः काल आचार्य श्री की पूजन संपन्न हुई।इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि दान करने के लिए तथा अपने सुख प्राप्त करने के लिए जो निर्धन मनुष्य धन को संग्रहीत करता है वह मैं स्नान करूंगा इस विचार से अपने शरीर को कीचड़ से लिप्त करता है। कोड़ी कमाने के लिए यदि कोडी भर भी इज्जत नहीं रहे तो उस धन का क्या औचित्य। जो आप कमा रहे है उसमें से दान करें।अन्याय पूर्वक धन्य नहीं कमाए। तीन लोक के नाथ के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था होनी चाहिए। जो मंदिर के लिए अच्छी वस्तुओं का दान करते हैं वे विशेष पुण्य का अर्जन करते हैं। ऐसे लोगो को धर्म की बागडोर नहीं सौपना चाहिए जो निष्क्रिय है। ऐसे लोगो को बागडोर सोपे जो मंदिर की वस्तुओं में वृद्धि करें। ।शाम को मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि भक्ति जीवन जीने की कला सिखाती है। भक्ति मरण से बचाती है। श्रद्धा और समर्पण लबालब भरा रहता है और वह कभी भयभीत नहीं होता है। सच्चा भक्त किसी भी परीक्षा से गुजरने पर भयभीत नहीं होता है। अंगारा , हवा , तूफान , भूकंप , आदि विपदाओं से कभी नहीं घबराता है। जो भी कार्य करना है तो जुनून से करें *जिद करो दुनिया बदलो* चाहे पढ़ाई हो या लौकिक या धार्मिक कार्य जुनून के साथ करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। अपने घाव उसी को दिखाओ जो इलाज कर सके सभी को घाव दिखाओगे तो लोग घाव देखकर कुरेद कुरेद कर बड़े कर देते हैं इसलिए अपनी समस्याएं उसी को बताओ जो कुछ मदद कर सके।
 

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